Difference between revisions of "इतिहास सामान्य ज्ञान 62"

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-[[अपभ्रंश भाषा]]
 
-[[अपभ्रंश भाषा]]
 
||[[प्राकृत भाषा]] भारतीय [[आर्य|आर्यों]] की [[भाषा]] का एक प्राचीन रूप है। इसके प्रयोग का समय 500 ई. पू. से 1000 ई. सन तक माना जाता है। धार्मिक कारणों से जब [[संस्कृत]] का महत्त्व कम होने लगा, तो [[प्राकृत भाषा]] अधिक व्यवहार में आने लगी। इसके चार रूप विशेषत: उल्लेखनीय हैं- 'अर्धमागधी प्राकृत', 'पैशाची प्राकृत', 'महाराष्ट्री प्राकृत' और 'शौरसेनी प्राकृत'। अर्धमागधी प्राकृत में [[जैन]] और [[बौद्ध साहित्य]] अधिक लिखा गया है। इसका मुख्य क्षेत्र [[मगध]] था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[प्राकृत भाषा]]
 
||[[प्राकृत भाषा]] भारतीय [[आर्य|आर्यों]] की [[भाषा]] का एक प्राचीन रूप है। इसके प्रयोग का समय 500 ई. पू. से 1000 ई. सन तक माना जाता है। धार्मिक कारणों से जब [[संस्कृत]] का महत्त्व कम होने लगा, तो [[प्राकृत भाषा]] अधिक व्यवहार में आने लगी। इसके चार रूप विशेषत: उल्लेखनीय हैं- 'अर्धमागधी प्राकृत', 'पैशाची प्राकृत', 'महाराष्ट्री प्राकृत' और 'शौरसेनी प्राकृत'। अर्धमागधी प्राकृत में [[जैन]] और [[बौद्ध साहित्य]] अधिक लिखा गया है। इसका मुख्य क्षेत्र [[मगध]] था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[प्राकृत भाषा]]
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{[[मुस्लिम]] क़ानून के चार स्रोतों में से तीन '[[क़ुरान]]', '[[हदीस]]' एवं 'इज्मा' हैं। निम्नलिखित में से कौन-सा चौथा स्रोत है?
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-ख़म्स
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+कयास
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-[[ख़राज]]
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-आयतें
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{'इण्डिपेन्डेन्स' नामक [[समाचार पत्र]] का प्रकाशन किसने प्रारम्भ किया था?
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-[[जवाहरलाल नेहरू]]
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+[[मोतीलाल नेहरू]] 
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-[[शिव प्रसाद गुप्त]]
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-[[मदन मोहन मालवीय]]
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||[[चित्र:Motilal-nehru.jpg|right|100px|मोतीलाल नेहरू]]'मोतीलाल नेहरू' [[भारत]] के प्रथम [[प्रधानमंत्री]] [[जवाहरलाल नेहरू]] के [[पिता]] थे। ये कश्मीरी ब्राह्मण थे। इनकी पत्नी का नाम 'स्वरूप रानी' था। भारत के [[स्वतंत्रता आंदोलन]] में [[मोतीलाल नेहरू]] एक ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने न केवल अपनी ज़िंदगी की शानो-शौक़त को पूरी तरह से ताक़ पर रख दिया, बल्कि देश के लिए परिजनों सहित अपना सब कुछ दाँव पर लगा दिया। मोतीलाल नेहरू अपने समय में देश के प्रमुख वकीलों में थे। वह पश्चिमी रहन-सहन, वेषभूषा और विचारों से काफ़ी प्रभावित थे। किंतु बाद में वह जब [[महात्मा गांधी]] के संपर्क में आए तो उनके जीवन में परिर्वतन आ गया। वह [[1919]] और [[1920]] में दो बार [[कांग्रेस]] के अध्यक्ष चुने गए थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मोतीलाल नेहरू]]
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{हरविलास शारदा द्वारा प्रस्तावित अधिनियम, जिसे सामान्यतया 'शारदा अधिनियम' कहा जाता है, क्या था?
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|type="()"}
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-'विधवा पुनर्विवाह अधिनियम'
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-'हिन्दू महिला उत्तराधिकारी अधिनियम'
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+'बाल विवाह निरोधक अधिनियम', 1929
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-'हिन्दू सिविल विवाह अधिनियम'
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{'शिमला का सन्न्यासी' के नाम से कौन विख्यात है?
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|type="()"}
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+[[ह्यूम, ए. ओ.|ए.ओ. ह्यूम]]
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-[[लॉर्ड रिपन]]
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-जॉन स्ट्रेची
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-[[एनी बेसेन्ट]]
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||'ए.ओ. ह्यूम', जिनका पूरा नाम 'एलेन ऑक्टेवियन ह्यूम' था, एक अवकाश प्राप्त [[अंग्रेज़]] अधिकारी थे। ह्यूम '[[भारतीय स्वतंत्रता संग्राम]]' के इतिहास में उल्लेखनीय भूमिका निभाने वाले अंग्रेज़ राजनीतिज्ञ थे। यह भी उल्लेखनीय है कि [[भारत]] के सबसे बड़े राजनीतिक दल '[[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]]' की स्थापना भी ह्यूम ने ही [[28 दिसम्बर]], [[1885]] में की थी। [[1912]] ई. में उनकी मृत्यु हो जाने पर कांग्रेस ने ह्यूम को अपना जन्मदाता और संस्थापक घोषित किया था। [[1859]] ई. में ए.ओ. ह्यूम ने 'लोकमित्र' नाम के एक [[समाचार पत्र|समाचार-पत्र]] के प्रकाशन में भी सहयोग दिया था। [[1870]] से [[1879]] ई. तक इन्होंने लेफ्टिनेंट गर्वनर के पद को इसलिए अस्वीकार कर दिया, क्योंकि इस पद पर रहकर वे भारतीयों की सच्चे मन से सेवा नहीं कर सकते थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[ह्यूम, ए. ओ.|ए.ओ. ह्यूम]]
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{[[हड़प्पा सभ्यता]] की मुद्राएँ किससे निर्मित की जाती थीं?
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|type="()"}
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-[[तांबा|तांबे]]
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-[[सोना|सोने]]
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+[[मिट्टी]]
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-[[कांस्य]]
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||[[चित्र:Indus-Valley-Civilization-Pottery.jpg|right|120px|सिंधु घाटी सभ्यता कालीन बर्तन ]]वर्ष [[1922]] में [[राखालदास बंद्योपाध्याय|राखालदास बनर्जी]] के नेतृत्व में [[पाकिस्तान]] के [[सिंध प्रांत]] के लरकाना ज़िले के [[मोहनजोदाड़ो]] में स्थित एक [[बौद्ध]] [[स्तूप]] की खुदाई के समय एक स्थान का पता चला। इस नवीनतम स्थान के प्रकाश में आने के उपरान्त यह मान लिया गया कि संभवतः यह सभ्यता [[सिंधु नदी]] की घाटी तक ही सीमित है, अतः इस सभ्यता का नाम '[[सिंधु घाटी सभ्यता|सिधु घाटी की सभ्यता]]' रखा गया। सबसे पहले [[1927]] में [[हड़प्पा]] नामक स्थल पर [[उत्खनन]] होने के कारण सिन्धु सभ्यता का नाम 'हड़प्पा सभ्यता' पड़ा। पर कालान्तर में पिग्गट ने हड़प्पा एवं मोहनजोदड़ों को 'एक विस्तृत साम्राज्य की जुड़वा राजधानियाँ' बतलाया। अभी तक सिन्धु घाटी की खुदाई में कोई मन्दिर या पूजा स्थान नहीं मिला, अत: इस सभ्यता के धार्मिक जीवन का एकमात्र स्रोत यहाँ पाई गई [[मिट्टी]] और पत्थर की मूर्तियाँ तथा मुहरें हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[हड़प्पा सभ्यता]], [[मिट्टी]]
 
