पथ का पाप -रांगेय राघव: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
 
Line 8: Line 8:
| संपादक =
| संपादक =
| प्रकाशक = राजपाल प्रकाशन
| प्रकाशक = राजपाल प्रकाशन
| प्रकाशन_तिथि =[[1 जनवरी]], [[2009]]
| प्रकाशन_तिथि =
| भाषा =[[हिन्दी]]
| भाषा =[[हिन्दी]]
| देश =[[भारत]]
| देश =[[भारत]]
Line 21: Line 21:
}}
}}


'''पथ का पाप''' [[भारत]] के प्रसिद्ध उपन्यासकारों और साहित्यकारों में गिने जाने वाले [[रांगेय राघव]] द्वारा लिखा गया उपन्यास है। यह उपन्यास [[1 जनवरी]], [[2009]] को प्रकाशित हुआ था। उपन्यास का प्रकाशन 'राजपाल प्रकाशन' द्वारा किया गया था। रांगेय राघव का यह उपन्यास ग्रामीण पृष्ठभूमि पर आधारित है।<ref name="ab">{{cite web |url=http://pustak.org/home.php?bookid=7774 |title=पथ का पाप|accessmonthday= 24 जनवरी|accessyear=2013|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref>
'''पथ का पाप''' [[भारत]] के प्रसिद्ध उपन्यासकारों और साहित्यकारों में गिने जाने वाले [[रांगेय राघव]] द्वारा लिखा गया उपन्यास है। इस उपन्यास का प्रकाशन 'राजपाल प्रकाशन' द्वारा किया गया था। रांगेय राघव का यह उपन्यास ग्रामीण पृष्ठभूमि पर आधारित है।<ref name="ab">{{cite web |url=http://pustak.org/home.php?bookid=7774 |title=पथ का पाप|accessmonthday= 24 जनवरी|accessyear=2013|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref>


*[[हिन्दी]] के जाने-माने लेखक रांगेय राघव का उपन्यास 'पथ का पाप' एक कालजयी रचना है।
*[[हिन्दी]] के जाने-माने लेखक रांगेय राघव का उपन्यास 'पथ का पाप' एक कालजयी रचना है।

Latest revision as of 05:53, 25 January 2013

पथ का पाप -रांगेय राघव
लेखक रांगेय राघव
प्रकाशक राजपाल प्रकाशन
ISBN 9788170281375
देश भारत
पृष्ठ: 112
भाषा हिन्दी
प्रकार उपन्यास

पथ का पाप भारत के प्रसिद्ध उपन्यासकारों और साहित्यकारों में गिने जाने वाले रांगेय राघव द्वारा लिखा गया उपन्यास है। इस उपन्यास का प्रकाशन 'राजपाल प्रकाशन' द्वारा किया गया था। रांगेय राघव का यह उपन्यास ग्रामीण पृष्ठभूमि पर आधारित है।[1]

  • हिन्दी के जाने-माने लेखक रांगेय राघव का उपन्यास 'पथ का पाप' एक कालजयी रचना है।
  • लेखक ने अपनी अन्य कृतियों के समान ही अपने इस उपन्यास के लिए भी ग्रामीण परिवेश को ही आधार बनाया है।
  • रांगेय राघव बहुमुखी प्रतिभा के धनी साहित्यकार थे। अपने छोटे से जीवनकाल में उन्होंने कहानी, कविता, नाटक आदि विभिन्न विधाओं से हिन्दी साहित्य को समृद्ध किया है।
  • मूल रूप से दक्षिण भारतीय होने के बावजूद भी हिन्दी पर रांगेय राघव की पकड़ सराहनीय थी।
  • उनके उपन्यास 'पथ का पाप' में उन्होंने स्वाधीन भारत के ग्रामीण जीवन में आये बदलाव के साथ-साथ धार्मिक रूढ़ियों का बड़ा ही मार्मिक और यथार्थ चित्रण किया है।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 पथ का पाप (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 24 जनवरी, 2013।

संबंधित लेख