Difference between revisions of "इतिहास सामान्य ज्ञान 508"

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{निम्न में से कौन [[आज़ाद हिन्द फ़ौज]] (आई. एन. ए.) से संबंधित नहीं है?
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{निम्न में से कौन [[आज़ाद हिन्द फ़ौज]] (आई.एन.ए.) से संबंधित नहीं है?
 
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-[[गुरदयाल सिंह ढिल्‍लों]]
 
-[[गुरदयाल सिंह ढिल्‍लों]]
-शाहनवाज ख़ाँ
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-[[शाह नवाज़ ख़ान]]
 
-[[कैप्टन मोहन सिंह|जनरल मोहन सिंह]]
 
-[[कैप्टन मोहन सिंह|जनरल मोहन सिंह]]
 
+[[आर. सी. दत्त]]
 
+[[आर. सी. दत्त]]
||[[आज़ाद हिन्द फ़ौज]] या 'इंडियन नेशनल आर्मी' का गठन [[1942]] ई. में किया गया था। 28-30 मार्च, 1942 ई. को टोक्यो ([[जापान]]) में रह रहे भारतीय [[रासबिहारी बोस]] ने 'इण्डियन नेशनल आर्मी' (आज़ाद हिन्द फ़ौज) के गठन पर विचार के लिए एक सम्मेलन बुलाया। [[कैप्टन मोहन सिंह]], रासबिहारी बोस एवं निरंजन सिंह गिल के सहयोग से 'इण्डियन नेशनल आर्मी' का गठन किया गया। 'आज़ाद हिन्द फ़ौज' की स्थापना का विचार सर्वप्रथम मोहन सिंह के मन में आया था। इसी बीच विदेशों में रह रहे भारतीयों के लिए 'इंडियन इंडिपेंडेंस लीग' की स्थापना की गई, जिसका प्रथम सम्मेलन [[जून]] 1942 ई, को बैंकॉक में हुआ।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[आज़ाद हिन्द फ़ौज]], [[कैप्टन मोहन सिंह]], [[गुरदयाल सिंह ढिल्‍लों]]
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||[[आज़ाद हिन्द फ़ौज]] या 'इंडियन नेशनल आर्मी' का गठन [[1942]] में किया गया था। [[28 मार्च|28]]-[[30 मार्च]], [[1942]] को टोक्यो ([[जापान]]) में रह रहे भारतीय [[रासबिहारी बोस]] ने 'इण्डियन नेशनल आर्मी' (आज़ाद हिन्द फ़ौज) के गठन पर विचार के लिए एक सम्मेलन बुलाया। [[कैप्टन मोहन सिंह]], रासबिहारी बोस एवं निरंजन सिंह गिल के सहयोग से 'इण्डियन नेशनल आर्मी' का गठन किया गया। 'आज़ाद हिन्द फ़ौज' की स्थापना का विचार सर्वप्रथम मोहन सिंह के मन में आया था। इसी बीच विदेशों में रह रहे भारतीयों के लिए 'इंडियन इंडिपेंडेंस लीग' की स्थापना की गई, जिसका प्रथम सम्मेलन [[जून]], 1942 ई, को बैंकॉक में हुआ।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[आज़ाद हिन्द फ़ौज]], [[कैप्टन मोहन सिंह]], [[गुरदयाल सिंह ढिल्‍लों]]
  
{[[भारत]] में '[[ग्रांड ट्रक रोड|ग्रांड ट्रक रोड]]' किसने बनबाया था?
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{[[भारत]] में '[[ग्रांड ट्रक रोड]]' किसने बनबाया था?
 
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-[[अशोक]]
 
-[[अशोक]]
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+प्रशासनिक सुधार
 
+प्रशासनिक सुधार
 
-धार्मिक सहिष्णुता
 
-धार्मिक सहिष्णुता
||[[शेरशाह सूर]] का वास्तविक नाम 'फ़रीद ख़ाँ' था। उसका [[भारत का इतिहास|भारत के इतिहास]] में विशेष स्थान है। वह [[शेरशाह सूरी साम्राज्य|सूर साम्राज्य]] का संस्थापक था। इसके [[पिता]] का नाम हसन खाँ था। शेरशाह को शेर ख़ाँ के नाम से भी जाना जाता है। [[इतिहासकार|इतिहासकारों]] का कहना है कि अपने समय में अत्यंत दूरदर्शी और विशिष्ट सूझबूझ का आदमी था। इसकी विशेषता इसलिए अधिक उल्लेखनीय है कि वह एक साधारण जागीरदार का उपेक्षित बालक था। उसने अपनी वीरता, अदम्य साहस और परिश्रम के बल पर [[दिल्ली]] के सिंहासन पर क़ब्ज़ा किया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[शेरशाह सूरी]]
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||[[शेरशाह]] का वास्तविक नाम 'फ़रीद ख़ाँ' था। उसका [[भारत का इतिहास|भारत के इतिहास]] में विशेष स्थान है। वह [[शेरशाह सूरी साम्राज्य|सूर साम्राज्य]] का संस्थापक था। इसके [[पिता]] का नाम हसन खाँ था। शेरशाह को शेर ख़ाँ के नाम से भी जाना जाता है। [[इतिहासकार|इतिहासकारों]] का कहना है कि अपने समय में अत्यंत दूरदर्शी और विशिष्ट सूझबूझ का आदमी था। इसकी विशेषता इसलिए अधिक उल्लेखनीय है कि वह एक साधारण जागीरदार का उपेक्षित बालक था। उसने अपनी वीरता, अदम्य साहस और परिश्रम के बल पर [[दिल्ली]] के सिंहासन पर क़ब्ज़ा किया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[शेरशाह सूरी]]
  
{[[अकबर]] के समय मुग़ल सूबों (प्रांतों) की संख्या 15 थी। वह [[औरंगज़ेब]] के समय बढ़कर कितनी हो गई?
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{[[अकबर]] के समय [[मुग़ल]] सूबों (प्रांतों) की संख्या 15 थी। वह [[औरंगज़ेब]] के समय बढ़कर कितनी हो गई?
 
