अभिलेख भवन, पटना

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 11:14, 17 May 2022 by रविन्द्र प्रसाद (talk | contribs)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

अभिलेख भवन बिहार की राजधानी पटना के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है। राजधानी के बेली रोड पर स्थित यह भवन इतिहास में झांकने की ऐसी खिड़की है, जहां सब कुछ प्रमाणिक है। यहां राजा टोडरमल की डायरी देख सकते हैं तो गांधीजी को लिखी चिट्ठियां भी। अशोक स्तंभ की प्रतिकृति है तो राजा-रजवाड़ों से जुड़े कई ऐतिहासिक तथ्य और किताबें भी। महात्मा गांधी को चंपारण लाने वाले पंडित राजकुमार शुक्ल की डायरी भी अभिलेख भवन में सुरक्षित है।

निर्माण व उद्घाटन

राजधानी के बेली रोड पर स्थित अभिलेखागार भवन ऐतिहासिक धरोहरों का ठिकाना है। बिहार से जुड़े ऐतिहासिक दस्तावेजों को एक छत के नीचे रखने के उद्देश्य से इसका निर्माण किया गया। 1970 के दशक से ही इसे बनाने का काम प्रयास शुरू हो गया था। भवन निर्माण के लिए लगभग 2.03 एकड़ भूमि सरकार की ओर से आवंटित की गई। वर्ष 1980 में भवन का निर्माण कार्य शुरू हुआ। 24 अक्टूबर 1987 को भारत के तत्कालीन उप-राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा ने इसका उद्घाटन किया था। स्थापना काल से ही अभिलेखागार भवन संरक्षित अभिलेखों, पुस्तकों के प्रकाशन और प्रदर्शनी लगाने के साथ शोधार्थियों को नई जानकारी देने में लगा है। कई गजट और सरकारी दस्तावेजों, स्वतंत्रता पूर्व के समाचार पत्रों का संग्रह होने के कारण देश ही नहीं बल्कि विदेश में रहने वाले शोधार्थियों के लिए यह ज्ञान के वट-वृक्ष की तरह है।[1]

अशोक स्तंभ की प्रतिकृति

बिहार राज्य अभिलेख भवन के प्रांगण में एक ऐसा अशोक स्तंभ बनाया गया है जो देश ही नहीं विदेश से आए शोधर्थियों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है। यहां अशोक स्तंभ की प्रतिकृति बनाई गई है जिसके आधार पर देश के स्वाधीन होने के साथ साथ गणतंत्र होने तक के दृश्य को भी बहुत मनोरम तरीके से उकेरा गया है। इसका निर्माण 2008 में शुरू हुआ था जो 2010 में पूरा हुआ। संविधान सभा के प्रमुख सदस्यों जैसे अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद, बाबा साहेब अम्बेडकर, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अब्दुल कलाम आजाद की प्रतिमाएं भी यहां उकेरी गई हैं। इस पूरे स्तंभ को स्वरूप दिया है मशहूर कलाकार और आर्ट कॉलेज के छात्र रह चुके रामू कुमार ने।

टोडरमल की डायरी

मुग़ल बादशाह अकबर के नवरत्नों में शुमार राजा टोडरमल का नाम बड़े शिद्दत से लिया जाता है। मुग़ल काल के दौरान टोडरमल ने देश के विभिन्न हिस्सों में भ्रमण कर वहां की सभ्यता, संस्कृति और राजनीति, सामाजिक एवं शैक्षणिक पृष्ठभूमि को बड़ी बारीकी से देखा और उसे अपने शब्दों में बयां किया। बिहार राज्य अभिलेखागार में रखी टोडरमल की डायरी फारसी में लिखी गई है। अभिलेख भवन की पुराभिलेखपाल के अनुसार राजा टोडरमल की डायरी में मुग़ल काल की भू-व्यवस्था का जिक्र है। इसमें 1594 ई. के भागलपुर परगना से मिलने वाले राजस्व आदि का जिक्र है।

मुग़ल शासकों के फरमान

अभिलेखागार भवन में मुग़ल शासकों द्वारा जारी फरमान भी सुरक्षित रखे हैं। बिहार के विभिन्न जिलों के लिए शासकों ने अलग-अलग फरमान जारी किया था। औरंगज़ेब के पोते अजीउद्दीन के शासन काल के फरमान को संरक्षित कर रखा गया है। इसके अलावा सारण, पूर्णियां, मुंगेर, पटना आदि जगहों के लिए वर्ष 1624 में जारी फरमान की भी प्रतिलिपि है। बिहार में राजाओं की जमींदारी प्रथा और उनके शासन व्यवस्था और कार्यप्रणाली से जुड़े फरमान भी अभिलेख भवन की शोभा बढ़ा रहे हैं।[1]

