Difference between revisions of "प्रयोग:कविता सा.-1"

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{'निमातनामा' पाक कला संबंधी वस्तुओं से संबंधित है। यह [[पांडुलिपि]] [[मालवा]] के सुल्तान [[ग़यासुद्दीन ख़िलजी]] के काल में लिखना प्रारंभ की गई थी। (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-196,प्रश्न-86
 
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-प्रेम दृश्य
 
-युद्ध दृश्य
 
+पाक कला संबंधी वस्तुएं
 
-दरबारी दृश्य
 
||'निमातनामा' पाक कला संबंधी वस्तुओं से संबंधित है। यह [[पांडुलिपि]] [[मालवा]] के सुल्तान [[ग़यासुद्दीन ख़िलजी]] के काल में लिखना प्रारंभ की गई थी। इससे सम्बधित अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य निम्न प्रकार हैं- (1) यह पांडुलिपि 'इंडियन ऑफ़िस लाइब्रेरी' [[लंदन]] में संग्रहीत है। (2) इस पांडुलिपि में ग़यासुद्दीन ख़िलजी नौकरानियों द्वारा बनाए जा रहे भोजन का निरीक्षण कर रहा है। (3) यह पांडुलिपि ईरानी कला से भी प्रभावित है।
 
 
{[[आर. के. लक्ष्मण]] किस रूप में प्रसिद्ध हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-234,प्रश्न-360
 
|type="()"}
 
-वास्तुकार
 
+कार्टूनिस्ट
 
-उपन्यासकार
 
-आंतरिक सज्जाकार
 
||[[आर. के. लक्ष्मण]] कार्टूनिस्ट के रूप में प्रसिद्ध हैं। इनका पूरा नाम श्री रासीपुरम कृष्णस्वामी लक्ष्मण है। उन्होंने कार्टून के लिए कोई अलग से शिक्षा या ट्रेनिंग नहीं ली बल्कि अपने बड़े भाई एवं प्रसिद्ध उपन्यासकार [[आर. के. नारायण]] द्वारा समाचार-पत्रों के लिए लिखे गए कालमों के लिए कार्टून बनाते थे। इन्होंने बहुत सारी 'शार्ट स्टेरीज', यात्रा वृत्तांत तथा निबंध भी प्रकाशित किए हैं।
 
 
{प्रागैतिहासिक चित्र [[उत्तर प्रदेश]] में कहां हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-6,प्रश्न-13
 
|type="()"}
 
-सिंहारिया
 
-[[चंदौली |चंदौली]]
 
+लखनिया
 
-[[सारनाथ]]
 
||[[मिर्जापुर|मिर्जापुर क्षेत्र]] के प्रागैतिहासिक चित्रों का कई स्थानों पर उल्लेख है। यहां के शैल चित्रों को [[नवपाषाण काल]] का अनुमानित किया गया है जो कम से अब 3000 वर्ष पूर्व के बताए गए हैं (इम्पीरियल गजेटियर-1909 में कार्लाइल का शोध विवरण)। यहां के चित्रकारी गुफ़ाओं को सर्वप्रथम प्राचीन मानव निवास स्थल बताया गया है। यहां के छातु ग्राम के समीप लखनिया से अपना सर्वेक्षण प्रारंभ कर [[विजयगढ़, राजस्थान|विजयगढ़]] तक के ही शैल चित्रों का अध्ययन प्रस्तुत किया, जिसमें लखनिया, कोहबर आदि के चित्रों को खोज निकाला और बहुत से चित्रों को अनुकृति करवाया।
 
 
{[[यूरोप]] की प्रागैतिहासिक कला का लासकाक्स क्षेत्र कहाँ स्थित है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-18,प्रश्न-2
 
|type="()"}
 
-पश्चिमोत्तर जर्मनी
 
+दक्षिणी फ़्राँस
 
-उत्तर इटली
 
-पूर्व स्पेन
 
||[[फ़्राँस]] के लासकाक्स की गुफ़ाओं की खोज ब्रुइल ने वर्ष [[1940]] में की थी। दक्षिणी फ़्राँस में स्थित यह गुफ़ा फैंको-कैंटेब्रियन क्षेत्र में उपलब्ध गुफ़ा चित्रों में सर्वश्रेष्ठ है। यहां के चित्र आश्चर्यजनक रूप से सुरक्षित भी हैं और इनमें बड़ी चमक भी है। यहां के 'विशाल कक्ष' का एक नाम 'जंगली वृषमों वाला कक्ष' भी है। इसके चित्र बड़े मार्मिक हैं, जिनमें तीन पूर्ब तथा एक अपूर्ण आकृति अंकित है। इसी वर्ग में वह आकृति है जिसे एक सींग वाला अश्व कहा गया है। यहां हरिण तथा दो महिष (Bison-बाइसन) की आकृतियां भी प्राप्त होती हैं। लगभग अठारह फ़ीट लंबाई में अंकित ये चित्र हिमयुगीन कला का एक विशिष्ट पक्ष हैं।
 