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||[[औरंगज़ेब]] का जन्म 4 नवम्बर, 1618 ई. में [[गुजरात]] के ‘[[दोहद]]’ नामक स्थान पर [[मुमताज़]] के गर्भ से हुआ था। इसके बचपन का अधिकांश समय [[नूरजहाँ]] के पास बीता था। 1643 ई. में इसको 10,000 जात एवं 4000 सवार का मनसब प्राप्त हुआ। ‘ओरछा’ के जूझर सिंह के विरुद्ध औरंगज़ेब को प्रथम युद्ध का अनुभव प्राप्त हुआ था। 18 मई, 1637 ई. को [[फ़ारस]] के राजघराने की 'दिलरास बानो बेगम' के साथ औरंगज़ेब का निकाह हुआ। 1636 ई. से 1644 ई. एवं 1652 ई. से 1657 ई. तक वह [[गुजरात]] (1645 ई.), मुल्तान (1640 ई.) एवं [[सिंध]] का भी गर्वनर रहा। [[आगरा]] पर क़ब्ज़ा कर जल्दबाज़ी में उसने अपना राज्याभिषेक "अबुल मुजफ्फर मुहीउद्दीन मुजफ्फर औरंगज़ेब बहादुर आलमगीर" की उपाधि से 31 जुलाई, 1658 ई. को [[दिल्ली]] में करवाया। औरंगज़ेब ने अपने राज्य का वर्गीकरण किया था, जो 21 सूबों में विभक्त था, (14 सूबे उत्तर भारत, 6 दक्षिण [[भारत]] और 1 [[अफ़ग़ानिस्तान]]){{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[औरंगज़ेब]]
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||[[औरंगज़ेब]] का जन्म [[4 नवम्बर]], 1618 ई. में [[गुजरात]] के ‘[[दोहद]]’ नामक स्थान पर [[मुमताज़]] के गर्भ से हुआ था। इसके बचपन का अधिकांश समय [[नूरजहाँ]] के पास बीता था। 1643 ई. में इसको 10,000 जात एवं 4000 सवार का [[मनसब]] प्राप्त हुआ। ‘[[ओरछा]]’ के जूझर सिंह के विरुद्ध औरंगज़ेब को प्रथम युद्ध का अनुभव प्राप्त हुआ था। [[18 मई]], 1637 ई. को [[फ़ारस]] के राजघराने की 'दिलरास बानो बेगम' के साथ औरंगज़ेब का निकाह हुआ। 1636 ई. से 1644 ई. एवं 1652 ई. से 1657 ई. तक वह [[गुजरात]] (1645 ई.), [[मुल्तान]] (1640 ई.) एवं [[सिंध]] का भी गर्वनर रहा। [[आगरा]] पर क़ब्ज़ा कर जल्दबाज़ी में उसने अपना राज्याभिषेक "अबुल मुजफ्फर मुहीउद्दीन मुजफ्फर औरंगज़ेब बहादुर आलमगीर" की उपाधि से [[31 जुलाई]], 1658 ई. को [[दिल्ली]] में करवाया। औरंगज़ेब ने अपने राज्य का वर्गीकरण किया था, जो 21 सूबों में विभक्त था, (14 सूबे उत्तर भारत, 6 दक्षिण [[भारत]] और 1 [[अफ़ग़ानिस्तान]]){{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[औरंगज़ेब]]
  
 
{[[1908]] में [[बाल गंगाधर तिलक]] को जेल की सज़ा दिए जाने पर कहाँ के मजदूरों ने [[भारत]] की पहली राजनीतिक हड़ताल की?
 
{[[1908]] में [[बाल गंगाधर तिलक]] को जेल की सज़ा दिए जाने पर कहाँ के मजदूरों ने [[भारत]] की पहली राजनीतिक हड़ताल की?

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samany jnan prashnottari
rajyoan ke samany jnan


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  2. REDIRECTsaancha:nila band itihas praangan, itihas kosh, aitihasik sthan kosh

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1 nimn mean se kaun azad hind fauj (aee.en.e.) se sanbandhit nahian hai?

guradayal sianh dhilh‍loan
shah navaz khan
janaral mohan sianh
ar. si. datt

2 bharat mean 'graand trak rod' kisane banabaya tha?

ashok
sherashah
akabar
humayooan

3 sherashah ki mahanata ka dyotak kya hai?

humayooan ke viruddh usaka vijay abhiyan
shresht sainy netritv
prashasanik sudhar
dharmik sahishnuta

4 akabar ke samay mugal sooboan (praantoan) ki sankhya 15 thi. vah aurangazeb ke samay badhakar kitani ho gee?

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5 1908 mean bal gangadhar tilak ko jel ki saza die jane par kahaan ke majadooroan ne bharat ki pahali rajanitik h datal ki?

banbee
dilli
kalakatta
inamean se koee nahian

panne par jaean
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samany jnan prashnottari
rajyoan ke samany jnan