पूर्णागिरि मेला: Difference between revisions
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'''पूर्णागिरि मेला''' [[उत्तराखण्ड]] राज्य के [[चम्पावत]] नगर में स्थित [[पूर्णागिरि मंदिर]] में आयोजित किया जाता है। यहाँ विश्वत संक्रांति को मेला आरंभ होकर लगभग चालीस [[दिन]] तक चलता है [[मार्च]] [[अप्रैल]] के मध्य [[चैत्र]] [[मास]] की [[नवरात्रि]] में यहाँ अपार श्रद्धालु दर्शनार्थ आते हैं। नदी के दूसरी ओर [[नेपाल]] देश का प्रसिद्ध [[ब्रह्मा]] [[विष्णु]] का मंदिर ब्रह्मदेव मंदिर कंचनपुर में स्थित है। [[ब्रह्मदेव मंदिर]] कंचनपुर जाने के लिये नदी पर बने बैराज से होकर रास्ता जाता है जिस पर सीमा सुरक्षा बल के जवान तैनात रहते हैं। | '''पूर्णागिरि मेला''' [[उत्तराखण्ड]] राज्य के [[चम्पावत]] नगर में स्थित [[पूर्णागिरि मंदिर]] में आयोजित किया जाता है। यहाँ विश्वत संक्रांति को मेला आरंभ होकर लगभग चालीस [[दिन]] तक चलता है [[मार्च]] [[अप्रैल]] के मध्य [[चैत्र]] [[मास]] की [[नवरात्रि]] में यहाँ अपार श्रद्धालु दर्शनार्थ आते हैं। नदी के दूसरी ओर [[नेपाल]] देश का प्रसिद्ध [[ब्रह्मा]] [[विष्णु]] का मंदिर ब्रह्मदेव मंदिर कंचनपुर में स्थित है। [[ब्रह्मदेव मंदिर]] कंचनपुर जाने के लिये नदी पर बने बैराज से होकर रास्ता जाता है जिस पर [[सीमा सुरक्षा बल]] के जवान तैनात रहते हैं। | ||
Latest revision as of 13:09, 5 January 2014
पूर्णागिरि दरबार प्रवेश द्वार|thumb पूर्णागिरि मेला उत्तराखण्ड राज्य के चम्पावत नगर में स्थित पूर्णागिरि मंदिर में आयोजित किया जाता है। यहाँ विश्वत संक्रांति को मेला आरंभ होकर लगभग चालीस दिन तक चलता है मार्च अप्रैल के मध्य चैत्र मास की नवरात्रि में यहाँ अपार श्रद्धालु दर्शनार्थ आते हैं। नदी के दूसरी ओर नेपाल देश का प्रसिद्ध ब्रह्मा विष्णु का मंदिर ब्रह्मदेव मंदिर कंचनपुर में स्थित है। ब्रह्मदेव मंदिर कंचनपुर जाने के लिये नदी पर बने बैराज से होकर रास्ता जाता है जिस पर सीमा सुरक्षा बल के जवान तैनात रहते हैं।
चित्र वीथिका
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अन्नपूर्णा चोटी के शिखर पूर्णागिरि मंदिर
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पूर्णागिरि मंदिर दरबार
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पूर्णागिरि की चढाई चढते श्रद्धालु जन
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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