श्री शैल शक्तिपीठ: Difference between revisions

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*यहाँ की सती 'महालक्ष्मी' तथा शिव 'संवरानंद' अथवा 'ईश्वरानंद' हैं।  
*यहाँ की सती 'महालक्ष्मी' तथा शिव 'संवरानंद' अथवा 'ईश्वरानंद' हैं।  
*श्री शैल को दक्षिण का कैलास कहते हैं तथा [[ब्रह्मगिरि]] भी कहते हैं।  
*श्री शैल को "दक्षिण का कैलास" और साथ ही '[[ब्रह्मगिरि]]' भी कहते हैं।  
*यहीं शिव का [[मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग]] है।  
*इसी स्थान पर भगवान [[शिव]] का [[मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग]] है।  
*वहाँ से 7 कि.मी. पश्चिम में भ्रमराम्बा देवी का मंदिर है, जिसे शक्तिपीठ माना जाता है।  
*7 कि.मी. पश्चिम में भ्रमराम्बा देवी का मंदिर है, जिसे [[शक्तिपीठ]] माना जाता है।  
*यहाँ का निकटस्थ रेलवे स्टेशन मरकापुर रोड है तथा निकटस्थ वायुयान अड्डा हैदराबाद है।
*यहाँ का निकटस्थ रेलवे स्टेशन मरकापुर रोड है तथा निकटस्थ वायुयान अड्डा [[हैदराबाद]] है।


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Latest revision as of 12:59, 5 October 2016

श्री शैल शक्तिपीठ
वर्णन आंध्र प्रदेश में स्थित 'श्री शैल शक्तिपीठ' भारतवर्ष के अज्ञात 108 एवं ज्ञात 51 पीठों में से एक है। इसका हिन्दू धर्म में बड़ा ही महत्त्व है।
स्थान कुर्नूल के निकट, आंध्र प्रदेश
देवी-देवता सती 'महालक्ष्मी' तथा शिव 'संवरानंद' अथवा 'ईश्वरानंद'।
संबंधित लेख शक्तिपीठ, सती
पौराणिक मान्यता मान्यतानुसार यह माना जाता है कि इस स्थान पर देवी सती की 'ग्रीवा' का पतन हुआ था।
अन्य जानकारी श्री शैल को "दक्षिण का कैलास" और साथ ही 'ब्रह्मगिरि' भी कहते हैं।

श्री शैल शक्तिपीठ 51 शक्तिपीठों में से एक है। हिन्दू धर्म के पुराणों के अनुसार जहां-जहां सती के अंग के टुकड़े, धारण किए वस्त्र या आभूषण गिरे, वहां-वहां शक्तिपीठ अस्तित्व में आये। ये अत्यंत पावन तीर्थस्थान कहलाये। ये तीर्थ पूरे भारतीय उपमहाद्वीप पर फैले हुए हैं। देवीपुराण में 51 शक्तिपीठों का वर्णन है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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संबंधित लेख