सिद्धारमैया: Difference between revisions

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Latest revision as of 09:13, 2 July 2023

सिद्धारमैया
पूरा नाम सिद्धारमैया
जन्म 12 अगस्त, 1948
जन्म भूमि सिद्दरामनहुंडी, मैसूर
पति/पत्नी पार्वती
संतान 2
नागरिकता भारतीय
प्रसिद्धि राजनीतिज्ञ
पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
पद मुख्यमंत्री, कर्नाटक
कार्य काल मुख्यमंत्री - 20 मई, 2023 से पदस्थ

13 मई 2013 से 17 मई, 2018 तक
उपमुख्यमंत्री -31 मई 1996 से 7 अक्टूबर 1999 तक

शिक्षा विज्ञान में स्नातक, एल.एल.बी
विद्यालय मैसूर विश्वविद्यालय
पूर्वाधिकारी बसवराज बोम्मई
अन्य जानकारी 2005 में उन्होंने खुद को पिछड़ा वर्ग के नेता के तौर पर पेश किया। वे कुरूबा समुदाय से आते हैं, जो कर्नाटक में तीसरी सबसे बड़ी संख्या वाली जाति है।
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सिद्धारमैया (अंग्रेज़ी: Siddaramaiah जन्म: 12 अगस्त, 1948) भारतीय राजनेता हैं, जो कर्नाटक के वर्तमान मुख्यमंत्री हैं। इससे पहले वह वर्ष 2013 में भी राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। सिद्धारमैया बहुत सी जनता परिवार वाली दलों के सदस्य रह चुके हैं। जनता दल (सेकुलर) के सदस्य के तौर पर वे दो बार कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री भी रह चुके हैं।[1] 13 मई 2013 को वे कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने थे और 17 मई, 2018 तक इस पद पर रहे।

जीवन परिचय

सिद्धारमैया का जन्म 12 अगस्त 1948 को मैसूर जिले के सिद्दरामनहुंडी गांव के एक कृषक परिवार में हुआ था। 10 वर्ष की आयु तक उनकी कोई औपचारिक शिक्षा नहीं हुई थी। विशिष्ट भूतपूर्व छात्र की उपाधि भी प्रदान की गयी। उन्होंने मैसूर विश्वविद्यालय से विज्ञान में स्नातक किया और फिर इसी विश्वविद्यालय से कानून की शिक्षा भी प्राप्त की। इनकी पत्‍नी का नाम पार्वती है। उनके दो पुत्र हैं, राकेश और यतीन्द्र। राकेश ने फिल्मों में कुछ भूमिकाएँ की हैं और अपने पिता की मदद करते हैं। वहीं यतीन्द्र एक चिकित्सक हैं।[1]

राजनीतिक परिचय

गरीब किसान परिवार से जुड़े सिद्दारमैया 1980 के दशक से 2005 तक कांग्रेस के धुर विरोधी थे, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा की जनता दल (एस) से उनका निष्कासन उन्हें राजनीतिक चौराहे पर ले आया, जिसके बाद उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया और फिर कर्नाटक के 22वें मुख्यमंत्री बने। कांग्रेस में आए उन्हें 7 साल भी पूरे नहीं हुए थे कि उनकी जीवनभर की महत्वाकांक्षा पूरी हो गई, जब उन्होंने कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। 2004 में खंडित जनादेश मिलने के बाद कांग्रेस और जद(एस) ने गठबंधन सरकार बनाई। तब सिद्दारमैया जद(एस) में थे और उन्हें उप मुख्यमंत्री बनाया गया था। मुख्यमंत्री का पद कांग्रेस के एन. धरमसिंह को मिला था। सिद्दारमैया को यह शिकायत रही कि उनके सामने मुख्यमंत्री बनने का मौका था, लेकिन देवगौड़ा ने ऐसा नहीं होने दिया। 2005 में उन्होंने खुद को पिछड़ा वर्ग के नेता के तौर पर पेश किया। वे कुरूबा समुदाय से आते हैं, जो कर्नाटक में तीसरी सबसे बड़ी संख्या वाली जाति है, लेकिन इसी दौरान देवगौड़ा के पुत्र एचडी कुमार स्वामी को पार्टी के उभरते सितारे के तौर पर देखा जा रहा था और सिद्दारमैया भी जद(एस) से बर्खास्‍त कर दिए गए।[1] साल 1996 में पार्टी नेता एच डी देवगौड़ा के प्रधानमंत्री बनने के बाद वह राज्य के मुख्यमंत्री बनते-बनते रह गए। राज्य के तीसरे सबसे बड़े समुदाय कुरुबा से ताल्लुक रखने वाले सिद्धारमैया को पछाड़ कर जे एच पाटिल तब मुख्यमंत्री की गद्दी पर बैठे थे। सिद्धारमैया, देवगौड़ा और पाटिल दोनों के ही शासनकाल में वित्त मंत्री रहे।[2] पेशे से वकील सिद्दारमैया ने तब कहा कि वे राजनीति से संन्यास लेकर फिर से वकालत करना चाहते हैं। क्षेत्रीय पार्टी बनाने से उन्होंने यह कहते हुए इंकार कर दिया कि वे धनबल नहीं जुटा सकते। कांग्रेस और भाजपा दोनों ने ही उन्हें अपने-अपने यहां बुलाने की कोशिश की।सिद्दारमैया ने कहा कि भाजपा की विचारधारा से वे सहमत नहीं हैं। वर्ष 2006 में वे अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस में चले गए। 64 वर्षीय सिद्दारमैया ने मुख्यमंत्री बनने की अपनी महत्वाकांक्षा कभी नहीं छिपाई।वर्ष 2004 के अलावा 1996 में भी मुख्यमंत्री पद उनसे देखते ही देखते दूर चला गया था। सिद्दारमैया 1989 और 1999 का विधानसभा चुनाव हार गए थे। वर्ष 2008 में उन्हें कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति की प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाया गया। इसी निर्वाचन क्षेत्र से 2013 में उन्होंने फिर चुनाव जीता और 10 मई 2013 को कर्नाटक विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता के रूप में निर्वाचित हुए। हालांकि उन्होंने पहले ही घोषणा कर दी थी कि 2013 का विधानसभा चुनाव, उनका अंतिम चुनाव होगा।[1]

