किशनगढ़ चित्र शैली: Difference between revisions

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Latest revision as of 09:18, 17 October 2021

किशनगढ़ चित्रकला शैली (अंग्रेज़ी: Kishangarh Painting) राजस्थान की कला है। जोधपुर के राजा उदय सिंह के (16वें) सोलह पुत्रों में से एक किशन सिंह ने सन 1609 ई. में इसकी नींव रखी थी। इस चित्र शैली के कला सरंक्षक किशन सिंह के पश्चात सृहसमल (1615-1618 ई.), जगमल (1618-1629 ई.) तथा हरिसिंह (1628-1643 ई.) किशनगढ़ के उत्तराधिकारी हुए। यह तीनों भाई थे। इनके समय के कुछ चित्र उपलब्ध हैं। हरिसिंह के पश्चात किशनगढ़ चित्र शैली के उत्कृष्ट स्वरूप निर्माण में राजा रूप सिंह, मानसिंह, राजसिंह तथा इनके पुत्र महाराजा सावंत सिंह (नागरीदास) का विशेष योगदान था।

विशेष यात्रा

किशनगढ़ के राजा सावंत सिंह राधा-कृष्ण के उपासक थे। कला, संगीत में विशेष अनुराग होने के कारण सावंत सिंह शीघ्र ही राधा-कृष्ण की माधुर्य भक्ति में लीन हो गए और उन्होंने चित्रकला को अधिक प्रोत्साहन दिया। महाराजा सावंत सिंह के समय को किशनगढ़ चित्र शैली का स्वर्ण काल कहा जाता है।[1]

बणी-ठणी

[[चित्र:Bani-Thani.jpg|thumb|250px|बणी-ठणी]] राजा सावंत सिंह के समय में अनेकों चित्रकारों को सरक्षण प्राप्त था। उनमें से ही एक आश्रित चित्रकार मोरध्वज निहालचंद थे। मोरध्वज निहालचंद ने बणी-ठणी को अति सुंदर रूप में चित्रित किया। इसका अंतरराष्ट्रीय श्रेय एरिकसन और फेमाज अली को है। किशनगढ़ में बणी-ठणी के इस अद्वितीय सौंदर्य को राधा का प्रतीक मानकर राधा-कृष्ण के चित्रों की रचना हुई।

निहालचंद ने राधा व कृष्ण का सुंदर रूप चित्रित किया, जिसमें राधा की मुखाकृति को बणी-ठणी के चेहरे पर आधारित किया गया; क्योंकि बणी-ठणी अपने अद्वितीय सौंदर्य के कारण रूप चित्रण का आदर्श बन गई। बणी-ठणी राजा सावंत सिंह की उपपत्नी थी। इसी कारण नायक-नायिका एवं राधा-कृष्ण के चित्रण में नायिका एवं राधा की भूमिका में बणी-ठणी को चित्रित किया गया है।[1]

चित्र में बणी-ठणी के बाएं हाथ में कमल की दो कलियां और दाएं हाथ से वह ओढ़नी को बाएं ओढ़े हुए घुंघट ओढ़ रही है। पृष्ठभूमि गहरे हरे रंग की सपाट तथा चित्र में सभी रंगो का प्रयोग आवश्यकता अनुसार किया गया है। बणी-ठणी किशनगढ़ का सर्वाधिक प्रसिद्ध चित्र है और इसे भारत की मोनालिसा भी कहा जाता है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 किशनगढ़ चित्र शैली (हिंदी) fineartist.in। अभिगमन तिथि: 17 अक्टूबर, 2021।

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