छत्तीसगढ़ का भूगोल: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
Line 15: Line 15:


====महानदी====
====महानदी====
{{main|महानदी}}
[[चित्र:Mahanadi.jpg|thumb|150px|[[महानदी]]]]
[[महानदी]] [[सिहावा पर्वत श्रेणी|सिहावा पर्वत]] से निकलती है। यह उत्तर पूर्व की ओर बहती हुई [[धमतरी]] और [[राजिम]] होती हुई बलौदा बाज़ार की उत्तरी सीमा तक पहुँचती है। इसके बाद महानदी अपनी धुन में बहती-बहती पूर्व की ओर मुड़कर रायपुर को बिलासपुर ज़िले से अलग कर देती है। गर्मियों में महानदी सूख जाती है, पर [[वर्षा]] होने के बाद उसका रूप बदल जाता है। [[जुलाई]] से [[फ़रवरी]] में उसमें नावें भी चलती हैं। पहले तो महानदी और उसकी सहायक नदियों के माध्यम से [[छत्तीसगढ़]] में पैदा होने वाली वस्तुओं को [[समुद्र]] के निकट स्थित बाज़ारों तक भेजा जाता था। महानदी की प्रमुख सहायक नदियाँ हैं- [[हसदो नदी|हसदो]], [[जोंक नदी|जोंक]] व शिवनाथ।
[[महानदी]] [[सिहावा पर्वत श्रेणी|सिहावा पर्वत]] से निकलती है। यह उत्तर पूर्व की ओर बहती हुई [[धमतरी]] और [[राजिम]] होती हुई बलौदा बाज़ार की उत्तरी सीमा तक पहुँचती है। इसके बाद महानदी अपनी धुन में बहती-बहती पूर्व की ओर मुड़कर रायपुर को बिलासपुर ज़िले से अलग कर देती है। गर्मियों में महानदी सूख जाती है, पर [[वर्षा]] होने के बाद उसका रूप बदल जाता है। [[जुलाई]] से [[फ़रवरी]] में उसमें नावें भी चलती हैं। पहले तो महानदी और उसकी सहायक नदियों के माध्यम से [[छत्तीसगढ़]] में पैदा होने वाली वस्तुओं को [[समुद्र]] के निकट स्थित बाज़ारों तक भेजा जाता था। महानदी की प्रमुख सहायक नदियाँ हैं- [[हसदो नदी|हसदो]], [[जोंक नदी|जोंक]] व शिवनाथ।


====शिवनाथ====
====शिवनाथ नदी====
{{main|शिवनाथ नदी}}
[[चित्र:Shivnath-River.jpg|thumb|150px|[[शिवनाथ नदी]]]]
यह नदी महानदी की प्रमुख सहायक नदी है। यह [[दुर्ग ज़िला|दुर्ग ज़िले]] की दक्षिण-पश्चिम सीमा से निकलती है। फिर उत्तर की ओर बहती हुई रायपुर ज़िले के बलौदा बाज़ार तहसील के उत्तरी भाग में जाकर यह महानदी में मिल जाती है। महानदी और शिवनाथ जहाँ मिलती हैं, वह जगह जैसर गाँव के नजदीक है। शिवनाथ नदी के कुछ भागों में सिर्फ [[वर्षा]] के समय ही नावें चलती हैं और कहीं-कहीं कुछ भागों में जुलाई से फ़रवरी तक नावें चलती हैं।
यह नदी महानदी की प्रमुख सहायक नदी है। यह [[दुर्ग ज़िला|दुर्ग ज़िले]] की दक्षिण-पश्चिम सीमा से निकलती है। फिर उत्तर की ओर बहती हुई रायपुर ज़िले के बलौदा बाज़ार तहसील के उत्तरी भाग में जाकर यह महानदी में मिल जाती है। महानदी और शिवनाथ जहाँ मिलती हैं, वह जगह जैसर गाँव के नजदीक है। शिवनाथ नदी के कुछ भागों में सिर्फ [[वर्षा]] के समय ही नावें चलती हैं और कहीं-कहीं कुछ भागों में जुलाई से फ़रवरी तक नावें चलती हैं।


