अगस्त क्रांति: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - " खिलाफ " to " ख़िलाफ़ ") |
No edit summary |
||
Line 15: | Line 15: | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन}} | {{भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन}} | ||
[[Category:महात्मा गाँधी]] | [[Category:महात्मा गाँधी]][[Category:आंदोलन]][[Category:भारतीय आंदोलन]] | ||
[[Category:इतिहास कोश]] | [[Category:इतिहास कोश]][[Category:अंग्रेज़ी शासन]][[Category:भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन]][[Category:आधुनिक काल]] | ||
[[Category:अंग्रेज़ी शासन]] | |||
[[Category:भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन]] | |||
[[Category:आधुनिक काल]] | |||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
__NOTOC__ | __NOTOC__ |
Latest revision as of 08:27, 14 January 2020
अगस्त क्रांति आंदोलन की शुरूआत 9 अगस्त 1942 को हुई थी। मुम्बई के जिस पार्क से यह आंदोलन शुरू हुआ, उसे अगस्त क्रांति मैदान नाम दिया गया है। द्वितीय विश्व युद्ध में समर्थन लेने के बावजूद जब अंग्रेज़ भारत को स्वतंत्र करने को तैयार नहीं हुए तो राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भारत छोड़ो आंदोलन के रूप में आजादी की अंतिम जंग का ऐलान कर दिया जिससे ब्रितानिया हुकूमत में दहशत फैल गई।
- अगस्त क्रांति दिवस
अगस्त क्रांति आंदोलन की शुरूआत 9 अगस्त, 1942 को हुई थी, इसीलिए भारतीय इतिहास में 9 अगस्त के दिन को अगस्त क्रांति दिवस के रूप में जाना जाता है।
इतिहास
अंग्रेजों को देश से भगाने के लिए 4 जुलाई 1942 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें कहा गया कि यदि अंग्रेज भारत नहीं छोड़ते हैं तो उनके ख़िलाफ़ व्यापक स्तर पर नागरिक अवज्ञा आंदोलन चलाया जाए। इस प्रस्ताव को लेकर हालांकि पार्टी के भीतर मतभेद पैदा हो गए और प्रसिद्ध कांग्रेसी नेता चक्रवर्ती राजगोपालाचारी ने पार्टी छोड़ दी। पंडित जवाहर लाल नेहरू और मौलाना आजाद प्रस्तावित आंदोलन को लेकर शुरूआत में संशय में थे। उन्होंने महात्मा गांधी के आह्वान पर इसके समर्थन का फैसला किया। उधर सरदार वल्लभ भाई पटेल और डॉ. राजेंद्र प्रसाद यहां तक कि अशोक मेहता और जयप्रकाश नारायण जैसे वरिष्ठ गांधीवादियों और समाजवादियों ने इस तरह के किसी भी आंदोलन का खुलकर समर्थन किया। आंदोलन के लिए कांग्रेस को हालांकि सभी दलों को एक झंडे तले लाने में सफलता नहीं मिली। मुस्लिम लीग, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और हिन्दू महासभा ने इस आह्वान का विरोध किया। 8 अगस्त 1942 को अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के बम्बई सत्र में भारत छोड़ो आंदोलन का प्रस्ताव पारित किया गया।
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख