देवरी, राजस्थान: Difference between revisions

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*[[मेवाड़]] के महाराणा राजसिंह ने देवरी पर मुग़ल सम्राट [[औरंगज़ेब]] की सेना का आक्रमण विफल कर दिया था।
*[[मेवाड़]] के महाराणा राजसिंह ने देवरी पर मुग़ल सम्राट [[औरंगज़ेब]] की सेना का आक्रमण विफल कर दिया था।
*मुग़ल सम्राट ने महाराणा को मारवाड़ के राजकुमार [[अजीत सिंह]] को शरण देने तथा [[जज़िया कर]] के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए दोषी ठहराया था।
*मुग़ल सम्राट ने महाराणा को [[मारवाड़]] के राजकुमार [[अजीत सिंह]] को शरण देने तथा [[जज़िया कर]] के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए दोषी ठहराया था।
*मारवाड़ के वीर [[दुर्गादास राठौर|दुर्गादास]] की कूटनीति के फलस्वरूप देवरी की घाटी में मुग़ल सेना फंस गई तथा उसका बड़ा भाग नष्ट हो गया।
*मारवाड़ के वीर [[दुर्गादास राठौर|दुर्गादास]] की कूटनीति के फलस्वरूप देवरी की घाटी में मुग़ल सेना फंस गई तथा उसका बड़ा भाग नष्ट हो गया।



Revision as of 13:29, 4 January 2013

चित्र:Disamb2.jpg देवरी एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- देवरी (बहुविकल्पी)

देवरी उदयपुर ज़िला, राजस्थान का एक ऐतिहासिक स्थान है। यह स्थान उदयपुर के निकट स्थित है। देवरी की घाटी में एक भयंकर युद्ध के पश्चात मुग़लों को बड़ा भारी नुकसान उठाना पड़ा था।

  • मेवाड़ के महाराणा राजसिंह ने देवरी पर मुग़ल सम्राट औरंगज़ेब की सेना का आक्रमण विफल कर दिया था।
  • मुग़ल सम्राट ने महाराणा को मारवाड़ के राजकुमार अजीत सिंह को शरण देने तथा जज़िया कर के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए दोषी ठहराया था।
  • मारवाड़ के वीर दुर्गादास की कूटनीति के फलस्वरूप देवरी की घाटी में मुग़ल सेना फंस गई तथा उसका बड़ा भाग नष्ट हो गया।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 450 |


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