जटातीर्थ

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 07:48, 23 June 2017 by व्यवस्थापन (talk | contribs) (Text replacement - "पश्चात " to "पश्चात् ")
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

जटातीर्थ रामेश्वरम (चेन्नई) के निकट स्थित एक कुंड है। कहा जाता है कि लंका से युद्ध के पश्चात् रामचन्द्रजी ने अपने केशों का 'प्रक्षालन'[1] इसी स्थान पर किया था।[2] जटातीर्थ में जटाशंकर शिव का एक मंदिर भी है।

  • लंका के राजा रावण के मारे जाने पर जिस जल में श्रीराम ने अपनी जटाएँ धोयी थीं, वही जटातीर्थ कहलाया।
  • गंधमादन पर्वत पर स्वयं भगवान शिव ने अज्ञान के नाश हेतु इस तीर्थ को प्रकट किया था।
  • व्यास के कहने से शुकदेव यहाँ गये थे। भृगु भी यहाँ आकर अपनी बुद्धि को शुद्ध कर आये थे।[3]
  • यहाँ से एक मील दक्षिण की ओर जंगल में देवी काली का अति प्राचीन मंदिर भी है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. पूर्ण सफाई
  2. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 353 |
  3. स्कन्दपुराण, ब्रह्मपुराण सेतु-माहात्म्य

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः