सीता कुण्ड: Difference between revisions

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'''सीता कुण्ड''' [[बिहार]] राज्य के [[मुंगेर]] से 6 किमी पूर्व में स्थित पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र है।  
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*सीता कुंड का नाम [[राम|भगवान राम]] की धर्मपत्‍नी [[सीता]] के नाम पर रखा गया है।  
*सीता कुंड का नाम [[राम|भगवान राम]] की धर्मपत्‍नी [[सीता]] के नाम पर रखा गया है।  
*सीता कुंड को बिहार राज्‍य पर्यटन मंत्रालय ने एक पर्यटक स्‍थल के रूप में विकसित किया है।  
*सीता कुंड को बिहार राज्‍य पर्यटन मंत्रालय ने एक पर्यटक स्‍थल के रूप में विकसित किया है।  
*सीता कुंड में खासकर [[माघ]] [[मास]] के [[पूर्णिमा]] ([[फरवरी]]) में स्‍नान करने के लिए भारी संख्‍या में श्रद्धालु आते हैं।
*सीता कुंड में ख़ासकर [[माघ]] [[मास]] की [[माघ पूर्णिमा|पूर्णिमा]] ([[फरवरी]]) में स्‍नान करने के लिए भारी संख्‍या में श्रद्धालु आते हैं।
==मान्यता==
==मान्यता==
मान्यता है कि जब राम सीता को [[रावण]] के चंगुल से छुड़ाकर लाए थे तो उनको अपनी पवित्रता साबित करने के लिए [[अग्नि]] परीक्षा देनी पड़ी थी। [[धर्मशास्त्र|धर्मशास्‍त्रों]] के अनुसार अग्नि परीक्षा के बाद सीता माता ने जिस कुंड में स्‍नान किया था यह वही कुंड है।  
मान्यता है कि जब राम सीता को [[रावण]] के चंगुल से छुड़ाकर लाए थे तो उनको अपनी पवित्रता साबित करने के लिए [[अग्नि]] परीक्षा देनी पड़ी थी। [[धर्मशास्त्र|धर्मशास्‍त्रों]] के अनुसार अग्नि परीक्षा के बाद सीता माता ने जिस कुंड में स्‍नान किया था यह वही कुंड है।  

Latest revision as of 10:44, 30 January 2015

सीता कुण्ड बिहार राज्य के मुंगेर से 6 किमी पूर्व में स्थित पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र है।

  • सीता कुंड का नाम भगवान राम की धर्मपत्‍नी सीता के नाम पर रखा गया है।
  • सीता कुंड को बिहार राज्‍य पर्यटन मंत्रालय ने एक पर्यटक स्‍थल के रूप में विकसित किया है।
  • सीता कुंड में ख़ासकर माघ मास की पूर्णिमा (फरवरी) में स्‍नान करने के लिए भारी संख्‍या में श्रद्धालु आते हैं।

मान्यता

मान्यता है कि जब राम सीता को रावण के चंगुल से छुड़ाकर लाए थे तो उनको अपनी पवित्रता साबित करने के लिए अग्नि परीक्षा देनी पड़ी थी। धर्मशास्‍त्रों के अनुसार अग्नि परीक्षा के बाद सीता माता ने जिस कुंड में स्‍नान किया था यह वही कुंड है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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