====खारून नदी====
====खारून नदी====
{{main|खारून नदी}}
[[चित्र:Kharun-River.jpg|thumb|150px|[[खारून नदी]]]]
शिवनाथ अगर [[महानदी]] की प्रमुख सहायक नदी है, तो [[खारून नदी|खारून]] शिवनाथ की प्रमुख सहायक नदी है। यह नदी दुर्ग ज़िले के संजारी से और फिर [[रायपुर ज़िला|रायपुर तहसील]] की सीमा से बहती हुई सोमनाथ के पास शिवनाथ नदी में मिल जाती है। इसी जगह पर यह बेमेनय और बलौदा बाज़ार तहसील को अलग करती है। बलौदा बाज़ार के उत्तर में [[अरपा नदी]], जो बिलासपुर ज़िले से निकलती है, शिवनाथ से आ मिलती है। [[हावड़ा ज़िला|हावड़ा]]-[[नागपुर]] रेलमार्ग इस खारून नदी के ऊपर से गुजरता है। खारून में एक शान्ति है, जो देखने वालों को अपनी ओर खींचती हैं।
शिवनाथ अगर [[महानदी]] की प्रमुख सहायक नदी है, तो [[खारून नदी|खारून]] शिवनाथ की प्रमुख सहायक नदी है। यह नदी दुर्ग ज़िले के संजारी से और फिर [[रायपुर ज़िला|रायपुर तहसील]] की सीमा से बहती हुई सोमनाथ के पास शिवनाथ नदी में मिल जाती है। इसी जगह पर यह बेमेनय और बलौदा बाज़ार तहसील को अलग करती है। बलौदा बाज़ार के उत्तर में [[अरपा नदी]], जो बिलासपुर ज़िले से निकलती है, शिवनाथ से आ मिलती है। [[हावड़ा ज़िला|हावड़ा]]-[[नागपुर]] रेलमार्ग इस खारून नदी के ऊपर से गुजरता है। खारून में एक शान्ति है, जो देखने वालों को अपनी ओर खींचती हैं।


====पैरी====
====पैरी====
{{main|पैरी नदी}}
पैरी नदी भी महानदी की सहायक नदी है। यह नदी वृन्दानकगढ़ जमींदारी से निकलती है। इसके बाद उत्तर-पूर्व दिशा की ओर करीब 96 कि.मी. बहती हुई राजिम क्षेत्र में महानदी से मिलती है। पैरी नदी [[धमतरी]] और [[राजिम]] को विभाजित करती है। इस नदी के तट पर स्थित है, 'राजीवलोचन का मंदिर'। राजिम में पैरी, महानदी और सोंढू नदियों का त्रिवेणी संगम स्थल है।<ref name="aa"/>  
पैरी नदी भी महानदी की सहायक नदी है। यह नदी वृन्दानकगढ़ जमींदारी से निकलती है। इसके बाद उत्तर-पूर्व दिशा की ओर करीब 96 कि.मी. बहती हुई राजिम क्षेत्र में महानदी से मिलती है। पैरी नदी [[धमतरी]] और [[राजिम]] को विभाजित करती है। इस नदी के तट पर स्थित है, 'राजीवलोचन का मंदिर'। राजिम में पैरी, महानदी और सोंढू नदियों का त्रिवेणी संगम स्थल है।<ref name="aa"/>  
==तालाब==
==तालाब==

Revision as of 08:46, 12 June 2015

छत्तीसगढ़ राज्य मध्य प्रदेश के दक्षिण-पूर्व में 17°46' उत्तरी अक्षांश से 24°5' उत्तरी अक्षांश तथा 80°15' पूर्वी देशांतर से 84°15' पूर्वी देशांतर रेखाओं के मध्य स्थित है। इसका कुल भौगोलिक क्षेत्रअफल 1,35,194 वर्ग कि.मी. है। इसकी उत्तरी-दक्षिण लम्बाई 360 कि.मी. तथा पूर्व-पश्चिम चौड़ाई 140 कि.मी. है। छत्तीसगढ़ को "धान का कटोरा" कहा जाता है।

