पुराना क़िला दिल्ली: Difference between revisions
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*1545 में शेरशाह सूरी की मृत्यु के बाद हुमायूं ने पुन: दिल्ली और आगरा पर अधिकार कर लिया था। | *1545 में शेरशाह सूरी की मृत्यु के बाद हुमायूं ने पुन: दिल्ली और आगरा पर अधिकार कर लिया था। | ||
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*भारतीय पुरातत्त्व विभाग की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जिस स्थान पर पुराना क़िला बना है उस स्थान पर इंद्रप्रस्थ बसा हुआ था इंद्रप्रस्थ को [[पुराण|पुराणों]] में [[महाभारत]] काल का नगर माना जाता है। | *भारतीय पुरातत्त्व विभाग की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जिस स्थान पर पुराना क़िला बना है उस स्थान पर इंद्रप्रस्थ बसा हुआ था इंद्रप्रस्थ को [[पुराण|पुराणों]] में [[महाभारत]] काल का नगर माना जाता है। | ||
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*यहाँ एक वोट क्लब है जहाँ नौकायन का आनंद लिया जा सकता है। इसके पास ही चिड़ियाघर भी है। | *यहाँ एक वोट क्लब है जहाँ नौकायन का आनंद लिया जा सकता है। इसके पास ही चिड़ियाघर भी है। | ||
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[[चित्र:Purana-Qila-Delhi-1.jpg|thumb|250px|पुराना क़िला, दिल्ली
Purana Qila, Delhi]]
- दिल्ली एक आकर्षक पर्यटन स्थल है।
- पुराना क़िले का निर्माण 16वीं में सूर वंश के संस्थापक शेरशाह सूरी ने करवाया था।
- शेरशाह सूरी द्वारा बनवाया गया यह भारत की राजधानी का ऐतिहासिक स्थल है।
- शेरशाह सूरी ने 1539-1540 में अपने चिर प्रतिद्वंद्वी मुग़ल बादशाह हुमायूँ को हराकर दिल्ली और आगरा पर कब्ज़ा कर लिया।
- 1545 में शेरशाह सूरी की मृत्यु के बाद हुमायूं ने पुन: दिल्ली और आगरा पर अधिकार कर लिया था।
- शेरशाह सूरी द्वारा बनवाई गई लाल पत्थरों की इमारत शेर मंडल में हुमायूँ ने अपना पुस्तकालय बनाया।
- इतिहासकारों के अनुसार हुमायूँ की मृत्यु इसी इमारत से गिरने की वजह से हुई थी।
[[चित्र:Purana-Qila-Delhi.jpg|thumb|250px|left|पुराना क़िला, दिल्ली
Purana Qila, Delhi]]
- यह क़िला केवल देशी-विदेशी पर्यटकों को ही आकर्षित नहीं करता बल्कि इतिहासकारों और पुरातत्ववेत्ताओं को भी लुभाता है।
- भारतीय पुरातत्त्व विभाग की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जिस स्थान पर पुराना क़िला बना है उस स्थान पर इंद्रप्रस्थ बसा हुआ था इंद्रप्रस्थ को पुराणों में महाभारत काल का नगर माना जाता है।
- छोटी पहाड़ी पर बने इस क़िले में प्रवेश करने के तीन दरवाजे हैं-
- हुमायूँ दरवाज़ा
- तलकी दरवाज़ा
- बड़ा दरवाज़ा।
- पुराना क़िले में आजकल केवल बड़ा दरवाज़ा की प्रयोग में लाया जाता है। यहाँ के सभी दरवाजे दो-मंजिला हैं। ये विशाल द्वार लाल पत्थर से बनाए गए हैं।
- यहाँ एक वोट क्लब है जहाँ नौकायन का आनंद लिया जा सकता है। इसके पास ही चिड़ियाघर भी है।
- क़िले में एक संग्रहालय भी हैं। जहाँ मुग़ल काल, राजपूत काल, गुप्त काल, कुषाण काल एवं मौर्य कालीन ख़जानों की बहुमूल्य वस्तुएँ देखी जा सकती हैं।
- संग्रहालय की तरफ़ से प्रवेश करने पर दूर एक आठ कोण वाला लाल पत्थर से निर्मित टॉवर दिखाई देता है। जिसे शेर मंज़िल कहा जाता है।
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