 
{[[गोथिक कला]] के किस चित्रकार ने इंद्रधनुषी रंगों में चित्रण किया? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-39,प्रश्न-17
 
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-जॉन प्यूसिल
 
+मास्टर ऑफ़ मोलिन्स
 
-जेरार्ड डेविड
 
-एन्जर्स
 
||[[गोथिक कला]] के चित्रकार मास्टर ऑफ़ मोलिन्स ने इंद्रधनुषी रंगों में Vigin in Glory तथा Nativity का चित्रण किया। इससे सम्बधित अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य निम्न प्रकार हैं- (1) एक अन्य अज्ञात कलाकार ने पिएटा चित्रित किया है। (2) रस्किन के मतानुसार पोक द लिम्बर्ग (Pol de limbourg) प्रथम चित्रकार था जिसने [[सूर्य]] को [[आकाश]] में ठीक तरह से स्थान दिया। (3) फूके को पहला महान फ़्राँसीसी चित्रकार कहा गया है। उसकी आकृतियां पंद्रहवीं शती की बरगण्डी की आधुनिक वेशभूषा पहने हैं। (4) किंग रेने (King Rene) ने जलती हुई झाड़ी के मध्य कुमारी तथा शिशु का चित्र बनाया।
 
 
{[[राजस्थान]] के किस क्षेत्र की कला शैली पर [[जहांगीर]] एवं [[शाहजहां]] कालीन मुग़ल प्रभाव अधिक दिखाई देता है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-48,प्रश्न-12
 
|type="()"}
 
-कोटा शैली -बूंदी शैली
 
-किशनगढ़ शैली
 
-उदयपुर शैली
 
+जयपुर शैली
 
||जयपुर चित्र शैली पर मुग़लों का अधिक प्रभाव दिखाई पड़ता देता है, खासकर [[जहांगीर]] एवं [[शाहजहां]] कालीन मुग़ल प्रभाव अधिक दिखाई देता है। स्त्रियों के वस्त्रों के चित्रण में मुग़ल पहनावे की छाप दिखाई देती है। साथ ही चित्रों की कलई [[मुग़ल चित्रकला|मुग़ल चित्रों]] के समान [[काला रंग|काले रंग]] या काली स्याही से की गई है। इससे सम्बधित अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य निम्न प्रकारा हैं- (1) [[सवाई जयसिंह]] ने अपने राज चिन्हों, कोषों, रोजमर्रा की वस्तुएं, [[कला]] का खजाना, साज-सामान आदि को सुव्यवस्थित ढंग से संचालित करने के लिए 'छत्तीस कारख़ानों' की स्थापना की, जिसमें सूरत खाना (यहां चित्रकार चित्रों का निर्माण करते थे) ही एक है। (2) इस समय के दरबारी चित्रकार मोहम्मद शाह और साहिब राम थे। (3) साहिब राम [[ईश्वरीसिंह|ईश्वरी सिंह]] के समय के प्रभावशाली चित्रकार थे। (4) जयपुर शैली 'ढूंढाड़ शैली' के नाम से भी जानी जाती है। (5) [[जयसिंह|जय सिंह]] के दरबारी कवि 'शिवदास राय' द्वारा [[ब्रज भाषा]] में तैयार करवाई गई सचित्र [[पाण्डुलिपि]] 'सरस रस ग्रंथ' है जिसमें कृष्ण विषयक चित्र पूरे 39 पृष्ठों पर अंकित हैं। (6) सवाई जयसिंह के पुत्र सवाई ईश्वरी सिंह ने अपने निर्देशन में 'ईसरलाट' और 'सिटी पैलेस' का निर्माण करवाया।
 
 
{स्थिर चित्रण प्रमुख रूप से किस शैली में देखने को मिलता है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-57,प्रश्न-12
 
|type="()"}
 
-बंगाल शैली
 
+[[मुग़ल चित्रकला|मुग़ल शैली]]
 
-पाश्चात्य शैली
 
-अजंता शैली
 
||स्थिर चित्रण प्रमुख रूप से [[मुग़ल चित्रकला|मुग़ल शैली]] में देखने को मिलता है। मुग़ल शैली दक्षिण एशियाई शैली तथा परसियन शैली का मिश्रण है। मुग़ल शैली जैसे भारतीय हिन्दू शैली, जैन और बौद्ध शैली से प्रभावित रही। स्थित चित्रण [[मुग़ल काल]] में ही फला-फूला।
 
