पुरातत्वीय संग्रहालय, हलेबिड

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 14:36, 12 January 2015 by गोविन्द राम (talk | contribs)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search
पुरातत्वीय संग्रहालय, हलेबिड
विवरण इस संग्रहालय में हलेबिड तथा उसके आसपास प्राप्‍त की गई 1500 से अधिक मूर्तियॉं, पुरातत्‍वीय अवशेष, ऐतिहासिक महत्‍व के अभिलेख आदि मौजूद हैं।
राज्य कर्नाटक
नगर हलेबिड
स्थापना यह संग्रहालय 1970 के दशक के प्रारम्‍भिक भाग में स्‍थापित किया गया था।
चित्र:Map-icon.gif गूगल मानचित्र
खुलने का समय सुबह 10 बजे से शाम 5.00 बजे तक
अवकाश शुक्रवार
अन्य जानकारी इस संग्रहालय की सर्वोत्‍कृष्‍ट कला वस्‍तुओं ने फ्रांस, जापान तथा अन्‍य देशों में आयोजित विभिन्‍न प्रदर्शनियों में भारतीय कला का प्रतिनिधित्‍व किया है।
अद्यतन‎

पुरातत्वीय संग्रहालय, हलेबिड कर्नाटक के हासन ज़िले में स्थित है। यह संग्रहालय 1970 के दशक के प्रारम्‍भिक भाग में स्‍थापित किया गया था।

विशेषताएँ

  • इस संग्रहालय में हलेबिड में तथा उसके आसपास प्राप्‍त की गई 1500 से अधिक मूर्तियॉं, पुरातत्‍वीय अवशेष, ऐतिहासिक महत्‍व के अभिलेख आदि मौजूद हैं।
  • संग्रह को एक बन्‍द मूर्ति दीर्घा तथा साथ ही, विशाल आरक्षित संग्रह वाले एक खुले संग्रहालय में प्रदर्शित किया गया है।
  • इसमें एक जैन बसदी के क्षतिग्रस्‍त जलाशय से निकाली गई 18 फुट की तीर्थंकर की मूर्ति भी प्रदर्शित है।
  • ऊपर से खुले संग्रहालय में अनेक महत्‍वपूर्ण प्रतिमाएं प्रदर्शित की गई हैं जैसे गोवर्धनगिरिधारी कृष्‍ण, नृत्‍यरत शिव, नटराज और वीणा सरस्‍वती, नृत्‍यरत गणेश, लेटे हुए नंदी की सुन्‍दर प्रतिमा।
  • ब्रह्म-सरस्‍वती, नग्‍न काल भैरव, माता और सन्‍तान, लकड़ी पर की गई नक्‍काशियॉं और तीर्थंकर की कांस्‍य प्रतिमा मूर्तिदीर्घा में प्रदर्शित महत्‍वपूर्ण वस्‍तुएं हैं।
  • इस संग्रहालय की सर्वोत्‍कृष्‍ट कला वस्‍तुओं ने फ्रांस, जापान तथा अन्‍य देशों में आयोजित विभिन्‍न प्रदर्शनियों में भारतीय कला का प्रतिनिधित्‍व किया है।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. संग्रहालय - हलेबिड (हिन्दी) भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण। अभिगमन तिथि: 12 जनवरी, 2015।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः