तनोट जैसलमेर: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Text replace - " भारत " to " भारत ")
No edit summary
Line 1: Line 1:
[[जैसलमेर]] [[राजस्थान]] का सबसे ख़ूबसूरत शहर है और [[जैसलमेर पर्यटन]] का सबसे आकर्षक स्थल माना जाता है। तनोट जैसलमेर से लगभग 120 किमी. दूर स्थित है। यहाँ पर तनोट देवी का मंदिर है, जो जैसलमेर के भूतपूर्व भाटी शासकों की कुल देवी मानी जाती हैं। भूतपूर्व रियासत के शासकों की प्राचीनतम राजधानी होने का तनोट को गौरव प्राप्त हैं। वर्तमान मे इस देवी मंदिर में सेना तथा सीमासुरक्षा बल के जवान पूजा करते हैं, यह जैसलमेर के सेना के जवानों की देवी के रूप में विख्यात हैं। इन देवी को थार की वैष्णों देवी भी कहा जाता है। सन् 1965 ई. में तनोट में देवी मंदिर के सामने [[भारत]] और [[पाकिस्तान]] के बीच हुए युद्ध में [[भारत]] की विजय का प्रतीक विजय स्तम्भ भी स्थापित हैं।
[[जैसलमेर]] [[राजस्थान]] का सबसे ख़ूबसूरत शहर है और [[जैसलमेर पर्यटन]] का सबसे आकर्षक स्थल माना जाता है। तनोट जैसलमेर से लगभग 120 किमी. दूर स्थित है। यहाँ पर तनोट देवी का मंदिर है, जो जैसलमेर के भूतपूर्व भाटी शासकों की कुल देवी मानी जाती हैं। भूतपूर्व रियासत के शासकों की प्राचीनतम राजधानी होने का तनोट को गौरव प्राप्त हैं। वर्तमान मे इस देवी मंदिर में सेना तथा सीमासुरक्षा बल के जवान पूजा करते हैं, यह जैसलमेर के सेना के जवानों की देवी के रूप में विख्यात हैं। इन देवी को थार की वैष्णों देवी भी कहा जाता है। सन् 1965 ई. में तनोट में देवी मंदिर के सामने [[भारत]] और [[पाकिस्तान]] के बीच हुए युद्ध में [[भारत]] की विजय का प्रतीक विजय स्तम्भ भी स्थापित हैं।
 
{{लेख प्रगति
|आधार=
|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1
|माध्यमिक=
|पूर्णता=
|शोध=
}}
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{राजस्थान के पर्यटन स्थल}}
{{राजस्थान के पर्यटन स्थल}}

Revision as of 12:11, 3 October 2010

जैसलमेर राजस्थान का सबसे ख़ूबसूरत शहर है और जैसलमेर पर्यटन का सबसे आकर्षक स्थल माना जाता है। तनोट जैसलमेर से लगभग 120 किमी. दूर स्थित है। यहाँ पर तनोट देवी का मंदिर है, जो जैसलमेर के भूतपूर्व भाटी शासकों की कुल देवी मानी जाती हैं। भूतपूर्व रियासत के शासकों की प्राचीनतम राजधानी होने का तनोट को गौरव प्राप्त हैं। वर्तमान मे इस देवी मंदिर में सेना तथा सीमासुरक्षा बल के जवान पूजा करते हैं, यह जैसलमेर के सेना के जवानों की देवी के रूप में विख्यात हैं। इन देवी को थार की वैष्णों देवी भी कहा जाता है। सन् 1965 ई. में तनोट में देवी मंदिर के सामने भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध में भारत की विजय का प्रतीक विजय स्तम्भ भी स्थापित हैं।

पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

संबंधित लेख