 
{'गुलेर शैली' के लगभग कितने चित्र प्राप्त हैं, जो [[रामायण]] पर आधारित हैं? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-72,प्रश्न-1
 
|type="()"}
 
-15
 
-206
 
-11
 
+14
 
||गुलेर शैली के [[रामायण]] पर आधारित 14 चित्र प्राप्त होते हैं, जो [[दलीप सिंह|राजा दलीप सिंह]] के समय के हैं। इससे सम्बधित अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य निम्न प्रकार हैं- (1) गुलेर शैली आरंभिक चित्र 'पंड़ित सेऊ' और उनके दो पुत्र 'मानकू' और 'नैनसुख' ने बनाए। (2) गुलेर कलम का विषय रामायण और [[महाभारत]] की प्रमुख घटनाएं रहीं लेकिन इस शैली में स्त्री-चित्रण को विशेष महत्त्व दिया गया है।
 
 
{बंगाल पुनरुत्थान युग के प्रवर्तक कौन थे? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-78,प्रश्न-2
 
|type="()"}
 
-[[अमृता शेरगिल]]
 
+अबनीन्द्रनाथ टैगोर
 
-[[नंदलाल बोस]]
 
-यामिनी राय
 
||[[चित्रकला|भारतीय चित्रकला]] के पुर्जागरण का श्रेय बंगाल शैली को दिया जाता है। इसी शैली को 'टैगोर शैली', वॉश शैली', 'पुनरुत्थान या पुनर्जागरण शैली' भी कहा जाता है, जो पूरे विश्व में प्रसिद्ध हुई और भारतीय चित्रकला ने पाश्चात्य के प्रभाव से मुक्ति पाई। यहीं से भारतीय आधुनिक चित्रकला का इतिहास आरंभ होता है। बंगाल पुनरुत्थान युग के प्रवर्तक अबनीन्द्रनाथ टैगोर थे।
 
 
{अबनीन्द्रनाथ ठाकुर के शिष्यों में निम्न में से कौन नहीं है? (कला सामान्य ज्ञान,पृ.सं-88,प्रश्न-82
 
|type="()"}
 
-देवी प्रसाद रायचौधरी
 
-[[नंदलाल बोस]]
 
-एल.एम. सेन
 
+गोपाल घोष
 
||गोपाल घोष, अबनीन्द्रनाथ ठाकुर के शिष्यों में नहीं हैं। गोपाल घोष, देवी प्रसाद रायचौधरी के शिष्य थे। अबनींद्रनाथ ठाकुर के प्रमुख शिष्य हैं- [[नंदलाल बोस]], क्षितींद्रनाथ मज़ूमदार, असित कुमार हल्दर, शारदा उकील, मुकुल डे, सुरेंद्रनाथ गांगुकी एवं जामिनी राय।
 
 
  
  

Revision as of 12:12, 30 January 2018

1 {"kalakar koee vishesh prakar ka manushy nahian hota, balki har manushy ek vishesh prakar ka kalakar hota hai." yah kathan kisaka hai? (kala samany jnan,pri.san-197,prashn-87

anand kumarasvami
asit kumar haldar
vasudevasharan agraval
raykrishna das

2 inamean se prasiddh vyang chitrakar kaun haian? (kala samany jnan,pri.san-234,prashn-261

bi.en. ary
madan lal nagar
pi.si. litil
ar. ke. lakshman

3 yooropiy pragaitihasik chitroan ke pramukh keandr kahaan par sthit haian? (kala samany jnan,pri.san-7,prashn-14

yoonan evan mesopotamiya
uttar fraans evan ianglaiand
uttari spen evan dakshini fraans
itali evan fraans

4 'lasakaks' gufa ki khoj kab huee thi? (kala samany jnan,pri.san-18,prashn-3

1810
1936
1832
1940

5 bharat mean laghu chitroan ki shuruat kisane ki? (kala samany jnan,pri.san-40,prashn-1

rajapoot
mugal
pal
maury

6 sahib ram kis shaili ke laghu chitroan ke chitrakar the? (kala samany jnan,pri.san-48,prashn-13

jodhapur shaili
kishanagadh shaili
meva d shaili
jayapur shaili

7 kis badashah ka samay mugal kal ka svarn yug kaha jata hai? (kala samany jnan,pri.san-57,prashn-13

akabar
jahaangir
babar
shahajahaan

8 shikare ke sath mahila kis shaili ka chitr hai? (kala samany jnan,pri.san-72,prashn-2

guler shaili
basauli shaili
jayapur shaili
chamba shaili

9 bharatiy kala mean punarutthan kisase aranbh hota hai? (kala samany jnan,pri.san-78,prashn-3

