नलहाटी शक्तिपीठ: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
('हिन्दू धर्म के पुराणों के अनुसार जहां-जहां ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
 
(6 intermediate revisions by 3 users not shown)
Line 1: Line 1:
[[हिन्दू धर्म]] के [[पुराण|पुराणों]] के अनुसार जहां-जहां [[सती]] के अंग के टुकड़े, धारण किए [[वस्त्र]] या [[आभूषण]] गिरे, वहां-वहां शक्तिपीठ अस्तित्व में आया। ये अत्यंत पावन तीर्थ कहलाये। ये तीर्थ पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर फैले हुए हैं। देवी पुराण में [[शक्तिपीठ|51 शक्तिपीठों]] का वर्णन है। युगाद्या, 51 शक्तिपीठों में से एक शक्तिपीठ है।
{{सूचना बक्सा मन्दिर
*बोलपुर शांति निकेतन से 75 किलोमीटर तथा सैंथिया जंक्शन से 42 किलोमीटर दूर नलहरी रेलवे स्टेशन है, जहाँ से 3 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य कोण) में एक ऊँचे से टीले पर एक शक्तिपीठ है, जिसे नलहरी शक्तिपीठ कहते हैं।
|चित्र=Nalhatti-Shakti-Peeth.jpg
*यहाँ सती की "उदर नली" का पतन हुआ था (मतांतर से शिरोनली का निपात)।
|चित्र का नाम=नलहाटी शक्तिपीठ
|वर्णन=[[पश्चिम बंगाल]] स्थित 'नलहाटी शक्तिपीठ' [[भारतवर्ष]] के अज्ञात 108 एवं ज्ञात [[शक्तिपीठ|51 पीठों]] में से एक है। इसका [[हिन्दू धर्म]] में बड़ा ही महत्त्व है।
|स्थान=[[पश्चिम बंगाल]]
|निर्माता=
|जीर्णोद्धारक=
|निर्माण काल=
|देवी-देवता=सती 'कालिका' तथा भैरव 'योगीश'।
|वास्तुकला=
|भौगोलिक स्थिति=
|संबंधित लेख=[[शक्तिपीठ]], [[सती]]
|शीर्षक 1=पौराणिक मान्यता
|पाठ 1=मान्यतानुसार यह माना जाता है कि इस स्थान पर [[सती|देवी सती]] की 'उदर नली' का पतन हुआ था।
|शीर्षक 2=
|पाठ 2=
|अन्य जानकारी=
|बाहरी कड़ियाँ=
|अद्यतन=
}}
 
'''नलहाटी शक्तिपीठ''' [[शक्तिपीठ|51 शक्तिपीठों]] में से एक है। [[हिन्दू धर्म]] के [[पुराण|पुराणों]] के अनुसार जहां-जहां [[सती]] के अंग के टुकड़े, धारण किए [[वस्त्र]] या [[आभूषण]] गिरे, वहां-वहां शक्तिपीठ अस्तित्व में आये। ये अत्यंत पावन [[तीर्थ स्थान|तीर्थस्थान]] कहलाये। ये तीर्थ पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर फैले हुए हैं। देवीपुराण में [[शक्तिपीठ|51 शक्तिपीठों]] का वर्णन है।
 
*[[पश्चिम बंगाल]] राज्य के बोलपुर शांति निकेतन से 75 किलोमीटर तथा सैंथिया जंक्शन से 42 किलोमीटर दूर नलहरी रेलवे स्टेशन है, जहाँ से 3 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य कोण) में एक ऊँचे से टीले पर एक [[शक्तिपीठ]] है, जिसे 'नलहाटी शक्तिपीठ' कहते हैं।
*यहाँ [[सती]] की "उदर नली" का पतन हुआ था (मतांतर से शिरोनली का निपात)।
*यहाँ की सती 'कालिका' तथा भैरव 'योगीश' हैं।  
*यहाँ की सती 'कालिका' तथा भैरव 'योगीश' हैं।  


{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{संदर्भ ग्रंथ}}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>
==बाहरी कड़ियाँ==
==बाहरी कड़ियाँ==
 
*[http://www.charanamrit.info/Shakti.aspx?ID=33&CatID=12&Name=Shakti%20peeth Shaktipeeth]
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{शक्तिपीठ}}
{{शक्तिपीठ}}
[[Category:हिन्दू_धर्म]]
[[Category:पश्चिम बंगाल]][[Category:पश्चिम बंगाल के धार्मिक स्थल]][[Category:हिन्दू_तीर्थ]][[Category:हिन्दू_मन्दिर]]
[[Category:हिन्दू_तीर्थ]]
[[Category:हिन्दू_धर्म_कोश]][[Category:धार्मिक_स्थल_कोश]][[Category:हिन्दू_धार्मिक_स्थल]][[Category:शक्तिपीठ]]
[[Category:हिन्दू_मन्दिर]]
[[Category:हिन्दू_धर्म_कोश]]
[[Category:धार्मिक_स्थल_कोश]]
[[Category:हिन्दू_धार्मिक_स्थल]]
__INDEX__
__INDEX__

Latest revision as of 07:40, 26 September 2014

नलहाटी शक्तिपीठ
वर्णन पश्चिम बंगाल स्थित 'नलहाटी शक्तिपीठ' भारतवर्ष के अज्ञात 108 एवं ज्ञात 51 पीठों में से एक है। इसका हिन्दू धर्म में बड़ा ही महत्त्व है।
स्थान पश्चिम बंगाल
देवी-देवता सती 'कालिका' तथा भैरव 'योगीश'।
संबंधित लेख शक्तिपीठ, सती
पौराणिक मान्यता मान्यतानुसार यह माना जाता है कि इस स्थान पर देवी सती की 'उदर नली' का पतन हुआ था।

नलहाटी शक्तिपीठ 51 शक्तिपीठों में से एक है। हिन्दू धर्म के पुराणों के अनुसार जहां-जहां सती के अंग के टुकड़े, धारण किए वस्त्र या आभूषण गिरे, वहां-वहां शक्तिपीठ अस्तित्व में आये। ये अत्यंत पावन तीर्थस्थान कहलाये। ये तीर्थ पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर फैले हुए हैं। देवीपुराण में 51 शक्तिपीठों का वर्णन है।

  • पश्चिम बंगाल राज्य के बोलपुर शांति निकेतन से 75 किलोमीटर तथा सैंथिया जंक्शन से 42 किलोमीटर दूर नलहरी रेलवे स्टेशन है, जहाँ से 3 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य कोण) में एक ऊँचे से टीले पर एक शक्तिपीठ है, जिसे 'नलहाटी शक्तिपीठ' कहते हैं।
  • यहाँ सती की "उदर नली" का पतन हुआ था (मतांतर से शिरोनली का निपात)।
  • यहाँ की सती 'कालिका' तथा भैरव 'योगीश' हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख