थ्रिक्ककरई: Difference between revisions
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Latest revision as of 13:34, 27 October 2014
थ्रिक्ककरई कोचीन (केरल) से 6 मील की दूरी पर स्थित ताल वृक्षों से आच्छादित छोटा-सा ग्राम है। किन्तु जनश्रुति के अनुसार एक समय प्राचीन केरल की यहाँ राजधानी थी। कहा जाता है कि पुराणों में प्रसिद्ध पाताल देश के राजा महाबली यहीं राज्य करते थे और वामन भगवान ने इनसे तीन पग धरती मांगने के बहाने समस्त पृथ्वी का राज्य ले लिया था।
- 'थ्रिक्ककरई' में वामन का एक अति प्राचीन मंदिर है।
- केरल के जातीय त्योहार ओणम के दिन यहाँ पर वामन देव की पूजा की जाती है।
- ग्राम से थोड़ी ही दूरी पर स्थित एक पथरीली गुफ़ा है।
- एक लोक कथा के अनुसार यहाँ राजा महाबली का शस्त्रागार था।
- यह भी कहा जाता है कि थ्रिक्ककरई में पांडवों को जलाने के लिए कौरवों ने लाक्षागृह बनवाया था।
- इस दूसरी अनुश्रुति में कोई तथ्य नहीं जान पड़ता, क्योंकि लाक्षागृह जिस स्थान पर बनवाया गया था, उसका नाम महाभारत के अनुसार वारणावत था, जो ज़िला मेरठ, उत्तर प्रदेश में स्थित 'वरनावा' है।
- महाभारत से ज्ञात होता है कि वारणावत हस्तिनापुर, ज़िला मेरठ से अधिक दूर नहीं था।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 420 |