आंदोलनों से जुड़े दस्तावेज

अंग्रेजों और मुग़लों के समय की जनसंख्या का रिकॉर्ड भी अभिलेखागार भवन में देखा जा सकता है। पटना के स्वतंत्रता सेनानियों से जुड़े दस्तावेज भी हैं। इसके अलावा नेताजी सुभाषचंद्र बोस, बसावन सिंह, सात शहीद, ईस्ट इंडिया कंपनी के साम्राज्यवादी विस्तार से संबंधित अभिलेख भी यहां मौजूद हैं। किसान आंदोलन के नायक स्वामी सहजानंद सरस्वती एवं उनके सहयोगियों द्वारा किसान के हक के लिए उठाए आंदोलन से संबंधित दस्तावेज भी मौजूद हैं।

पंडित राजकुमार शुक्ल की डायरी

महात्मा गांधी को चंपारण लाने वाले पंडित राजकुमार शुक्ल की डायरी भी अभिलेख भवन में सुरक्षित है। पंडित राजकुमार शुक्ल ने चंपारण किसान आंदोलन से जुड़ी यादों को कैथी लिपि में अपनी डायरी में लिखा था। कैथी लिपि में लिखी डायरी में 12 जनवरी 1917 से 31 दिसंबर 1917 तक की बातों का वर्णन किया गया है। 10 अप्रैल 1917 का जिक्र करते हुए राजकुमार शुक्ल लिखते हैं- सुबह रेल पर हुई। 10 बजे दिन को पटना उतरे। राजेंद्र बाबू के डेरा पर गए। स्नान भोजन किया। बाद में मजहरूल हक साहेब से भेंट की। हवा गाड़ी पर महात्मा गांधी जी आए। उनके साथ टहलने गए। आठ बजे रात को खाना खाया।

डॉ. शुक्ल का कैथि लिपि में लिखी डायरी के बारे में इतिहास अध्येता डॉ. भैरव लाल दास बताते हैं कि शुक्ल की डायरी उनके घर चंपारण में पड़ी थी। पटना विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र के पूर्व विभागाध्यक्ष स्वर्गीय प्रो. हेतुकार झा ने विवि के इतिहास विभागाध्यक्ष प्रो. सुरेंद्र गोपाल के निर्देशन में इसका हिंदी अनुवाद किया है। डायरी को पुस्तक का रूप देने के साथ इसका विमोचन बिंदेश्वर पाठक ने दरभंगा महाराज कामेश्वर महाराज की जयंती पर 28 नवंबर 2014 को किया था। डॉ. भैरव लाल दास की मानें तो इस कार्य को करने में लगभग तीन साल का समय लगा है।

गांधीजी के पत्र

चंपारण यात्रा के दौरान महात्मा गांधी ने खूब पत्राचार किया। इसमें से कई चिट्ठियां अभिलेखागार भवन में संरक्षित हैं। बिहार आगमन के दौरान 2 मई 1917 को एक ऐसा ही पत्र उन्होंने डब्लू बी हेकाक, जिला मजिस्ट्रेट चंपारण को लिखा था। इसमें रात 10:45 बजे मोतिहारी आने और पूर्वाह्न में नीलहों से मिलने का उल्लेख किया गया है। मोतिहारी से 16 अप्रैल 1917 को चंपारण के जिला मजिस्ट्रेट को लिखे पत्र में तिरहुत आयुक्त के दृष्टिकोण के प्रति खेद व्यक्त किया गया है। बापू ने 17 अप्रैल 1917 को मोतिहारी में खुशी-खुशी रहने एवं सम्मन की प्रतीक्षा करने का भी वर्णन अपने पत्र में किया है। बापू के लिखे पत्र को दस्तावेज के रूप में सुरक्षित रखा गया है। बापू ने अपने अधिसंख्य पत्र अंग्रेजी में लिखे हैं।[1]

गवर्नरों की सूची व तस्वीर

बिहार अभिलेखागार भवन में अंग्रेजी राज से लेकर आज तक के गर्वनरों की सूची और तस्वीरें देखी जा सकती हैं। आजादी के पूर्व सर चार्ल्स स्टुआर्ट बेली सबसे महत्वपूर्ण गवर्नर रहे जिनका शासन काल 1 अप्रैल 1912 से 19 नवंबर 1915 तक रहा। इनके बाद सर एडवर्ड अल्बर्ट गेट, सर एडवर्ड वी लॉविंज, लार्ड सत्येंद्र प्रसन्न सिन्हा, सर हैवीलैंड ले मेसूरियर, सर हेनरी व्हीलर, सर ह्मूग मेक्फर्सन, सर ह्मूग लैंंसडाउन स्टीफेंन्सन, सर जेम्स डेविड सिफ्टन, सर जेम्स डेविड सिफ्टन, सर ह्मूग डो आदि भी इस सूची में शामिल हैं। इसके अलावा स्वतंत्र भारत में बिहार के राज्यपाल जयरामदास दौलतराम, माधव श्रीहरि अणे, डॉ. जाकिर हुसैन, अनंत शयनम आंयगर, नित्यानंद कानूनगो, देवकांत बरूआ आदि राज्यपाल की सूची और तस्वीर भी देखी जा सकती है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 1.2 पटना का अभिलेख भवन (हिंदी) jagran.com। अभिगमन तिथि: 17 मई, 2022।

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः