कुशाग्रपुर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 14:14, 26 August 2012 by रविन्द्र प्रसाद (talk | contribs)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

कुशाग्रपुर 'राजगृह' (बिहार) का प्रचीन नाम है, जिसका उल्लेख चीनी यात्री युवानच्वांग (7वीं शती ई.) ने किया है।[1]

  • युवानच्वांग के उल्लेख के अनुसार मगध की प्राचीन राजधानी कुशाग्रपुर में ही थी।
  • यहाँ भारी अग्निकांड हो जाने के कारण मगध नरेश बिंबिसार ने इसी स्थान पर नवीन नगर राजगृह बसाया था।[2]
  • अपने उल्लेख में युवानच्वांग यह भी लिखता है कि इस स्थान पर श्रेष्ठ कुश या घास होने के कारण ही इसे 'कुशाग्रपुर' कहा जाता था।
  • राजगृह के पास आज भी सुगंधित उशीर या ख़स बहुतायत से उत्पन्न होती है। शायद कुश या घास से युवानच्वांग का तात्पर्य ख़स से ही था।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 213 |
  2. जबकि फाह्यान के अनुसार राजगृह का संस्थापक बिंबिसार का पुत्र अजातशत्रु था।

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः