जिंजी: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
 
Line 29: Line 29:
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{कर्नाटक के ऐतिहासिक स्थान}}
{{कर्नाटक के ऐतिहासिक स्थान}}
{{कर्नाटक के पर्यटन स्थल}}
{{तमिलनाडु के पर्यटन स्थल}}
[[Category:कर्नाटक]]
[[Category:तमिलनाडु]]
[[Category:कर्नाटक के ऐतिहासिक स्थान]]
[[Category:कर्नाटक के ऐतिहासिक स्थान]]
[[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]]
[[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

Latest revision as of 13:07, 7 July 2012

thumb|250px|जिंजी दुर्ग जिंजी कर्नाटक के अर्काट ज़िला में स्थित था। वर्तमान में यह तमिलनाडु के विलुप्पुरम ज़िले में स्थित है।

  • जिंजी अपने सुदृढ़ दुर्ग के कारण उल्लेखनीय है।
  • सन् 1677 ई. में शिवाजी ने जिंजी के क़िले को बीजापुर से छीन लिया और अपनी कर्नाटक सरकार की राजधानी बना दिया।
  • शिवाजी की मृत्यु के बाद जिंजी पूर्वी तट पर मराठों के स्वातंत्र्य युद्ध का प्रमुख केन्द्र बन गया।
  • सन 1690 ई. में विशाल मुग़ल सेना ने जिंजी के क़िले पर अधिकार करने के लिए घेरा डाला ताकि शिवाजी के उत्तराधिकारी रामराजा को पराजित किया जा सके।
  • जिंजी का दुर्ग अजेय समझा जाता था, अतः दुर्ग का घेरा 18 जनवरी, 1698 ई. तक पड़ा रहा। उस दिन मुग़लों ने दुर्ग पर भीषण आक्रमण किया।
  • रामराजा को यहाँ से भागकर अन्यत्र जाना पड़ा।
  • कालांतर में इस क़िले पर फ्रांसीसी लोगों ने अधिकार कर लिया, किंतु 1761 ई. में पांडिचेरी के पतन के बाद उन्हें यह किला अंग्रेज़ों को सौंपना पड़ा।
  • जिंजी का दुर्ग तीन पहाड़ियों को मज़बूत दीवार से जोड़ कर तीन मील की परिधि में बनाया गया है।
  • यहाँ इसकी एक पहाड़ी पर रंगनाथ का सुन्दर मन्दिर है, जिसमें कृष्ण की कलात्मक मूर्तियाँ हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

वीथिक

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख