Difference between revisions of "अटवी"

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*महाभारत<ref>सभा. 29, 10</ref> में [[पुलिंदनगर]] पर [[भीम]] ने अपनी दिग्विजय-यात्रा के प्रसंग में अधिकार कर लिया था।  
 
*महाभारत<ref>सभा. 29, 10</ref> में [[पुलिंदनगर]] पर [[भीम]] ने अपनी दिग्विजय-यात्रा के प्रसंग में अधिकार कर लिया था।  
 
*[[वायु पुराण]]<ref>45, 126</ref> में भी आटवियों का उल्लेख है।  
 
*[[वायु पुराण]]<ref>45, 126</ref> में भी आटवियों का उल्लेख है।  
*गुप्तसम्राट [[समुद्रगुप्त]] ने चौथी शती ई. में अटवी के सब राजाओं पर विजय प्राप्त करके उन्हें 'परिचारक' बना दिया था।<ref>'परिचारकीकृतसर्वाटिवीकराजस्य'- समुद्रगुप्त की प्रयाग-प्रशस्ति </ref>
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*[[गुप्त काल|गुप्तसम्राट]] [[समुद्रगुप्त]] ने चौथी शती ई. में अटवी के सब राजाओं पर विजय प्राप्त करके उन्हें 'परिचारक' बना दिया था।<ref>'परिचारकीकृतसर्वाटिवीकराजस्य'- समुद्रगुप्त की प्रयाग-प्रशस्ति </ref>
 
*[[हर्षचरित]] में [[बाणभट्ट]] ने भी 'विंध्याटवी' का सुंदर वर्णन किया है।  
 
*[[हर्षचरित]] में [[बाणभट्ट]] ने भी 'विंध्याटवी' का सुंदर वर्णन किया है।  
*अटवी में ही [[राज्यश्री]] की खोज करते समय हर्ष की भेंट [[बौद्ध]] भिक्षु 'दिवाकरमित्र' से हुई थी।  
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*अटवी में ही [[राज्यश्री]] की खोज करते समय [[हर्ष वर्धन|हर्ष]] की भेंट [[बौद्ध]] भिक्षु 'दिवाकरमित्र' से हुई थी।  
 
*अटवी को '''आटविक प्रदेश''' भी कहा गया है।
 
*अटवी को '''आटविक प्रदेश''' भी कहा गया है।
 
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Revision as of 12:24, 27 April 2018


tika tippani aur sandarbh

  1. sabha. 29, 10
  2. 45, 126
  3. 'paricharakikritasarvativikarajasy'- samudragupt ki prayag-prashasti

bahari k diyaan

sanbandhit lekh