सीमांकन

छत्तीसगढ़ के उत्तर में उत्तर प्रदेश, उत्तरी-पूर्वी सीमा में झारखण्ड, दक्षिण-पूर्व में ओडिशा राज्य स्थित है। दक्षिण में आन्ध्र प्रदेश, दक्षिण-पश्चिम में महाराष्ट्र तथा उत्तरी-पश्चिम भाग में मध्य प्रदेश स्थित है।

क्षेत्रफल

राज्य में तीन सम्भाग व 16 ज़िले हैं। यह प्रदेश भारत के कुल क्षेत्रफल का 4.11% है। क्षेत्रेफल की दृष्टि से छत्तीसगढ़ का क्षेत्रफल 16 राज्यों से अधिक है। यह राज्य अनेक छोटे-छोटे राज्यों से बड़ा है। छत्तीसगढ़ का क्षेत्रफल पंजाब, हरियाणा एवं केरल इन तीनों राज्यों के योग से अधिक है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ का सम्भाग बस्तर (39,114 वर्ग कि.मी.) का विस्तार केरल के क्षेत्रफल से बड़ा है। छत्तीसगढ़ में गांवों की संख्या 19,720 है। छत्तीसगढ़ कही ऊँची तो कहीं नीची पर्वत श्रेणियों से घिरा हुआ है। इस क्षेत्र में बहुत सारे जंगल हैं, जहाँ साल, सागौन, साजा और बीजा के पेड़ों की अधिकता है। बाँस के जंगल भी बहुत हैं।[1]

उपजाऊ भूमि

छत्तीसगढ़ की भूमि बहुत उपजाऊ है। इस क्षेत्र के बीच में महानदी और उसकी सहायक नदियाँ एक विशाल मैदान निर्मित करती हैं, जो लगभग 80 कि.मी. चौड़ा और 322 कि.मी. लम्बा है। समुद्र सतह से यह मैदान करीब 300 मीटर ऊँचा है। इस मैदान के पश्चिम में महानदी तथा शिवनाथ का दोआब है। इस मैदान के बीच में से गुजरती है महानदी। इस मैदानी क्षेत्र के भीतर है- रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर ज़िले के दक्षिणी भाग। यह क्षेत्र बहुत ही उपजाऊ है।

प्राकृतिक खण्ड

इस मैदानी क्षेत्र के उत्तर में है मैकल पर्वत की श्रृंखला। सरगुजा की उच्चतम भूमि ईशान में है। पूर्व में है उड़ीसा की छोटी-बड़ी पहाड़ियाँ और आग्नेय में है सिहावा के पर्वत श्रृंग। दक्षिण बस्तर में हैं गिरि-मालाएँ। छत्तीसगढ़ के तीन प्राकृतिक खण्ड हैं-

  1. उत्तर में सतपुड़ा
  2. मध्य में महानदी और उसकी सहायक नदियों का मैदानी क्षेत्र
  3. दक्षिण में बस्तर का पठार

प्रमुख नदियाँ

छत्तीसगढ़ में अनेक नदियाँ हैं। प्रमुख नदियाँ हैं- महानदी, शिवनाथ, खारून तथा पैरी[1]

महानदी

  1. REDIRECTसाँचा:मुख्य

[[चित्र:Mahanadi.jpg|thumb|150px|महानदी]] महानदी सिहावा पर्वत से निकलती है। यह उत्तर पूर्व की ओर बहती हुई धमतरी और राजिम होती हुई बलौदा बाज़ार की उत्तरी सीमा तक पहुँचती है। इसके बाद महानदी अपनी धुन में बहती-बहती पूर्व की ओर मुड़कर रायपुर को बिलासपुर ज़िले से अलग कर देती है। गर्मियों में महानदी सूख जाती है, पर वर्षा होने के बाद उसका रूप बदल जाता है। जुलाई से फ़रवरी में उसमें नावें भी चलती हैं। पहले तो महानदी और उसकी सहायक नदियों के माध्यम से छत्तीसगढ़ में पैदा होने वाली वस्तुओं को समुद्र के निकट स्थित बाज़ारों तक भेजा जाता था। महानदी की प्रमुख सहायक नदियाँ हैं- हसदो, जोंक व शिवनाथ।

