एम. के. स्टालिन
एम. के. स्टालिन
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पूरा नाम | मुथुवेल करुणानिधि स्टालिन |
जन्म | 1 मार्च, 1953 |
जन्म भूमि | चेन्नई, तमिलनाडु |
अभिभावक | पिता- एम. करुणानिधि माता- दयालु अम्मल |
पति/पत्नी | दुर्गा स्टालिन (सांता) |
संतान | पुत्र- उधयनिधि स्टालिन (फिल्म निर्माता और अभिनेता) पुत्री- सेंथमरई स्टालिन |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | राजनीतिज्ञ |
पार्टी | द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम |
पद | मुख्यमंत्री, तमिलनाडु- 7 मई, 2021 से पदस्थ |
शिक्षा | स्नातक (इतिहास) |
विद्यालय | चेन्नई के प्रेसीडेंसी कॉलेज |
अन्य जानकारी | 1980 के दशक के दौरान एम. के. स्टालिन ने कुछ तमिल फ़िल्मों में काम किया। उन्होंने 1990 के दशक के मध्य में सन टीवी के टेलीविजन धारावाहिकों में भी अभिनय किया है। |
मुथुवेल करुणानिधि स्टालिन (अंग्रेज़ी: Muthuvel Karunanidhi Stalin, जन्म- 1 मार्च, 1953) भारतीय राजनीतिज्ञ एवं पूर्व अभिनेता हैं जो तमिलनाडु के 8वें एवं वर्तमान समय में मुख्यमंत्री के रूप में सेवारत हैं। वह तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि के बेटे हैं। एम. के. स्टालिन 28 अगस्त, 2018 से द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम के पार्टी अध्यक्ष के रूप में कार्य कर रहे हैं। वह तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई के 37वें मेयर (1996-2002) भी रह चुके हैं। तमिलनाडु के उप-मुख्यमंत्री (2009-2011) के रूप में भी वह अपनी सेवायें दे चुके हैं।
प्रारम्भिक जीवन
एम. के. स्टालिन का जन्म 1 मार्च, 1953 को चेन्नई, तमिलनाडु में हुआ था। उनके पिता दक्षिण भारत के दिग्गज द्रविड़ नेता एवं तमिलनाडु के 5 बार के मुख्यमंत्री रह चुके एम. करुणानिधि थे। उनकी माता का नाम दयालु अम्मल है। एम. के. स्टालिन का नाम रूस के महान क्रांतिकारी जोसफ स्टालिन के नाम पर रखा गया था। जिनकी मृत्यु इनके जन्म के 4 दिन बाद ही हो गयी थी। एम. के. स्टालिन ने अपनी स्कूली शिक्षा मद्रास क्रिस्टियन कॉलेज हायर सेकेंडरी स्कूल से की। इसके बाद 1973 में अपनी स्नातक की पढाई चेन्नई के प्रेसीडेंसी कॉलेज से इतिहास विषय में पूरी की। उनको 2009 में अन्ना विश्वविद्यालय द्वारा मानद डॉक्टरेट से भी सम्मानित किया गया था।
राजनीतिक कॅरियर
एम. के. स्टालिन का राजनीतिक कॅरियर महज 14 वर्ष की उम्र में ही शुरू हो गया था। इनके पिता एम. करुणानिधि एक दिग्गज राजनीतिज्ञ थे। इसीलिये राजनीति से इनका पुराना नाता था। वर्ष 1967 के विधानसभा चुनाव के समय एम. के. स्टालिन ने पार्टी के लिए खूब जोर-शोर से प्रचार प्रसार किया। फिर धीरे-धीरे इनका राजनीति में मन लगता चला गया। उन्हें वर्ष 1973 में द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम के जनरल कमेटी में चुन लिये गये थे।
फिर एक समय वो भी आया, जब इन्हें जेल जाना पड़ा। दरअसल वर्ष 1975 में इंदिरा गाँधी के द्वारा लगाए गए आपात काल का विरोध करने पर मीसा के तहत इनको गिरफ़्तार कर जेल भेज दिया गया। वर्ष 1982 में इनके द्वारा ही स्थापित डीएमके यूथ विंग का इन्हें सचिव नियुक्त किया गया और आप इस पद करीब 4 दशकों तक रहे। वर्ष 1984 में हुए विधानसभा चुनाव में इन्होंने थाउजेंड लाइट्स विधान सभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा, लेकिन इस बार इन्हें हार का सामना करना पड़ा। फिर वर्ष 1989 के विधानसभा चुनाव में इन्होंने उसी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और पहली बार विधायक चुने गए। बाद में 1996 में चेन्नई के मेयर नियुक्त किये गए। इससे इनकी पहचान एक अच्छे नेता के तौर पर होने लगी। 29 मई, 2009 को तमिलनाडु के राज्यपाल सुरजीत सिंह बरनाला ने इन्हें तमिलनाडु का पहला उपमुख्यमंत्री नियुक्त किया।
एम. के. स्टालिन का राजनीतिक कॅरियर बहुत ही उतर-चढ़ाव भरा रहा। एम. करुणानिधि के उत्तराधिकारी के लिए इनका विवाद इनके भाइयों से ही हुआ। अंततः ये विवाद 2013 में जाकर ख़त्म हुआ, जब इनके पिता करुणानिधि ने ये ऐलान कर दिया कि मेरी मौत के बाद एम. के. स्टालिन ही उत्तराधिकारी होंगे। इसके बाद से वर्ष 2018 से आप डीएमके पार्टी अध्यक्ष के रूप में सेवारत हुए।
- साल 2021 में हुए तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में डीएमके ने कुल 234 सीटों में से 159 सीटों पर जित दर्ज की और एम. के. स्टालिन तमिलनाडु के 8वें मुख्यमंत्री बने।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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क्रमांक | राज्य | मुख्यमंत्री | तस्वीर | पार्टी | पदभार ग्रहण |