व्यक्तित्व

सिद्धारमैया ने मुख्यमंत्री पद की शपथ 'भगवान' की बजाए 'सच्चाई' के नाम पर शपथ ली थी।[1] कर्नाटक के मुख्यमंत्री हैं बेशक कांग्रेस पार्टी से लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नज़र में वो ख़ास जगह रखते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने आगामी चीन दौरे में निवेशकों को लुभाने के लिए कर्नाटक सीएम को निमंत्रण दिया था लेकिन सिद्धारमैया ने पूर्व व्यस्तताओं का हवाला देते हुए उसे अस्वीकार कर दिया। राज्य में काम के मामले में उनकी तुलना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से होती है। अगस्त 2013 में कर्नाटक के मंत्री एमएच अंबरीश ने कहा था कि "हमारे सिद्धारमैया कांग्रेस के नरेंद्र मोदी हैं। तीन महीने के अंदर उन्होंने राज्य में विकास कार्यों की झड़ी लगा दी।[3]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 1.2 1.3 1.4 सिद्धारमैया (हिन्दी) webdunia.com। अभिगमन तिथि: 22 मार्च, 2017।
  2. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का है बेखौफ, बेलाग अंदाज (हिन्दी) ichowk.in। अभिगमन तिथि: 24 मार्च, 2017।
  3. कर्नाटक के नरेंद्र मोदी (हिन्दी) ichowk.in। अभिगमन तिथि: 23 मार्च, 2017।

संबंधित लेख

भारतीय राज्यों में पदस्थ मुख्यमंत्री
क्रमांक राज्य मुख्यमंत्री तस्वीर पार्टी पदभार ग्रहण
1. अरुणाचल प्रदेश पेमा खांडू 80px|center भाजपा 17 जुलाई, 2016
2. असम हिमंता बिस्वा सरमा 80px|center भाजपा 10 मई, 2021
3. आंध्र प्रदेश वाई एस जगनमोहन रेड्डी 80px|center वाईएसआर कांग्रेस पार्टी 30 मई, 2019
4. उत्तर प्रदेश योगी आदित्यनाथ 80px|center भाजपा 19 मार्च, 2017
5. उत्तराखण्ड पुष्कर सिंह धामी 80px|center भाजपा 4 जुलाई, 2021
6. ओडिशा नवीन पटनायक 80px|center बीजू जनता दल 5 मार्च, 2000
7. कर्नाटक सिद्धारमैया 80px|center भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 20 मई, 2023
8. केरल पिनाराई विजयन 80px|center मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी 25 मई, 2016
9. गुजरात भूपेन्द्र पटेल 80px|center भाजपा 12 सितम्बर, 2021
10. गोवा प्रमोद सावंत 80px|center भाजपा 19 मार्च, 2019
11. छत्तीसगढ़ विष्णु देव साय 80px|center भारतीय जनता पार्टी 13 दिसम्बर, 2023
12. जम्मू-कश्मीर रिक्त (राज्यपाल शासन) लागू नहीं 20 जून, 2018
13. झारखण्ड हेमन्त सोरेन 80px|center झारखंड मुक्ति मोर्चा 29 दिसम्बर, 2019
14. तमिल नाडु एम. के. स्टालिन 80px|center द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम 7 मई, 2021
15. त्रिपुरा माणिक साहा 80px|center भाजपा 15 मई, 2022
16. तेलंगाना अनुमुला रेवंत रेड्डी 80px|center भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस 7 दिसंबर, 2023
17. दिल्ली अरविन्द केजरीवाल 80px|center आप 14 फ़रवरी, 2015
18. नागालैण्ड नेफियू रियो 80px|center एनडीपीपी 8 मार्च, 2018
19. पंजाब भगवंत मान 80px|center आम आदमी पार्टी 16 मार्च, 2022
20. पश्चिम बंगाल ममता बनर्जी 80px|center तृणमूल कांग्रेस 20 मई, 2011
21. पुदुचेरी एन. रंगास्वामी 80px|center कांग्रेस 7 मई, 2021
22. बिहार नितीश कुमार 80px|center जदयू 27 जुलाई, 2017
23. मणिपुर एन. बीरेन सिंह 80px|center भाजपा 15 मार्च, 2017
24. मध्य प्रदेश मोहन यादव 80px|center भाजपा 13 दिसंबर, 2023
25. महाराष्ट्र एकनाथ शिंदे 80px|center शिव सेना 30 जून, 2022
26. मिज़ोरम लालदुहोमा 80px|center जोरम पीपल्स मूवमेंट 8 दिसम्बर, 2023
27. मेघालय कॉनराड संगमा 80px|center एनपीपी 6 मार्च, 2018
28. राजस्थान भजन लाल शर्मा 80px|center भारतीय जनता पार्टी 15 दिसम्बर, 2023
29. सिक्किम प्रेम सिंह तमांग 80px|center सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा 27 मई, 2019
30. हरियाणा नायब सिंह सैनी 80px|center भाजपा 12 मार्च, 2024
31. हिमाचल प्रदेश सुखविंदर सिंह सुक्खू 80px|center भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 11 दिसम्बर, 2022