हवा महल जयपुर: Difference between revisions
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*महल का निर्माण महाराज सवाई प्रताप सिहं ने सिर्फ इसलीये करवाया था ताकि रानीयाँ व राजकुमारीयाँ विशेष मोकों पर निकलने वाले जुलूस व शहर आदि को देख सकें। | *महल का निर्माण महाराज सवाई प्रताप सिहं ने सिर्फ इसलीये करवाया था ताकि रानीयाँ व राजकुमारीयाँ विशेष मोकों पर निकलने वाले जुलूस व शहर आदि को देख सकें। | ||
*शहर की चारदीवारी के बीच स्थित इस खूबसूरत भवन में 152 खिड़कीयाँ व जालीदार छज्जे हैं यह भवन राजपूत व | *शहर की चारदीवारी के बीच स्थित इस खूबसूरत भवन में 152 खिड़कीयाँ व जालीदार छज्जे हैं यह भवन राजपूत व मुग़ल कला का शानदार नमूना है इसमें बनाए गए अनगिनत हवादार झरोखों के कारण इसका नाम हवा महल पड़ा। | ||
*मधुमक्खी के छत्ते जैसी संरचना के लिए प्रसिद्ध, हवा महल लाल और गुलाबी सेंड स्टोन से मिल जुल कर बनाया गया है, जिसमें सफेद किनारी और मोटिफ के साथ बारीकी से पच्चीकारी की गई है। | *मधुमक्खी के छत्ते जैसी संरचना के लिए प्रसिद्ध, हवा महल लाल और गुलाबी सेंड स्टोन से मिल जुल कर बनाया गया है, जिसमें सफेद किनारी और मोटिफ के साथ बारीकी से पच्चीकारी की गई है। | ||
*यह भवन पाँच मंजिला है, जो पुराने शहर की मुख्य सड़क पर दिखाई देता है और यह राजपूत कलाकारी का एक चौंका देने वाला नमूना है। | *यह भवन पाँच मंजिला है, जो पुराने शहर की मुख्य सड़क पर दिखाई देता है और यह राजपूत कलाकारी का एक चौंका देने वाला नमूना है। |
Revision as of 14:19, 28 August 2010
[[चित्र:Hawa-Mahal-Jaipur.jpg|हवामहल, जयपुर
Hawa Mahal, Jaipur|thumb]]
- राजस्थान राज्य की राजधानी जयपुर की पहचान माना जाने वाला हवा महल कई स्तरों पर बना हुआ महल है।
- इसका निर्माण सवाई प्रताप सिंह (सवाई जयसिंह के पौत्र और सवाई माधोसिंह के पुत्र) ने 1799 ए. डी. में कराया था और श्री लाल चंद उस्ता इसके वास्तुकार थे।
- महल का निर्माण महाराज सवाई प्रताप सिहं ने सिर्फ इसलीये करवाया था ताकि रानीयाँ व राजकुमारीयाँ विशेष मोकों पर निकलने वाले जुलूस व शहर आदि को देख सकें।
- शहर की चारदीवारी के बीच स्थित इस खूबसूरत भवन में 152 खिड़कीयाँ व जालीदार छज्जे हैं यह भवन राजपूत व मुग़ल कला का शानदार नमूना है इसमें बनाए गए अनगिनत हवादार झरोखों के कारण इसका नाम हवा महल पड़ा।
- मधुमक्खी के छत्ते जैसी संरचना के लिए प्रसिद्ध, हवा महल लाल और गुलाबी सेंड स्टोन से मिल जुल कर बनाया गया है, जिसमें सफेद किनारी और मोटिफ के साथ बारीकी से पच्चीकारी की गई है।
- यह भवन पाँच मंजिला है, जो पुराने शहर की मुख्य सड़क पर दिखाई देता है और यह राजपूत कलाकारी का एक चौंका देने वाला नमूना है।
- जिसमें गुलाबी रंग के अष्ट भुजाकार और बारीकी से मधुमक्खी के छत्ते के समान बनाई गई सेंड स्टोन की खिड़कियाँ हैं।
- यह मूल रूप से शाही परिवार की महिलाओं को शहर के दैनिक जीवन और जलसों को देखने के लिए बनवाया गया था।
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