पाचन: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
गोविन्द राम (talk | contribs) No edit summary |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "==टीका टिप्पणी और संदर्भ==" to "{{संदर्भ ग्रंथ}} ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==") |
||
Line 9: | Line 9: | ||
|शोध= | |शोध= | ||
}} | }} | ||
{{संदर्भ ग्रंथ}} | |||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> |
Revision as of 09:51, 21 March 2011
(अंग्रेज़ी:Digestion) पाचन जन्तुओं के पोषण की पाँच अवस्थाओं में से एक हैं। भोजन के अघुलनशील एवं जटिल पदार्थों (कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा) को एन्जाइम्स के द्वारा घुलनशील एवं सरल अवयवों में परिवर्तित करने की प्रक्रिया पाचन कहलाती है। इस क्रिया में टायलिन, पेप्सिन, ट्रिप्सिन, एमाइलेज, लाइपेज, इरेप्सिन आदि एन्जाइम्स भाग लेकर भोजन के मण्ड, प्रोटीन तथा वसीय अम्ल जैसे अधुलनशील पदार्थों को क्रमशः ग्लूकोज, अमीनों अम्ल, वसीय अम्ल जैसे घुलनशील पदार्थों में बदल देते हैं। अमीबा में पाचन क्रिया खाद्य रिक्तिका में होती है। जिसे अन्तःकोशिकीय पाचन कहते हैं। मेंढक, पक्षी, पशु एवं मनुष्य में पाचन क्रिया आहारनाल के अन्दर होती है, जिसे बाह्यकोशिकीय पाचन कहते हैं।
|
|
|
|
|