काला धन: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replacement - "{{भारतीय बैंक}}" to "{{भारतीय अर्थव्यवस्था}}") |
आदित्य चौधरी (talk | contribs) m (Text replacement - "मुताबिक" to "मुताबिक़") |
||
(2 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
'''काला धन''' ([[अंग्रेज़ी]]:''Black Money'') नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनैंस ऐंड पॉलिसी (एनआईपीएफपी) के | {{सूचना बक्सा संक्षिप्त परिचय | ||
|चित्र=Black-Money.png | |||
|चित्र का नाम=काला धन | |||
|विवरण='''काला धन''' नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनैंस ऐंड पॉलिसी (एनआईपीएफपी) के मुताबिक़, वह इनकम होती है जिस पर आयकर (टैक्स) की देनदारी बनती है लेकिन उसकी जानकारी आयकर विभाग को नहीं दी जाती है। | |||
|शीर्षक 1= | |||
|पाठ 1= | |||
|शीर्षक 2= | |||
|पाठ 2= | |||
|शीर्षक 3= | |||
|पाठ 3= | |||
|शीर्षक 4= | |||
|पाठ 4= | |||
|शीर्षक 5= | |||
|पाठ 5= | |||
|शीर्षक 6= | |||
|पाठ 6= | |||
|शीर्षक 7= | |||
|पाठ 7= | |||
|शीर्षक 8= | |||
|पाठ 8= | |||
|शीर्षक 9= | |||
|पाठ 9= | |||
|शीर्षक 10= | |||
|पाठ 10= | |||
|संबंधित लेख=[[विमुद्रीकरण]], [[भारतीय रुपया]] | |||
|अन्य जानकारी= | |||
|बाहरी कड़ियाँ=काले धन को सामने लाने के लिए [[भारत सरकार]] ने मौजूदा संस्थानों को सशक्त किया है और नए संस्थान और नई व्यवस्था बनाई है। | |||
|अद्यतन= | |||
}} | |||
'''काला धन''' ([[अंग्रेज़ी]]:''Black Money'') नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनैंस ऐंड पॉलिसी (एनआईपीएफपी) के मुताबिक़, वह इनकम होती है जिस पर टैक्स की देनदारी बनती है लेकिन उसकी जानकारी टैक्स डिपार्टमेंट को नहीं दी जाती है। आधुनिक समाजों में भूमिगत बाज़ार के अन्तर्गत बहुत से क्रियाकलाप आते हैं। काला बाज़ार उन देशों में कम है जहाँ की अर्थव्यवस्था खुली है। किन्तु जिन देशों में भ्रष्टाचार, नियंत्रण और कड़े नियम हैं वहाँ अधिक मात्रा में कालाबाज़ारी होती है। [[भारत]] में, अवैध तरीकों से अर्जित किया गया धन काला धन (ब्लैक मनी) कहलाता है। काला धन वह भी है जिस पर कर नहीं दिया गया हो। | |||
==काला धन कमाने के तरीके== | ==काला धन कमाने के तरीके== | ||
;1. | ;1. ग़लत तरीका | ||
आपराधिक गतिविधियां: किडनैपिंग, स्मगलिंग, पोचिंग, ड्रग्स, अवैध माइनिंग, जालसाजी और घोटाले। भ्रष्टाचार: पब्लिक ऑफिसर की रिश्वतखोरी और चोरी। | आपराधिक गतिविधियां: किडनैपिंग, स्मगलिंग, पोचिंग, ड्रग्स, अवैध माइनिंग, जालसाजी और घोटाले। भ्रष्टाचार: पब्लिक ऑफिसर की रिश्वतखोरी और चोरी। | ||
;2. इनकम छुपाना | ;2. इनकम छुपाना | ||
Line 8: | Line 37: | ||
इसका पता लगाने का एक तरीका इनपुट आउटपुट रेशियो है। किसी देश में खास रकम के इनपुट पर खास मात्रा में सामान का प्रॉडक्शन होता है। अगर आउटपुट कम है तो माना जाता है कि आउटपुट की अंडर-रिपोर्टिंग हो रही है। हालांकि, इकॉनमी के स्ट्रक्चर में बदलाव, क्षमता में बढ़ोतरी और टेक्नॉलॉजी अपग्रेडेशन होने पर यह तरीका कारगर नहीं होता है। इसका पता लगाने का दूसरा तरीका इकॉनमी के साइज के हिसाब से करेंसी सर्कुलेशन की तुलना है। यह तरीका इस सोच पर आधारित है कि करेंसी का इस्तेमाल सामान्य और समानांतर इकॉनमी दोनों में होता है। छोटी इकॉनमी में बहुत ज्यादा करेंसी सर्कुलेशन होने का मतलब यह होता है कि वहां समानांतर इकॉनमी भी है। लेकिन इस तरह के अनुमान में असंगठित क्षेत्र की इकॉनमी को रेग्युलर इकॉनमी में शामिल नहीं किया जाता है। | इसका पता लगाने का एक तरीका इनपुट आउटपुट