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Revision as of 13:42, 21 August 2016

samany jnan prashnottari
rajyoan ke samany jnan


  1. REDIRECTsaancha:nilais vishay se sanbandhit lekh padhean:-
  2. REDIRECTsaancha:nila band itihas praangan, itihas kosh, aitihasik sthan kosh

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1 kis bharatiy ne sarvapratham anivary prathamik shiksha lagoo karane ke lie sadan mean vidheyak prastut kiya tha?

madan mohan malaviy
mahatma gaandhi
gopal krishna gokhale
javaharalal neharoo

2 'gotr' vyavastha prachalan mean kab aee?

rrigvaidik kal mean
uttar vaidik kal mean
saindhav kal mean
sootrakal mean

3 'rajagrih' mean mahavir svami ne sarvadhik nivas kis rritu mean kiya?

grishm rritu
varsha rritu
shit rritu
basant rritu

4 jain dharm ke pahale tirthankar ke roop mean kise jana jata hai?

mahavir svami
rrishabhadev
parshvanath
ajitanath

6 muslim qanoon ke char srotoan mean se tin 'quran', 'hadis' evan 'ijma' haian. nimnalikhit mean se kaun-sa chautha srot hai?

khams
kayas
kharaj
ayatean

7 'indipendens' namak samachar patr ka prakashan kisane prarambh kiya tha?

javaharalal neharoo
motilal neharoo
shiv prasad gupt
madan mohan malaviy

8 haravilas sharada dvara prastavit adhiniyam, jise samanyataya 'sharada adhiniyam' kaha jata hai, kya tha?

'vidhava punarvivah adhiniyam'
'hindoo mahila uttaradhikari adhiniyam'
'bal vivah nirodhak adhiniyam', 1929
'hindoo sivil vivah adhiniyam'

9 'shimala ka sannyasi' ke nam se kaun vikhyat hai?

e.o. hyoom
l aaurd ripan
j aaun strechi
eni besent

10 h dappa sabhyata ki mudraean kisase nirmit ki jati thian?

taanbe
sone
mitti
kaansy

panne par jaean
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samany jnan prashnottari
rajyoan ke samany jnan