ताजमहल होटल मुंबई: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - " ख़िलाफ " to " ख़िलाफ़ ") |
कविता भाटिया (talk | contribs) (→वीथिका) |
||
Line 24: | Line 24: | ||
चित्र:Gateway-Of-India-And-Taj-Mahal-Hotel.jpg|ताजमहल होटल और [[गेटवे ऑफ़ इंडिया]], [[मुंबई]] | चित्र:Gateway-Of-India-And-Taj-Mahal-Hotel.jpg|ताजमहल होटल और [[गेटवे ऑफ़ इंडिया]], [[मुंबई]] | ||
चित्र:Hotel-Taj-Mumbai-2.jpg|ताजमहल होटल, [[मुंबई]] | चित्र:Hotel-Taj-Mumbai-2.jpg|ताजमहल होटल, [[मुंबई]] | ||
चित्र:Hotel-Taj-Mumbai-5.jpg|ताजमहल होटल, [[मुंबई]] | |||
</gallery> | </gallery> | ||
Latest revision as of 11:48, 26 July 2017
[[चित्र:Hotel-Taj-Mumbai.jpg|thumb|thumb|250px|होटल ताज, मुम्बई]] ताजमहल होटल महाराष्ट्र राज्य के मुंबई शहर के अपोलो बंडर में स्थित है।
- ताज महल होटल 104 साल पुरानी इमारत है।
- ताज होटल में 565 कमरे है।
- ताज होटल का निर्माण जमशेदजी टाटा ने 1903 में कराया था।
- मुंबई में ताजमहल पैलेस एंड टॉवर को एशिया के सबसे प्रमुख होटल का दर्जा मिला है।
- ताज होटल में रेस्टोरेंट, बार, कॉफी की दुकान, नाइट कल्ब, पेस्टी की दुकान, किताब की दुकान, शॉपिंग सेंटर, पार्किंग, स्विमिंग पूल, हेल्थ क्लब, गोल्फ़, बेबी सिटिंग, ब्यूटी सैलून, लाउंडरी, डॉक्टर-आन-कॉल, अटेच्ड बाथ, गर्म पानी, टी.वी., आदि सुविधाएँ है।
होटल का एक रोचक तथ्य
ताजमहल होटल के निर्माण के पीछे एक रोचक कहानी छुपी हुई है। माना जाता है कि सिनेमा के जनक लुमायर भाईयों ने अपनी खोज के छ: महीनों बाद अपनी पहली फ़िल्म का प्रदर्शन मुम्बई में प्रदर्शित किया था। वे ऑस्ट्रेलिया जा रहे थे, लेकिन बीच रास्ते में उन्होंने मुम्बई में फ़िल्म प्रदर्शन की बात सोची। 7 जुलाई 1896 को उन्होंने मुम्बई के आलीशान वोटसन होटल में अपनी 6 अलग अलग फ़िल्मों के प्रदर्शन आयोजित किए। इन प्रदर्शन को देखने के लिए मात्र ब्रिटिश लोग आए थे, क्योंकि वोटसन होटल के बाहर एक तख्ती लगी रहती थी, जिस पर लिखा होता था- भारतीय और कुत्ते होटल में नहीं आ सकते हैं।
टाटा समूह के जमशेदजी टाटा भी लुमायर भाईयों की फ़िल्में देखना चाहते थे, लेकिन उन्हें वोटसन होटल में प्रवेश नहीं मिला। रंगभेद की इस घृणित नीति के ख़िलाफ़ उन्होंनें आवाज़ उठाई और दो साल बाद वोटसन होटल की आभा को धूमिल कर देने वाले भव्य ताजमहल होटल का निर्माण शुरू करवाया। 1903 में यह अति सुंदर होटल बनकर तैयार हो गया। कुछ समय तक इस होटल के दरवाज़े पर एक तख्ती भी लटकती थी जिस पर लिखा होता था – ब्रिटिश और बिल्लियाँ अंदर नहीं आ सकती।[1]
|
|
|
|
|
वीथिका
-
ताजमहल होटल और गेटवे ऑफ़ इंडिया, मुंबई
-
ताजमहल होटल, मुंबई
-
ताजमहल होटल और गेटवे ऑफ़ इंडिया, मुंबई
-
ताजमहल होटल, मुंबई
-
ताजमहल होटल, मुंबई
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ताजमहल होटल के निर्माण की रोचक कथा (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल) तरकश डॉट कॉम। अभिगमन तिथि: 2 नवम्बर, 2010।
संबंधित लेख