सांख्य तरु वसन्त: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
m (Text replace - "{{लेख प्रगति |आधार=आधार1 |प्रारम्भिक= |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}" to "{{लेख प्रगति |आधार= |प्रारम्भि�)
 
(7 intermediate revisions by 2 users not shown)
Line 11: Line 11:
*इन विचारों का समर्थन श्री अभय मजूमदार ने भी किया है <ref>सांख्य कन्सेप्ट आफ पर्सनालिटी</ref>।  
*इन विचारों का समर्थन श्री अभय मजूमदार ने भी किया है <ref>सांख्य कन्सेप्ट आफ पर्सनालिटी</ref>।  
*तरु वसंत के रचयिता मुडुम्ब नरसिंह स्वामी है।  
*तरु वसंत के रचयिता मुडुम्ब नरसिंह स्वामी है।  
*इसका प्रकांशन डॉ॰ पी.के. शशिधरन के सम्पादन में मदुरै कामराज विश्वविद्यालय द्वारा 1981 में हुआ।  
*इसका प्रकांशन डॉ. पी.के. शशिधरन के सम्पादन में मदुरै कामराज विश्वविद्यालय द्वारा 1981 में हुआ।  
 
 
{{प्रचार}}
{{लेख प्रगति |आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
 
{{संदर्भ ग्रंथ}}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==                                                       
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==                                                       
<references/>
<references/>
==सम्बंधित लिंक==
==संबंधित लेख==
{{सांख्य दर्शन2}}
{{सांख्य दर्शन2}}
{{सांख्य दर्शन}}
{{सांख्य दर्शन}}
[[Category:दर्शन कोश]]
[[Category:दर्शन कोश]]
[[Category:सांख्य दर्शन]] [[Category:दर्शन]]
[[Category:सांख्य दर्शन]]  
__INDEX__
__INDEX__

Latest revision as of 07:25, 27 July 2012

  • यह सांख्यकारिका की अर्वाचीन व्याख्या है।
  • इसमें विज्ञानभिक्षु की ही तरह परमात्मा की सत्ता को स्वीकार किया गया है।
  • सांख्य तथा वेदान्त समन्वय के रूप में इस व्याख्या को जाना जाता है।
  • तीसरी कारिका की व्याख्या के प्रसंग में तरु वसन्तम् में लिखा है-

पुरुष एक: सनातन: स निर्विशेष: चितिरूप.... पुमान्
अविविक्त संसार भुक् संसार पालकश्चेति द्विकोटिस्थो वर्तर्ते।
विविक्त: परम: पुमानेक एव । स आदौ सर्गमूलनिर्वाहाय
ज्ञानेन विविक्तौऽपि इच्छया अविविक्तो भवति।

  • इन विचारों का समर्थन श्री अभय मजूमदार ने भी किया है [1]
  • तरु वसंत के रचयिता मुडुम्ब नरसिंह स्वामी है।
  • इसका प्रकांशन डॉ. पी.के. शशिधरन के सम्पादन में मदुरै कामराज विश्वविद्यालय द्वारा 1981 में हुआ।



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. सांख्य कन्सेप्ट आफ पर्सनालिटी

संबंधित लेख