रामगिरि शक्तिपीठ

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हिन्दू धर्म के पुराणों के अनुसार जहां-जहां सती के अंग के टुकड़े, धारण किए वस्त्र या आभूषण गिरे, वहां-वहां शक्तिपीठ अस्तित्व में आया। ये अत्यंत पावन तीर्थ कहलाये। ये तीर्थ पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर फैले हुए हैं। देवी पुराण में 51 शक्तिपीठों का वर्णन है। युगाद्या, 51 शक्तिपीठों में से एक शक्तिपीठ है।

  • रामगिरि शक्तिपीठ की स्थिति को लेकर मतांतर है।
  • कुछ मैहर (मध्य प्रदेश) के शारदा मंदिर को शक्तिपीठ मानते हैं, तो कुछ चित्रकूट के शारदा मंदिर को शक्तिपीठ मानते हैं। दोनों ही स्थान मध्य प्रदेश में हैं तथा तीर्थ हैं।
  • रामगिरि पर्वत चित्रकूट में है।
  • यहाँ देवी के "दाएँ स्तन" का निपात हुआ था।
  • यहाँ की सति 'शिवानी' तथा शिव 'चण्ड' हैं।
  • चित्रकूट हजरत निजामुद्दीन-जबलपुर रेलवे लाइन पर स्थित है।
  • स्टेशन का नाम 'चित्रकूटधाम कर्वी' है।
  • यह लखनऊ से 285 कि.मी. हजरत निजामुद्दीन से 670 कि.मी. दूर है।
  • मानिकपुर स्टेशन से 30 कि.मी. पहले चित्रकूटधाम कर्वी है।
  • पर्यटन की दृष्टि से अति महत्त्वपूर्ण तथा बरसात में दर्शनीय चित्रकूट प्रख्यात तीर्थ है।


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