Difference between revisions of "इतिहास सामान्य ज्ञान 30"

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-[[आंध्र प्रदेश]] के एक तटीय नगर का
 
-[[आंध्र प्रदेश]] के एक तटीय नगर का
 
+[[तमिल नाडु]] के एक नगर का
 
+[[तमिल नाडु]] के एक नगर का
||[[चित्र:Mahabalipuram-Beach-Tamil-Nadu-8.jpg|महाबलीपुरम तट, तमिलनाडु|100px|right]] तमिल नाडु का इतिहास बहुत पुराना है। यद्यपि प्रारंभिक काल के संगम ग्रंथों में इस क्षेत्र के [[इतिहास]] का अस्‍पष्‍ट उल्‍लेख मिला है, किंतु तमिल नाडु का लिखित इतिहास [[पल्लव वंश|पल्लव]] राजाओं के समय से ही उपलब्‍ध हैं। यह कुछ स्थानों में से एक है, जो प्रागैतिहासिक काल से आज तक आबाद है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[तमिल नाडु]]
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||[[चित्र:Mahabalipuram-Beach-Tamil-Nadu-8.jpg|महाबलीपुरम तट, तमिलनाडु|100px|right]] तमिल नाडु का इतिहास बहुत पुराना है। यद्यपि प्रारंभिक काल के संगम ग्रंथों में इस क्षेत्र के [[इतिहास]] का अस्‍पष्‍ट उल्‍लेख मिला है, किंतु तमिल नाडु का लिखित इतिहास [[पल्लव वंश|पल्लव]] राजाओं के समय से ही उपलब्‍ध हैं। यह कुछ स्थानों में से एक है, जो प्रागैतिहासिक काल से आज तक आबाद है। - अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[तमिल नाडु]]
  
 
{[[सिंधु सभ्यता]] का सर्वाधिक उपयुक्त नाम क्या है?
 
{[[सिंधु सभ्यता]] का सर्वाधिक उपयुक्त नाम क्या है?
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-[[सिंधु घाटी सभ्यता]]
 
-[[सिंधु घाटी सभ्यता]]
 
-इनमें से कोई नहीं
 
-इनमें से कोई नहीं
||[[चित्र:Mohenjodaro-Sindh.jpg|सिन्ध में मोहनजोदाड़ो|100px|right]] आज से लगभग 70 वर्ष पूर्व [[पाकिस्तान]] के 'पश्चिमी पंजाब प्रांत' के 'माण्टगोमरी ज़िले' में स्थित 'हरियाणा' के निवासियों को शायद इस बात का किंचित्मात्र भी आभास नहीं था कि, वे अपने आस-पास की ज़मीन में दबी जिन ईटों का प्रयोग इतने धड़ल्ले से अपने मकानों के निर्माण में कर रहे हैं, वह कोई साधारण ईटें नहीं, बल्कि लगभग 5,000 वर्ष पुरानी और पूरी तरह विकसित सभ्यता के [[अवशेष]] हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[हड़प्पा सभ्यता]]
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||[[चित्र:Mohenjodaro-Sindh.jpg|सिन्ध में मोहनजोदाड़ो|100px|right]] आज से लगभग 70 वर्ष पूर्व [[पाकिस्तान]] के 'पश्चिमी पंजाब प्रांत' के 'माण्टगोमरी ज़िले' में स्थित 'हरियाणा' के निवासियों को शायद इस बात का किंचित्मात्र भी आभास नहीं था कि, वे अपने आस-पास की ज़मीन में दबी जिन ईटों का प्रयोग इतने धड़ल्ले से अपने मकानों के निर्माण में कर रहे हैं, वह कोई साधारण ईटें नहीं, बल्कि लगभग 5,000 वर्ष पुरानी और पूरी तरह विकसित सभ्यता के [[अवशेष]] हैं। - अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[हड़प्पा सभ्यता]]
  
 
{[[कपिल मुनि]] द्वारा प्रतिपादित दार्शनिक प्रणाली कौन-सी है?
 
{[[कपिल मुनि]] द्वारा प्रतिपादित दार्शनिक प्रणाली कौन-सी है?
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-[[न्याय दर्शन]]
 
-[[न्याय दर्शन]]
 
-उत्तर दर्शन
 
-उत्तर दर्शन
||[[चित्र:Sankhya-Darshan.jpg|सांख्य दर्शन|100px|right]] 'सांख्य' शब्द की निष्पत्ति संख्या शब्द से हुई है। संख्या शब्द 'ख्या' धातु में सम् उपसर्ग लगाकर व्युत्पन्न किया गया है, जिसका अर्थ है 'सम्यक् ख्याति'। संसार में प्राणिमात्र दु:ख से निवृत्ति चाहता है। दु:ख क्यों होता है, इसे किस तरह सदा के लिए दूर किया जा सकता है- ये ही मनुष्य के लिए शाश्वत ज्वलन्त प्रश्न हैं।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सांख्य दर्शन]]
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||[[चित्र:Sankhya-Darshan.jpg|सांख्य दर्शन|100px|right]] 'सांख्य' शब्द की निष्पत्ति संख्या शब्द से हुई है। संख्या शब्द 'ख्या' धातु में सम् उपसर्ग लगाकर व्युत्पन्न किया गया है, जिसका अर्थ है 'सम्यक् ख्याति'। संसार में प्राणिमात्र दु:ख से निवृत्ति चाहता है। दु:ख क्यों होता है, इसे किस तरह सदा के लिए दूर किया जा सकता है- ये ही मनुष्य के लिए शाश्वत ज्वलन्त प्रश्न हैं। - अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सांख्य दर्शन]]
  
