औंधा: Difference between revisions

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[[चित्र:Aundha-Maharashtra.jpg|thumb|250px|नागनाथ मंदिर, औंधा]]
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'''औंधा''' [[महाराष्ट्र]] में [[पुणे]]-हिंगोली रेल मार्ग के चोंडी स्टेशन से आठ मील{{मील|मील=8}}
'''औंधा''' [[महाराष्ट्र]] में [[पुणे]]-हिंगोली रेल मार्ग के चोंडी स्टेशन से आठ मील{{मील|मील=8}}पर स्थित है।  
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*नागनाथ के मंदिर के कारण यह स्थान प्रख्यात है।  
*नागनाथ के मंदिर के कारण यह स्थान प्रख्यात है।  
*कहा जाता कि मंदिर को किसी [[पांडव]] नरेश ने अपार धन लगाकर बनवाया था।  
*कहा जाता कि मंदिर को किसी [[पांडव]] नरेश ने अपार धन लगाकर बनवाया था।  

Revision as of 07:21, 23 May 2018

thumb|250px|नागनाथ मंदिर, औंधा औंधा महाराष्ट्र में पुणे-हिंगोली रेल मार्ग के चोंडी स्टेशन से आठ मील (लगभग 12.8 कि.मी.)पर स्थित है।

  • नागनाथ के मंदिर के कारण यह स्थान प्रख्यात है।
  • कहा जाता कि मंदिर को किसी पांडव नरेश ने अपार धन लगाकर बनवाया था।
  • मंदिर भारत के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से है।
  • इसका नक्शा चालुक्य मंदिरों की भांति ही है। अर्थात आधार ताराकृति है और बीच में एक बड़ा वर्गाकार मंडप है जिसके आगे उत्तर, दक्षिण, और पश्चिम की ओर द्वारमंडप बने हुए हैं।
  • देवगृह या पूजा स्थान पूर्व की ओर है।
  • द्वारमंडप की छत के आधार अतीव सुन्दर नक़्क़ाशीदार अष्टकोण स्तंभ हैं।
  • देवगृह के द्वारों पर तथा उनके मंडपों पर भी बारीक नक़्क़ाशी है।
  • भवन के बाहरी की ओर भी चालुक्य शैली में अत्यन्त कलापूर्ण तक्षण शिल्प दिखाई देता है।
  • इसमें उत्कीर्ण मूर्तियों की अनुप्रस्थ तथा उदग्रपट्टियाँ हैं जिनके बीच-बीच में सादी नक़्क़ाशी रहित पट्टियाँ हैं।
  • हलेबिड के मंदिर की मूर्तिकला से इस मंदिर की मूर्तिकारी की समानता स्पष्ट दिखाई देती है।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  • ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 120| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार


बाहरी कड़ियाँ

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