कटिहार: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
m (Text replacement - "khoj.bharatdiscovery.org" to "bharatkhoj.org")
 
(2 intermediate revisions by one other user not shown)
Line 1: Line 1:
*कटिहार [[बिहार]] राज्य का एक ज़िला है।
'''कटिहार''' [[बिहार|बिहार राज्य]] का एक ज़िला है। यह [[पश्चिम बंगाल]] की सीमा पर स्थित है। इस ज़िले में बरारी गुरु बाज़ार का गुरुद्वारा प्रसिद्ध है। [[सिक्ख|सिक्खों]] के नौवें [[गुरु तेगबहादुर सिंह]] द्वारा लंगर का आयोजन कटिहार में किया गया था। यहाँ सालमारी स्टेशन के पास भगवान [[शिव]] का 'गोरखनाथ मन्दिर' और रानी इन्द्रावती की राजधानी 'सौरिया' आदि प्रसिद्ध हैं। रेल यातायात की दृष्टि से कटिहार का अधिक महत्व है। यह पूर्वोत्तर रेलवे तथा पूर्वोत्तर सीमा रेलवे का संधि स्थान है।
*यह [[पश्चिम बंगाल]] की सीमा पर स्थित है।
 
*इस ज़िले में बरारी गुरु बाज़ार का गुरुद्वारा प्रसिद्ध है। सिक्खों के नवें गुरु [[तेगबहादुर सिंह गुरु|तेगबहादुर]] द्वारा लंगर का आयोजन किया गया था।  
*[[पश्चिम बंगाल]] की सीमा पर स्थित कटिहार बिहार प्रान्त का ज़िला है।
*सालमारी स्टेशन के पास [[शिव]] जी का गोरखनाथ मन्दिर, रानी इन्द्रावती की राजधानी सौरिया प्रसिद्ध हैं।
*बाल्दीबाड़ी, बेलवा, दुभी-सुभी, गोगाबिल झील, नवाबगंज, मनिहारी और कल्याणी झील आदि यहाँ के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से है।
{{प्रचार}}
*पूर्व समय में यह पूर्णिया ज़िले का एक हिस्सा था। इसका [[इतिहास]] बहुत ही समृद्ध रहा है।
{{लेख प्रगति  
*कटिहार ज़िले का नाम इसके प्रमुख शहर दीघी-कटिहार के नाम पर रखा गया था। [[मुग़ल साम्राज्य]] के अधीन इस ज़िले की स्थापना सरकार तेजपुर ने की थी।
|आधार=
*13वीं [[शताब्दी]] के आरम्भ में यहाँ पर मोहम्मद्दीन शासकों ने राज किया। 1770 ई. में जब मोहम्मद अली ख़ान पूर्णिया के गर्वनर थे, उस समय यह ज़िला ब्रिटिश सरकार के हाथ में चला गया। इसलिए बहुत लम्बे समय तक इस जगह पर कई शासकों ने राज किया।
|प्रारम्भिक= प्रारम्भिक1
*[[2 अक्टूबर]], [[1973]] ई. को कटिहार को स्वतंत्र ज़िले के रूप में घोषित कर दिया गया।
|माध्यमिक=  
*यहाँ से रेल की एक शाखा दक्षिण की ओर गंगा नदी के किनारे स्थित मनिहारी घाट तक जाती है। मनिहारी घाट से सँकरी गली तक गंगा में स्टीमर चलता है।
|पूर्णता=  
*भेड़ के व्यापार के लिए भी कटिहार काफ़ी प्रसिद्ध है। यहाँ गड़रियों की एक बस्ती है, जहाँ कंबल बनाए जाते हैं।<ref>{{cite web |url=http://bharatkhoj.org/india/%E0%A4%95%E0%A4%9F%E0%A4%BF%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%B0 |title=कटिहार|accessmonthday=12 फ़रवरी|accessyear=2014|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref>
|शोध=
 
}}
 
{{लेख प्रगति |आधार=|प्रारम्भिक= प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध=}}
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{बिहार के नगर}}
{{बिहार के नगर}}{{बिहार के पर्यटन स्थल}}
{{बिहार के पर्यटन स्थल}}
[[Category:बिहार]][[Category:बिहार के नगर]][[Category:भारत के नगर]][[Category:हिन्दी विश्वकोश]]
[[Category:बिहार]]
[[Category:बिहार के नगर]]
[[Category:भारत के नगर]]
 
__INDEX__
__INDEX__

Latest revision as of 12:24, 25 October 2017

कटिहार बिहार राज्य का एक ज़िला है। यह पश्चिम बंगाल की सीमा पर स्थित है। इस ज़िले में बरारी गुरु बाज़ार का गुरुद्वारा प्रसिद्ध है। सिक्खों के नौवें गुरु तेगबहादुर सिंह द्वारा लंगर का आयोजन कटिहार में किया गया था। यहाँ सालमारी स्टेशन के पास भगवान शिव का 'गोरखनाथ मन्दिर' और रानी इन्द्रावती की राजधानी 'सौरिया' आदि प्रसिद्ध हैं। रेल यातायात की दृष्टि से कटिहार का अधिक महत्व है। यह पूर्वोत्तर रेलवे तथा पूर्वोत्तर सीमा रेलवे का संधि स्थान है।

  • पश्चिम बंगाल की सीमा पर स्थित कटिहार बिहार प्रान्त का ज़िला है।
  • बाल्दीबाड़ी, बेलवा, दुभी-सुभी, गोगाबिल झील, नवाबगंज, मनिहारी और कल्याणी झील आदि यहाँ के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से है।
  • पूर्व समय में यह पूर्णिया ज़िले का एक हिस्सा था। इसका इतिहास बहुत ही समृद्ध रहा है।
  • कटिहार ज़िले का नाम इसके प्रमुख शहर दीघी-कटिहार के नाम पर रखा गया था। मुग़ल साम्राज्य के अधीन इस ज़िले की स्थापना सरकार तेजपुर ने की थी।
  • 13वीं शताब्दी के आरम्भ में यहाँ पर मोहम्मद्दीन शासकों ने राज किया। 1770 ई. में जब मोहम्मद अली ख़ान पूर्णिया के गर्वनर थे, उस समय यह ज़िला ब्रिटिश सरकार के हाथ में चला गया। इसलिए बहुत लम्बे समय तक इस जगह पर कई शासकों ने राज किया।
  • 2 अक्टूबर, 1973 ई. को कटिहार को स्वतंत्र ज़िले के रूप में घोषित कर दिया गया।
  • यहाँ से रेल की एक शाखा दक्षिण की ओर गंगा नदी के किनारे स्थित मनिहारी घाट तक जाती है। मनिहारी घाट से सँकरी गली तक गंगा में स्टीमर चलता है।
  • भेड़ के व्यापार के लिए भी कटिहार काफ़ी प्रसिद्ध है। यहाँ गड़रियों की एक बस्ती है, जहाँ कंबल बनाए जाते हैं।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

संबंधित लेख

  1. कटिहार (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 12 फ़रवरी, 2014।