पर्णशाला भद्राचलम

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पर्णशाला आन्ध्र प्रदेश में खम्मम ज़िले के भद्राचलम में स्थित है। रामालय से लगभग एक घण्टे की दूरी पर स्थित पर्णशाला को 'पनशाला' या 'पनसाला' भी कहते हैं। हिन्दुओं के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से यह एक है। पर्णशाला गोदावरी नदी के तट पर स्थित है, जहाँ श्रीराम अपने भाई लक्ष्मण और सीता सहित 14 वर्षों के वनवास के लिए आए थे। मान्यता है कि इसी स्थान से लंका के राजा रावण ने सीताजी का अपहरण किया था।

सीता हरण स्थल

पर्णशाला गोदावरी नदी के किनारे स्थित भद्राचलम का मुख्य स्थल है। मान्यता है कि यही वह स्थान है, जहाँ से सीताजी का हरण हुआ था। रावण ने हरण कुटिया के बाहर से ही किया था, और वह सीताजी को ज़मीन पर घसीटते हुए ले आया था। इस स्थल से ही रावण ने सीता को पुष्पक विमान में बिठाया था, यानि सीताजी ने धरती यहाँ छोडी थी, इसी से वास्तविक हरण का स्थल यह माना जाता है।

मन्दिर

ज़मीन का यह टुकड़ा पूरी तरह से बंजर है। हालाँकि आस-पास हरे-भरे पेड़ हैं। भूमि के इस टुकडे में कुछ घास उग आती है, लेकिन वह भी जल्द ही सूख जाती है। यहाँ की भूमि को उपजाऊ करने के लिए कोई तरकीब काम नहीं आई। इस टुकडे के पास में ही मन्दिर बनवाया गया है, जिसमें राम, सीता और लक्ष्मण की पारंपरिक मुद्रा में मूर्तियाँ स्थापित हैं। मन्दिर के पीछे शिव का भी मन्दिर है। मन्दिर के पिछवाड़े परिसर में एक कुटिया बनाई गई है, जहाँ सीता हरण के प्रसंगों को मूर्तियों के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है। सीताजी का स्वर्ण मृग की ओर इंगित करना, लक्ष्मण रेखा खींचना, भिक्षा देती सीता, रावण का असली रूप देख कर सीताजी का बेहोश होकर गिर पड़ना आदि यहाँ दिखाया गया है।


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