रेशियो है। किसी देश में खास रकम के इनपुट पर खास मात्रा में सामान का प्रॉडक्शन होता है। अगर आउटपुट कम है तो माना जाता है कि आउटपुट की अंडर-रिपोर्टिंग हो रही है। हालांकि, इकॉनमी के स्ट्रक्चर में बदलाव, क्षमता में बढ़ोतरी और टेक्नॉलॉजी अपग्रेडेशन होने पर यह तरीका कारगर नहीं होता है। इसका पता लगाने का दूसरा तरीका इकॉनमी के साइज के हिसाब से करेंसी सर्कुलेशन की तुलना है। यह तरीका इस सोच पर आधारित है कि करेंसी का इस्तेमाल सामान्य और समानांतर इकॉनमी दोनों में होता है। छोटी इकॉनमी में बहुत ज्यादा करेंसी सर्कुलेशन होने का मतलब यह होता है कि वहां समानांतर इकॉनमी भी है। लेकिन इस तरह के अनुमान में असंगठित क्षेत्र की इकॉनमी को रेग्युलर इकॉनमी में शामिल नहीं किया जाता है। | ||
==भारत में काला धन== | ==भारत में काला धन== | ||
इसे मापने का कोई भरोसेमंद और पक्का पैमाना नहीं है। ज्यादातर अनुमान पुराने हैं और उनमें कई तरह की कमियाँ हैं। एनआईपीएफपी की एक स्टडी के | इसे मापने का कोई भरोसेमंद और पक्का पैमाना नहीं है। ज्यादातर अनुमान पुराने हैं और उनमें कई तरह की कमियाँ हैं। एनआईपीएफपी की एक स्टडी के मुताबिक़, 1983-84 में 32,000 से 37,000 करोड़ रुपए की ब्लैक मनी थी। (यह जीडीपी के 19-21 फीसदी के बीच है।) 2010 में [[अमेरिका]] के ग्लोबल फाइनैंशल इंटीग्रिटी ने अनुमान लगाया था कि 1948 से 2008 के बीच भारत से 462 अरब डॉलर की रकम निकली है। सरकार ने तीन संस्थानों से ब्लैक मनी का अनुमान लगाने के लिए कहा है। इनकी रिपोर्ट्स इस साल के अंत तक आ सकती है। | ||
==काले धन पर अंकुश== | ==काले धन पर अंकुश== | ||
काले धन को सामने लाने के लिए [[भारत सरकार]] ने मौजूदा संस्थानों को सशक्त किया है और नए संस्थान और नई व्यवस्था बनाई है। एंटी मनी लाउंडरिंग कानून को मजबूत बनाया गया है और ज्यादा संस्थानों को उसके दायरे में लाया गया है। काले धन के प्रसार को रोकने के लिए भारत ग्लोबल मुहिम में शामिल हुआ है। उसने सूचनाएं बांटने के लिए कई देशों के साथ समझौता किया है। इनकम टैक्स रेट में लगातार कटौती से टैक्स नियमों का पालन बढ़ा है।<ref>{{cite web |url=http://navbharattimes.indiatimes.com/business/business-dictionary/what-is-black-money/articleshow/21219350.cms|title=क्या होता है काला धन? |accessmonthday= 19 नवंबर |accessyear=2016 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=नवभारत टाइम्स |language=हिन्दी }}</ref> | काले धन को सामने लाने के लिए [[भारत सरकार]] ने मौजूदा संस्थानों को सशक्त किया है और नए संस्थान और नई व्यवस्था बनाई है। एंटी मनी लाउंडरिंग कानून को मजबूत बनाया गया है और ज्यादा संस्थानों को उसके दायरे में लाया गया है। काले धन के प्रसार को रोकने के लिए भारत ग्लोबल मुहिम में शामिल हुआ है। उसने सूचनाएं बांटने के लिए कई देशों के साथ समझौता किया है। इनकम टैक्स रेट में लगातार कटौती से टैक्स नियमों का पालन बढ़ा है।<ref>{{cite web |url=http://navbharattimes.indiatimes.com/business/business-dictionary/what-is-black-money/articleshow/21219350.cms|title=क्या होता है काला धन? |accessmonthday= 19 नवंबर |accessyear=2016 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=नवभारत टाइम्स |language=हिन्दी }}</ref> |
Latest revision as of 10:01, 11 February 2021
काला धन
| |
विवरण | काला धन नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनैंस ऐंड पॉलिसी (एनआईपीएफपी) के मुताबिक़, वह इनकम होती है जिस पर आयकर (टैक्स) की देनदारी बनती है लेकिन उसकी जानकारी आयकर विभाग को नहीं दी जाती है। |
