त्सुलटिम छोंजोर: Difference between revisions
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Revision as of 08:11, 15 October 2022
thumb|250px|लामा त्सुलटिम छोंजोर लामा त्सुलटिम छोंजोर (अंग्रेज़ी: Lama Tsultrim Chonjor) भारतीय नागरिक हैं जिन्हें वर्ष 2021 में 'पद्म श्री' से सम्मानित किया गया। उन्हें लद्दाख़ का दशरथ मांझी' कहा जाता है। जिस प्रकार बिहार के दशरथ मांझी ने अपने परिश्रम से पहाड़ काटकर सड़क मार्ग तैयार किया था, उसी प्रकार लद्दाख़ के त्सुलटिम छोंजोर ने भी अपनी संपत्ति बेचकर 38 किलोमीटर सड़क बना डाली।
परिचय
किसी ने सच ही कहा है कि इंसान अगर कुछ करना चाहे तो क्या कुछ नहीं कर सकता। इस बात का प्रत्यक्ष उदाहरण हैं- लामा त्सुलटिम छोंजोर; जिन्हें 'लद्दाख़ का दशरथ मांझी' भी कहा जाता है। त्सुलटिम छोंजोर ने अपनी पूरी संपत्ति को बेचकर 57 लाख की मशीनरी खरीदी, जिसकी मदद से उन्होंने 38 किलोमीटर की सड़क का निर्माण लद्दाख़ में किया है। लद्दाख़ भारत का वो इलाका है जहां पहाड़ों को काटकर ही सड़क बनाई जा सकती है।
लामा त्सुलटिम छोंजोर ने लद्दाख़ के कारगिल जिले के जंस्कार क्षेत्र में अपनी संपत्ति और जमीन बेचकर सड़क का निर्माण करके नई मिसाल पेश की है। उनके समाज सेवा के इस कार्य को ध्यान में रखते हुए ही भारत सरकार ने उन्हें 'पद्म श्री (2021) सम्मान से सम्मानित किया। लामा त्सुलटिम छोंजोर दुनिया के सामने प्रेरणास्त्रोत बन गए हैं। लद्दाख़ जैसे दुर्गम क्षेत्र में सड़क का निर्माण करना उनके लिए आसान नहीं था। इस सफर में उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।[1]
लोगों की परेशानी देख बनाई सड़क
हर इंसान के लिए अपनी संपत्ति बहुत प्रिय होती है लेकिन लामा त्सुलटिम छोंजोर आम लोगों से एकदम विपरीत हैं। उन्होंने अपनी संपत्ति केवल लोगों की राह आसान करने के उद्देश्य से बेच दी। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के रामजक से जंस्कार के करग्याक तक 38 किलोमीटर लंबी सड़क बनवाई थी। लद्दाख़ के स्टोंगडे गांव के रहने वाले छोंजोर ने लोगों की परेशानियों को दूर करने के लिए सड़क निर्माण की परियोजना अपने हाथ में ली, क्योंकि हिमाचल और अन्य इलाकों की तरफ जाने के लिए स्थानीय लोगों को कई दिन पैदल चलने के बाद वाहनों में भारी भरकम राशि देनी पड़ती थी। जिसे देखते हुए उन्होंने लोगों की मदद करने की ठानी।
माउंटन मैन
बिहार के 'माउंटन मैन' कहे जाने वाले दशरथ मांझी के बारे में सभी जानते हैं। जिन्होंने एक छेनी-हथौड़े से 22 वर्षों में गहलौर पहाड़ को काटकर रास्ता बना दिया था। इसी तरह का कारनामा लद्दाख़ में करके लामा त्सुलटिम छोंजोर लद्दाख़ के माउंटन मैन और दशरथ मांझी बन गए हैं। उन्होंने लोगों की मदद करने के लिए अपना सब कुछ बेचकर हिमालयी क्षेत्र के दुर्गम पहाड़ों को काटकर 38 किमी लंबी सड़क बना दी। सामान्य सड़क के मुकाबले पहाड़ पर सड़क बनाना बेहद मुश्किल होता है। जंस्कार घाटी के लिए वह 'मेमे छोंजोर' हैं। इसका अर्थ है- दादा छोंजोर। 38 किलोमीटर लंबी इस सड़क में केवल श्रमदान नहीं हुआ, बल्कि यह मार्ग लामा की चल-अचल संपत्ति से भी बना है। जब वह इस सड़क पर पहली बार जीप लेकर करग्या गांव पहुंचे थे, तो ग्रामीणों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा था।
लोगों की मदद
लामा त्सुलटिम छोंजोर द्वारा बनाई गई सड़क की वजह से लद्दाख़ और हिमाचल दोनों राज्यों के लोगों को मदद मिल रही है। लामा ने अपनी संपत्ति बेचकर सड़क बनाने के लिए 57 लाख की मशीनरी खरीदी थी। इसके बाद उन्होंने कारगिल जिले के जंस्कार के करग्या गांव से हिमाचल प्रदेश की सीमा तक सड़क बनाने की मुहिम छेड़ दी। हिमाचल के जनजातीय जिला लाहुल-स्पीति में भी लामा त्सुलटिम छोंजोर के इस कार्य की वजह से जश्न का माहौल है। दारचा से शिंकुला दर्रा होकर गुजरने वाली इस सड़क को लेह लद्दाख़ के कारगिल जिला के उपमंडल जंस्कार के पहले गांव करग्या तक बनाया गया है।[1]
आजादी के कई साल बाद तक जब लद्दाख़ में सड़क नहीं बन पाई तो लामा त्सुलटिम छोंजोर ने वर्ष 2014 में खुद ही इसकी पहल की। इसके लिए उन्हें अपनी जमीन और संपत्ति तक बेचनी पड़ी। शुरुआती दिनों में लोग उनके के कार्य को मजाक में लेने लगे, लेकिन जब लामा त्सुलटिम छोंजोर ने अपने सीमित संसाधनों से दारचा से शिंकुला की ओर ट्रैक तैयार कर लिया तो सभी हैरान रह गए। लामा लामा त्सुलटिम छोंजोर बिना किसी की मदद के अपने सपनों को साकार करने में जुटे रहे और आखिरकार अपनी मेहनत के दम पर उन्होंने नामुमकिन को मुमकिन कर दिखाया।
पद्म श्री सम्मान
लामा त्सुलटिम छोंजोर के इस सराहनीय कार्य की जितनी प्रंशसा की जाए वो कम है। समाज सेवा के क्षेत्र में उनके कार्यों को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें पद्म श्री, 2021 से सम्मानित किया है। यही नहीं लाहुल स्पीति प्रशासन ने 15 अगस्त 2016 को केलंग में लामा त्सुलटिम छोंजोर को सम्मानित किया था। वर्ष 2016 में बीआरओ के कमांडर कर्नल केपी राजेंद्रा ने भी उन्हें शिंकुला में सम्मानित किया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 माउंटन मैन और मांझी पद्मश्री लामा त्सुलटिम छोंजोर (हिंदी) linkedin.com। अभिगमन तिथि: 15 अक्टूबर, 2022।
संबंधित लेख
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