 
{[[भारत]] से उत्तर की ओर के देशों में [[बौद्ध धर्म]] के जिस संप्रदाय का प्रचलन हुआ, उसका नाम है-
 
{[[भारत]] से उत्तर की ओर के देशों में [[बौद्ध धर्म]] के जिस संप्रदाय का प्रचलन हुआ, उसका नाम है-
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-शून्यवाद
 
-शून्यवाद
 
-इनमें से कोई नहीं
 
-इनमें से कोई नहीं
||[[चित्र:Buddhism-Symbol.jpg|बौद्ध धर्म|100px|right]]महायान बौद्ध धर्म की एक प्रमुख शाखा है, जिसका आरंभ पहली शताब्दी के आस-पास माना जाता है। ईसा पूर्व पहली शताब्दी में वैशाली में बौद्ध संगीति हुई, जिसमें पश्चिमी और पूर्वी बौद्ध पृथक् हो गए। पूर्वी शाखा का ही आगे चलकर 'महायान' नाम पड़ा। भक्ति और पूजा की भावना के कारण इसकी ओर लोग सरलता से आकृष्ट हुए। महायान मत के प्रमुख विचारकों में अश्वघोष, नागार्जुन और असंग के नाम प्रमुख हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[महायान]]
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||[[चित्र:Buddhism-Symbol.jpg|बौद्ध धर्म|100px|right]]महायान बौद्ध धर्म की एक प्रमुख शाखा है, जिसका आरंभ पहली शताब्दी के आस-पास माना जाता है। ईसा पूर्व पहली शताब्दी में वैशाली में बौद्ध संगीति हुई, जिसमें पश्चिमी और पूर्वी बौद्ध पृथक् हो गए। पूर्वी शाखा का ही आगे चलकर 'महायान' नाम पड़ा। भक्ति और पूजा की भावना के कारण इसकी ओर लोग सरलता से आकृष्ट हुए। महायान मत के प्रमुख विचारकों में अश्वघोष, नागार्जुन और असंग के नाम प्रमुख हैं। - अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[महायान]]
  
  
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-[[वाराणसी]]
 
-[[वाराणसी]]
 
-[[पेशावर]]
 
-[[पेशावर]]
||[[चित्र:Sangam-Allahabad.jpg|संगम, इलाहाबाद|100px|right]] [[गंगा]]-[[यमुना]] के संगम स्थल [[प्रयाग]] को [[पुराण|पुराणों]] में 'तीर्थराज' (तीर्थों का राजा) नाम से अभिहित किया गया है। इस संगम के सम्बन्ध में [[ॠग्वेद]] में कहा गया है कि, जहाँ [[कृष्ण]] (काले) और श्वेत (स्वच्छ) [[जल]] वाली दो सरिताओं का संगम है, वहाँ स्नान करने से मनुष्य स्वर्गारोहण करता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[प्रयाग]]
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||[[चित्र:Sangam-Allahabad.jpg|संगम, इलाहाबाद|100px|right]] [[गंगा]]-[[यमुना]] के संगम स्थल [[प्रयाग]] को [[पुराण|पुराणों]] में 'तीर्थराज' (तीर्थों का राजा) नाम से अभिहित किया गया है। इस संगम के सम्बन्ध में [[ॠग्वेद]] में कहा गया है कि, जहाँ [[कृष्ण]] (काले) और श्वेत (स्वच्छ) [[जल]] वाली दो सरिताओं का संगम है, वहाँ स्नान करने से मनुष्य स्वर्गारोहण करता है। - अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[प्रयाग]]
 
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Latest revision as of 08:07, 18 February 2023

samany jnan prashnottari
rajyoan ke samany jnan


  1. REDIRECTsaancha:nilais vishay se sanbandhit lekh padhean:-
  2. REDIRECTsaancha:nila band itihas praangan, itihas kosh, aitihasik sthan kosh

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1 diandigal nam hai-

keral ke ek pakshi vihar ka
karnatak ke ek tyohar ka
aandhr pradesh ke ek tatiy nagar ka
tamil nadu ke ek nagar ka

2 siandhu sabhyata ka sarvadhik upayukt nam kya hai?

h dappa sabhyata
siandhu sabhyata
siandhu ghati sabhyata
inamean se koee nahian

3 kapil muni dvara pratipadit darshanik pranali kaun-si hai?

poorv mimaansa
saankhy darshan
nyay darshan
uttar darshan

4 bharat se uttar ki or ke deshoan mean bauddh dharm ke jis sanpraday ka prachalan hua, usaka nam hai-

hinayan
mahayan
shoonyavad
inamean se koee nahian

5 harshavardhan apani dharmik sabha kahaan kiya karata tha?

mathura
prayag
varanasi
peshavar

panne par jaean
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samany jnan prashnottari
rajyoan ke samany jnan