शिवनाथ नदी

  1. REDIRECTसाँचा:मुख्य

[[चित्र:Shivnath-River.jpg|thumb|150px|शिवनाथ नदी]] यह नदी महानदी की प्रमुख सहायक नदी है। यह दुर्ग ज़िले की दक्षिण-पश्चिम सीमा से निकलती है। फिर उत्तर की ओर बहती हुई रायपुर ज़िले के बलौदा बाज़ार तहसील के उत्तरी भाग में जाकर यह महानदी में मिल जाती है। महानदी और शिवनाथ जहाँ मिलती हैं, वह जगह जैसर गाँव के नजदीक है। शिवनाथ नदी के कुछ भागों में सिर्फ वर्षा के समय ही नावें चलती हैं और कहीं-कहीं कुछ भागों में जुलाई से फ़रवरी तक नावें चलती हैं।

खारून नदी

  1. REDIRECTसाँचा:मुख्य

[[चित्र:Kharun-River.jpg|thumb|150px|खारून नदी]] शिवनाथ अगर महानदी की प्रमुख सहायक नदी है, तो खारून शिवनाथ की प्रमुख सहायक नदी है। यह नदी दुर्ग ज़िले के संजारी से और फिर रायपुर तहसील की सीमा से बहती हुई सोमनाथ के पास शिवनाथ नदी में मिल जाती है। इसी जगह पर यह बेमेनय और बलौदा बाज़ार तहसील को अलग करती है। बलौदा बाज़ार के उत्तर में अरपा नदी, जो बिलासपुर ज़िले से निकलती है, शिवनाथ से आ मिलती है। हावड़ा-नागपुर रेलमार्ग इस खारून नदी के ऊपर से गुजरता है। खारून में एक शान्ति है, जो देखने वालों को अपनी ओर खींचती हैं।

पैरी

  1. REDIRECTसाँचा:मुख्य

पैरी नदी भी महानदी की सहायक नदी है। यह नदी वृन्दानकगढ़ जमींदारी से निकलती है। इसके बाद उत्तर-पूर्व दिशा की ओर करीब 96 कि.मी. बहती हुई राजिम क्षेत्र में महानदी से मिलती है। पैरी नदी धमतरी और राजिम को विभाजित करती है। इस नदी के तट पर स्थित है, 'राजीवलोचन का मंदिर'। राजिम में पैरी, महानदी और सोंढू नदियों का त्रिवेणी संगम स्थल है।[1]

तालाब

छत्तीसगढ़ में तालाबों की संख्या बहुत ज्यादा है। ये तालाब वर्षा के पानी से भरते हैं। शहरों में तालाब भरकर मकान बनाये जा रहे हैं, जो भविष्य में पानी की समस्या के रूप में प्रकट होगा। रायपुर, छत्तीसगढ़ की राजधानी में बीस साल पहले ढेर सारे तालाब हुआ करते थे। आज जगहों के नाम से पता चलता है कि वहाँ पहले तालाब हुआ करता था। यहाँ की बहुत सारी जगहों का नाम तालाब के साथ जुड़ा हुआ है, जैसे- कटोरा तालाब, बूढ़ा तालाब आदि। गाँव में भी तालाबों की संख्या दूसरे क्षेत्र से कई गुना अधिक है।


  1. REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 1.2 छत्तीसगढ़ की भौगोलिक स्थिति (हिन्दी) इग्निका। अभिगमन तिथि: 11 जून, 2015।

संबंधित लेख