अंकन (शब्द संदर्भ)

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अंकन - संज्ञा पुल्लिंग (संस्कृत अङ्कन) (विशेषण अङ्कनीय, अङ्कित, अङ्क्‌य)[1]

1.चिह्न करना, निशान करना।
2. लेखन, लिखना। जैसे- 'चित्रांकन', 'चरित्रांकन' में 'अंकन'।
3. शंख, चक्र, गदा, पद्म या त्रिशूल आदि के चिह्न गर्म धातु से बाहु पर छपवाना।

विशेष - वैष्णव लोग शंख, चक्र, गदा, पद्म आदि विष्णु के चार आयुधों के चिह्न छपवाते हैं और दक्षिण भारत के शैव लोग त्रिशूल या शिवलिंग के। रामानुज संप्रदाय के लोगों में इसका चलन बहुत है। द्वारिका इसके लिये प्रसिद्ध स्थान है।

4. गिनती करना।
5. श्रेणीनिर्धारण[2]

क्रिया प्रयोग - करना। होगा।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिंदी शब्दसागर, प्रथम भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 02 |
  2. अन्य कोश

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