patana skool
bihar skool
bangal skool
eestarn skool

10 shanti niketan mean madhy yugin hiandoo sant ke bhitti chitroan ko kisane chitrit kiya hai? (kala samany jnan,pri.san-88,prashn-83

nandalal bos
rabiandranath taigor
binod bihari mukharji
ke.ji. subramanyan

11 prasiddh kalakriti 'chakka pheankane vala' ka kalakar kaun hai? (kala samany jnan,pri.san-197,prashn-88

paliklitas
roobens
raphel
mayar aaun

12 ek aise neta ka nam bataie jisane apani jivika ka praranbh ek kartoon chitrakar ke roop mean kiya tha? (kala samany jnan,pri.san-235,prashn-362

ar. ke. lakshman
bal thakare
vi.pi. sianh
iandr kumar gujaral

13 dajala aur pharat nadiyoan ke doab mean panapi sabhyata kisaki hai? (kala samany jnan,pri.san-7,prashn-15

mistr
grik
bharat
mesopotamiya

14 adhunik bharatiy chitrakala ke pitamah kaun the? (kala samany jnan,pri.san-88,prashn-86

abaniandranath taigor
rabiandranath taigor
gaganeandranath taigor
kshitiandranath taigor

15 sarvapratham laghuchitr kis par banae ge? (kala samany jnan,pri.san-40,prashn-2

kagaz
talapatr
kaanch
vastr

16 'nihal chand' kalakar kis shaili se sanbandhit haian? (kala samany jnan,pri.san-48,prashn-14

jain shaili
upabhransh shaili
adhunik shaili
rajasthani shaili

17 prakhyat moortikar chiantamani kar nimnalikhit mean se kis lalit kala vidyalay mean pradhanachary the? (kala samany jnan,pri.san-89,prashn-87

madras k aaulej aauf arts
lakhanoo k aaulej aauf arts
dilli k aaulej aauf arts
kalakatta k aaulej aauf arts

18 nimn mean se kaun-sa rajasthani chitrakala ka keandr nahian hai? (kala samany jnan,pri.san-73,prashn-3

kishanagadh
booandi
chavand
guler

19 bangal chitr-shaili inamean se kis ek visheshata ke karan jani jati hai? (kala samany jnan,pri.san-78,prashn-4

aauyal takanik
v aaush takanik
miniechar takanik
myooral takanik

20 inamean se kaun bangal shaili ka chitrakar nahian hai? (kala samany jnan,pri.san-88,prashn-84

sharada ukil
sudhir khastagir
mukul de
eeshvari prasad

21 'valt dijani' ko kisaka janak mana jata hai?(kala samany jnan,pri.san-197,prashn-89

stil photographi
enimeshan prakriya
vidiyoan filmiang
bl aauk mekiang

22 sabase ooanchi mahatma buddh ki moorti jo hal mean dhvast ki gee thi, kahaan sthit thi? (kala samany jnan,pri.san-235,prashn-363

kabul
kuandul
bamiyan
kaisar

23 mesopotamiya ki sabhyata kis desh ki hai? (kala samany jnan,pri.san-7,prashn-16

pakistan
eeran
afaganistan
irak

24 lasakaks ki gufaoan mean kis dirghakay pashu ki akriti haian? (kala samany jnan,pri.san-18,prashn-5

sianh
hathi
dayanasor
baisan (mahish)

25 bharat mean sachitr pustakean sarvapratham kis madhyam par banian? (kala samany jnan,pri.san-40,prashn-3

kap de
tal-patroan
kagaz
lak di ke patte

26 rajapoot shaili kisaka sammilit nam hai? (kala samany jnan,pri.san-49,prashn-15

rajasthani shaili-mugal shaili
apabhransh shaili-kishanagadh shaili
rajasthani shaili-paha di shaili
jayapur shaili-eerani shaili

27 mugal kal mean chitrakala ka utkarsh kisake rajyakal mean hua tha? (kala samany jnan,pri.san-57,prashn-15

akabar
shahajahaan
aurangajeb
jahaangir

28 nainasukh kis shaili ka chitrakar tha? (kala samany jnan,pri.san-73,prashn-4

guler shaili
kaang da shaili
basauli shaili
gadhaval shaili

29 bangal kala shaili kis takanik se jani jati hai? (kala samany jnan,pri.san-78,prashn-5

tail takanik
laghu chitran takanik
v aaush takanik
tempara takanik

30 chitrakar jamini ray ki prasiddh kalakriti 'maan evan shishu' ka madhyam kya hai? (kala samany jnan,pri.san-88,prashn-85

kainavas par tail rang
kainavas par tempara
tempara
v aaush