धर्मचक्र: Difference between revisions
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*[[सारनाथ]] में स्थित सम्राट [[अशोक]] का चक्र 'सिंह स्तम्भ' [[भारत]] के संघ राज्य का प्रतीक है, नीचे '[[सत्यमेव जयते]]' [[वेद]] वाक्य अंकित किया गया है। | |||
*चार सिंह चार विपरीत दिशाओं की ओर एक दूसरे से जुड़े हैं। | *चार सिंह चार विपरीत दिशाओं की ओर एक दूसरे से जुड़े हैं। | ||
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Latest revision as of 12:12, 21 March 2014
- सारनाथ में स्थित सम्राट अशोक का चक्र 'सिंह स्तम्भ' भारत के संघ राज्य का प्रतीक है, नीचे 'सत्यमेव जयते' वेद वाक्य अंकित किया गया है।
- चार सिंह चार विपरीत दिशाओं की ओर एक दूसरे से जुड़े हैं।
- नीचे चार चक्र हैं।
- चक्रों की तरह ही यह चारों सिंह भी गतिमान हैं।
- प्रत्येक चक्र में 24 त्रिज्याएँ हैं जो दिव्य ज्ञान की 24 श्रेणियों के निर्देशक हैं।
- बौद्ध मतानुसार यह 'ज्ञान चक्र' है, अशोक ने इसे 'धर्मचक्र' कहा है।
- अशोक ने अपनी सभी विजयों में 'धर्म विजय' को सर्वश्रेष्ठ माना है। लोक कल्याण में धर्म का रहस्य देखा है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
सम्बंधित लेख