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'''बानकोट''' [[महाराष्ट्र]] राज्य में पश्चिमी-समुद्र तट पर बंबई (वर्तमान [[मुम्बई]]) के निकट स्थित है। इसी स्थान को [[अंग्रेज़]] [[ईस्ट इंडिया कंपनी]] ने 'फ़ोर्ट विक्टोरिया' का नाम दिया था, क्योंकि कंपनी ने अपनी व्यापारिक कोठियों की रक्षा के लिए यहाँ इस नाम का क़िला बनवाया था। प्रथम [[पेशवा]] [[बालाजी विश्वनाथ]] से संधि करने के पश्चात अंग्रेज़ों को [[भारत]] के पश्चिमी तट पर सबसे पहले यही स्थान प्राप्त हुआ था।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=621|url=}}</ref>
'''बानकोट''' [[महाराष्ट्र]] राज्य में पश्चिमी-समुद्र तट पर बंबई (वर्तमान [[मुम्बई]]) के निकट स्थित है। इसी स्थान को [[अंग्रेज़]] [[ईस्ट इंडिया कंपनी]] ने 'फ़ोर्ट विक्टोरिया' का नाम दिया था, क्योंकि कंपनी ने अपनी व्यापारिक कोठियों की रक्षा के लिए यहाँ इस नाम का क़िला बनवाया था। प्रथम [[पेशवा]] [[बालाजी विश्वनाथ]] से संधि करने के पश्चात अंग्रेज़ों को [[भारत]] के पश्चिमी तट पर सबसे पहले यही स्थान प्राप्त हुआ था।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=621|url=}}</ref>


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बानकोट महाराष्ट्र राज्य में पश्चिमी-समुद्र तट पर बंबई (वर्तमान मुम्बई) के निकट स्थित है। इसी स्थान को अंग्रेज़ ईस्ट इंडिया कंपनी ने 'फ़ोर्ट विक्टोरिया' का नाम दिया था, क्योंकि कंपनी ने अपनी व्यापारिक कोठियों की रक्षा के लिए यहाँ इस नाम का क़िला बनवाया था। प्रथम पेशवा बालाजी विश्वनाथ से संधि करने के पश्चात अंग्रेज़ों को भारत के पश्चिमी तट पर सबसे पहले यही स्थान प्राप्त हुआ था।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार |पृष्ठ संख्या: 621 |

बाहरी कड़ियाँ

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