भानु प्रताप सिंह वर्मा: Difference between revisions
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*मोदी कैबिनेट के विस्तार के बाद यूपी से सात सांसदों को मंत्री बनाया गया है। इनमें से एक हैं पांच बार [[भाजपा]] से सांसद रहे भानु प्रताप सिंह वर्मा। | *मोदी कैबिनेट के विस्तार के बाद यूपी से सात सांसदों को मंत्री बनाया गया है। इनमें से एक हैं पांच बार [[भाजपा]] से सांसद रहे भानु प्रताप सिंह वर्मा। |
Latest revision as of 09:08, 15 July 2021
भानु प्रताप सिंह वर्मा
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पूरा नाम | भानु प्रताप सिंह वर्मा |
जन्म | 15 जुलाई, 1957 |
जन्म भूमि | कौंच, ज़िला जालौन, उत्तर प्रदेश |
अभिभावक | पिता- सुमेर वर्मा माता- सुमित्रा वर्मा |
पति/पत्नी | राममूर्ति वर्मा |
संतान | 5 पुत्र |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | राजनीतिज्ञ |
पार्टी | भारतीय जनता पार्टी |
पद | राज्य मंत्री, लघु, मध्यम और सूक्ष्म उद्योग मंत्रालय- 7 जुलाई, 2021 से |
अन्य जानकारी | वर्ष 2001 में उत्तर प्रदेश भाजपा के अनुसूचित जाति मोर्चा के उपाध्यक्ष बने भानु प्रताप सिंह वर्मा 2011 से 2013 तक इस मोर्चा के अध्यक्ष भी रहे। |
अद्यतन | 14:38, 15 जुलाई 2021 (IST)
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भानु प्रताप सिंह वर्मा (अंग्रेज़ी: Bhanu Pratap Singh Verma, जन्म- 15 जुलाई, 1957, कौंच, ज़िला जालौन, उत्तर प्रदेश) भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिज्ञ हैं। वह भारत की 17वीं लोकसभा के सांसद हैं। 2019 के चुनावों में वह जालौन सीट से भाजपा के उम्मीदवार बनकर चुनाव लड़कर निर्वाचित हुए। 7 जुलाई, 2021 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंत्रिमण्डल में विस्तार तथा फेरबदल के बाद भानु प्रताप सिंह वर्मा को 'लघु, मध्यम और सूक्ष्म उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री' बनाया गया है।
- मोदी कैबिनेट के विस्तार के बाद यूपी से सात सांसदों को मंत्री बनाया गया है। इनमें से एक हैं पांच बार भाजपा से सांसद रहे भानु प्रताप सिंह वर्मा।
- जालौन की गरौठा भोगनीपुर संसदीय सीट से सांसद भानु प्रताप सिंह वर्मा ने बतौर विधायक से राजनीति के क्षेत्र में कदम रखा।
- वह 1991 में पहली बार कोच विधानसभा सीट से विधायक चुनकर विधानसभा पहुंचे थे।
- अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों में खासी पैठ रखने वाले 63 वर्षीय भानु प्रताप सिंह वर्मा जालौन सीट से वर्ष 1996, 1998, 2004, 2014 और 2019 का लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं।
- वह पहली बार केंद्रीय मंत्री बने हैं। वर्ष 2001 में उत्तर प्रदेश भाजपा के अनुसूचित जाति मोर्चा के उपाध्यक्ष बने भानु प्रताप सिंह वर्मा 2011 से 2013 तक इस मोर्चा के अध्यक्ष भी रहे।
- भानु प्रताप सिंह वर्मा को साक्षरता और परिवार कल्याण के क्षेत्र में काम करके सरकारी योजनाओं को अनुसूचित जातियों तथा जनजातियों तक पहुंचाने की दिशा में संघर्ष करने के लिए जाना जाता है।
- आप अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजातियों के कल्याण से संबंधित संसदीय समिति के सदस्य भी हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
नरेन्द्र मोदी का कैबिनेट मंत्रिमण्डल
क्रमांक | मंत्री नाम | मंत्रालय |
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