User:लक्ष्मी गोस्वामी/अभ्यास4: Difference between revisions
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-[[हरिहर]] | -[[हरिहर]] | ||
-[[बुक्का]] | -[[बुक्का]] | ||
-देवराय | -देवराय | ||
+[[कृष्णदेव राय]] | +[[कृष्णदेव राय]] | ||
||[[तुलुव वंश]] के वीर नरसिंह का अनुज '''कृष्णदेव राय''' (1509-1529 ई.), 8 अगस्त, 1509 ई. को [[विजयनगर साम्राज्य]] के सिंहासन पर बैठा। उसके शासन काल में विजयनगर एश्वर्य एवं शक्ति के दृष्टिकोण से अपने चरमोत्कर्ष पर था।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कृष्णदेव राय]] | ||[[तुलुव वंश]] के वीर नरसिंह का अनुज '''कृष्णदेव राय''' (1509-1529 ई.), 8 अगस्त, 1509 ई. को [[विजयनगर साम्राज्य]] के सिंहासन पर बैठा। उसके शासन काल में विजयनगर एश्वर्य एवं शक्ति के दृष्टिकोण से अपने चरमोत्कर्ष पर था।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कृष्णदेव राय]] | ||
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-किसान | -किसान | ||
-राजा | -राजा | ||
{[[महाभारत]] का बांग्ला में अनुवाद [[बंगाल]] के किस सुल्तान ने कराया? | {[[महाभारत]] का बांग्ला में अनुवाद [[बंगाल]] के किस सुल्तान ने कराया? | ||
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+[[हम्पी]] | +[[हम्पी]] | ||
-[[श्रीरंगम]] | -[[श्रीरंगम]] | ||
||[[चित्र:Hampi-5.jpg|हम्पी के अवशेष|100px|right]]मन्दिर की दीवारों पर [[रामायण]] के सभी प्रमुख द्दश्य बड़ी सुन्दरता से उकेरे गये हैं। यह मन्दिर राज परिवार की स्त्रियों की पूजा के लिये बनवाया गया था। विट्ठलस्वामी मन्दिर भी विजयनगर शैली का एक सुन्दर नमूना है।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[हम्पी]] | |||
||चित्र:Hampi-5.jpg|हम्पी के अवशेष|100px|right]]मन्दिर की दीवारों पर [[रामायण]] के सभी प्रमुख द्दश्य बड़ी सुन्दरता से उकेरे गये हैं। यह मन्दिर राज परिवार की स्त्रियों की पूजा के लिये बनवाया गया था। विट्ठलस्वामी मन्दिर भी विजयनगर शैली का एक सुन्दर नमूना है।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[हम्पी]] | |||
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-[[तुलसी]] | -[[तुलसी]] | ||
-[[सूर]] | -[[सूर]] | ||
||वैष्णवाचार्य स्वामी रामानंद का जन्म 1299 ई. में [[प्रयाग]] में हुआ था। इनके विचारों पर गुरु राघवानंद के विशिष्टा द्वैत मत का अधिक प्रभाव पड़ा। अपने मत के प्रचार के लिए इन्होंने [[भारत]] के विभिन्न तीर्थों की यात्रा कीं। तीर्थाटन से लौटने पर अनेक गुरु-भाइयों ने यह कहकर रामानंद के साथ भोजन करने से इंकार कर दिया कि इन्होंने तीर्थाटन में छुआछूत का विचार, नहीं किया होगा।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[रामानंद]] | |||
{[[हल्दीघाटी]] का युद्ध कब लड़ा गया? | |||
{हल्दीघाटी का युद्ध कब लड़ा गया? | |||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-1526 ई. में | -1526 ई. में | ||
+1576 ई. में | +1576 ई. में | ||
-1605 ई. में | -1605 ई. में | ||
-1660 ई. में | -1660 ई. में | ||
{निम्नलिखित में से कौन सबसे प्राचीन वाद्ययंत्र है? | |||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[सितार]] | -[[सितार]] | ||
-[[तबला]] | -[[तबला]] | ||
-[[सरोद]] | -[[सरोद]] | ||
+[[वीणा]] | +[[वीणा]] | ||
||[[चित्र:Veena.jpg|वीणा|100px|right]]वीणा एक ऐसा वाद्य यंत्र है जिसका प्रयोग शास्त्रीय संगीत में किया जाता है। वीणा एक [[तत वाद्य]] है। प्राचीन ग्रन्थों में गायन के साथ वीणा की संगति का उल्लेख मिलता है।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[वीणा]] | |||
{[[भारत]] का प्रथम गवर्नर जनरल था- | {[[भारत]] का प्रथम गवर्नर जनरल था- | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[वारेन हेस्टिंग्स]] | -[[वारेन हेस्टिंग्स]] | ||
-कार्नवालिस | -कार्नवालिस | ||
+[[विलियम बैंटिक]] | +[[विलियम बैंटिक]] | ||
-[[लार्ड कैनिंग]] | |||
{[[भारत]] में सबसे पहला सूती वस्त्र मिल किस शहर में स्थापित किया गया था?78 | {[[भारत]] में सबसे पहला सूती वस्त्र मिल किस शहर में स्थापित किया गया था?78 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-[[सूरत]] | -[[सूरत]] | ||
-[[अहमदाबाद]] | -[[अहमदाबाद]] | ||
+[[बंबई]] | +[[बंबई]] | ||
-[[कोयम्बटूर]] | -[[कोयम्बटूर]] | ||
Revision as of 12:01, 1 July 2011
विज्ञान
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