संबंधित लेख | विमुद्रीकरण, भारतीय रुपया |
बाहरी कड़ियाँ | काले धन को सामने लाने के लिए भारत सरकार ने मौजूदा संस्थानों को सशक्त किया है और नए संस्थान और नई व्यवस्था बनाई है। |
काला धन (अंग्रेज़ी:Black Money) नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनैंस ऐंड पॉलिसी (एनआईपीएफपी) के मुताबिक़, वह इनकम होती है जिस पर टैक्स की देनदारी बनती है लेकिन उसकी जानकारी टैक्स डिपार्टमेंट को नहीं दी जाती है। आधुनिक समाजों में भूमिगत बाज़ार के अन्तर्गत बहुत से क्रियाकलाप आते हैं। काला बाज़ार उन देशों में कम है जहाँ की अर्थव्यवस्था खुली है। किन्तु जिन देशों में भ्रष्टाचार, नियंत्रण और कड़े नियम हैं वहाँ अधिक मात्रा में कालाबाज़ारी होती है। भारत में, अवैध तरीकों से अर्जित किया गया धन काला धन (ब्लैक मनी) कहलाता है। काला धन वह भी है जिस पर कर नहीं दिया गया हो।
काला धन कमाने के तरीके
- 1. ग़लत तरीका
आपराधिक गतिविधियां: किडनैपिंग, स्मगलिंग, पोचिंग, ड्रग्स, अवैध माइनिंग, जालसाजी और घोटाले। भ्रष्टाचार: पब्लिक ऑफिसर की रिश्वतखोरी और चोरी।
- 2. इनकम छुपाना
कानूनी तरीके से: टैक्स बचाने के लिए इनकम की जानकारी टैक्स डिपार्टमेंट नहीं देना। इसी वजह से सबसे ज्यादा काला धन पैदा होता है।
ब्लैक मनी का अनुमान
इसका पता लगाने का एक तरीका इनपुट आउटपुट रेशियो है। किसी देश में खास रकम के इनपुट पर खास मात्रा में सामान का प्रॉडक्शन होता है। अगर आउटपुट कम है तो माना जाता है कि आउटपुट की अंडर-रिपोर्टिंग हो रही है। हालांकि, इकॉनमी के स्ट्रक्चर में बदलाव, क्षमता में बढ़ोतरी और टेक्नॉलॉजी अपग्रेडेशन होने पर यह तरीका कारगर नहीं होता है। इसका पता लगाने का दूसरा तरीका इकॉनमी के साइज के हिसाब से करेंसी सर्कुलेशन की तुलना है। यह तरीका इस सोच पर आधारित है कि करेंसी का इस्तेमाल सामान्य और समानांतर इकॉनमी दोनों में होता है। छोटी इकॉनमी में बहुत ज्यादा करेंसी सर्कुलेशन होने का मतलब यह होता है कि वहां समानांतर इकॉनमी भी है। लेकिन इस तरह के अनुमान में असंगठित क्षेत्र की इकॉनमी को रेग्युलर इकॉनमी में शामिल नहीं किया जाता है।
भारत में काला धन
इसे मापने का कोई भरोसेमंद और पक्का पैमाना नहीं है। ज्यादातर अनुमान पुराने हैं और उनमें कई तरह की कमियाँ हैं। एनआईपीएफपी की एक स्टडी के मुताबिक़, 1983-84 में 32,000 से 37,000 करोड़ रुपए की ब्लैक मनी थी। (यह जीडीपी के 19-21 फीसदी के बीच है।) 2010 में अमेरिका के ग्लोबल फाइनैंशल इंटीग्रिटी ने अनुमान लगाया था कि 1948 से 2008 के बीच भारत से 462 अरब डॉलर की रकम निकली है। सरकार ने तीन संस्थानों से ब्लैक मनी का अनुमान लगाने के लिए कहा है। इनकी रिपोर्ट्स इस साल के अंत तक आ सकती है।
काले धन पर अंकुश
काले धन को सामने लाने के लिए भारत सरकार ने मौजूदा संस्थानों को सशक्त किया है और नए संस्थान और नई व्यवस्था बनाई है। एंटी मनी लाउंडरिंग कानून को मजबूत बनाया गया है और ज्यादा संस्थानों को उसके दायरे में लाया गया है। काले धन के प्रसार को रोकने के लिए भारत ग्लोबल मुहिम में शामिल हुआ है। उसने सूचनाएं बांटने के लिए कई देशों के साथ समझौता किया है। इनकम टैक्स रेट में लगातार कटौती से टैक्स नियमों का पालन बढ़ा है।[1]
टीका-टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ क्या होता है काला धन? (हिन्दी) नवभारत टाइम्स। अभिगमन तिथि: 19 नवंबर, 2016।
बाहरी कड़ियाँ
- अच्छा-बुरा काला धन
- काला धन पर श्वेत पत्र
- काला धन, सफेद झूठ
- क्यों 'काली और जाली' है भारतीय अर्थव्यवस्था?
- काले धन पर सुप्रीम कोर्ट ने बनाई एसआईटी
संबंधित लेख