जल महल जयपुर: Difference between revisions
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*जलमहल मध्यकालीन महलों की तरह मेहराबों, बुर्जो, छतरियों एवं सीढीदार जीनों से युक्त दुमंजिला और वर्गाकार रूप में निर्मित भवन है। | *जलमहल मध्यकालीन महलों की तरह मेहराबों, बुर्जो, छतरियों एवं सीढीदार जीनों से युक्त दुमंजिला और वर्गाकार रूप में निर्मित भवन है। | ||
*इसकी उपरी मंजिल की चारों कोनों पर बुर्जो की छतरियाँ व बीच की बरादरिया, संगमरमर के स्तम्भों पर आधारित हैं। | *इसकी उपरी मंजिल की चारों कोनों पर बुर्जो की छतरियाँ व बीच की बरादरिया, संगमरमर के स्तम्भों पर आधारित हैं। | ||
*जलमहल अब पक्षी अभ्यारण के रूप में भी विकसित हो रहा है। | *जलमहल अब पक्षी अभ्यारण के रूप में भी विकसित हो रहा है। | ||
====नर्सरी में 1 लाख से अधिक वृक्ष==== | |||
जल महल के नर्सरी में 1 लाख से ज्यादा वृक्ष लगे हुए हैं। ये वृक्ष यहां के वादियों को प्रदूषण मुक्त बनाते हैं। जल महल न सिर्फ आपकी थकान मिटाता है बल्कि यह आपके उम्र में इजाफा भी करता है। यूं तो जल महल का नर्सरी काफी पुराना है लेकिन दिन रात 40 माली पेड़ पौधों की देखभाल में लगे रहते हैं। यहां आप अरावली प्लांट, ऑरनामेंटल प्लांट, शर्ब, हेज और क्रिपर की हजारों विभिन्नताएँ देख सकते हैं। यहां की नर्सरी की खासियत यह है कि यहां बहुत से पेड़ जो 150 साल पुराने हैं उन्हें ट्रांसप्लांट कर नया जीवन दिया गया है।<ref name="DB">{{cite web |url=http://www.bhaskar.com/article/LIF-jal-mahal-to-have-largest-tall-plant-nursery-2092669.html |title=रोमांस और प्रकृति का अद्भुत संगम है जलमहल |accessmonthday=8 नवंबर |accessyear=2011 |last= |first= |authorlink= |format=एच.टी.एम.एल |publisher=दैनिक भास्कर |language=हिन्दी }}</ref> | |||
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जल महल के इस नर्सरी का विकास महल की खूबसूरती को बढ़ाने के लिए किया गया है। यह नर्सरी [[राजस्थान]] का सबसे उंचे पेड़ों वाला नर्सरी है। यहां पेड़ों की संख्या 1 लाख से ज्यादा है। जल महल रिसोर्ट के सूचना अधिकारी का कहना है कि हर साल यहां डेट पाम, चाइना पाम और बुगनबेलिया जैसे शो प्लांट को ट्रांसप्लांट किया जाता है।<ref name="DB"/> | |||
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Revision as of 09:45, 8 November 2011
जल महल जयपुर
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विवरण | जलमहल मध्यकालीन महलों की तरह मेहराबों, बुर्जो, छतरियों एवं सीढीदार जीनों से युक्त दुमंजिला और वर्गाकार रूप में निर्मित भवन है। |
राज्य | राजस्थान |
ज़िला | जयपुर ज़िला |
निर्माता | सवाई जयसिंह |
स्थापना | 18वीं सदी |
भौगोलिक स्थिति | उत्तर- 26.9537°, पूर्व- 75.8463°E |
मार्ग स्थिति | जल महल राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-8 जयपुर से 8 किमी की दूरी पर स्थित है। |
कैसे पहुँचें | हवाई जहाज़, रेल, बस आदि |
हवाई अड्डा | जयपुर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा |
रेलवे स्टेशन | जयपुर जंक्शन |
बस अड्डा | सिन्धी कैम्प, घाट गेट |
यातायात | बस, रिक्शा, टैक्सी आदि |
कहाँ ठहरें | होटल, धर्मशाला, अतिथि ग्रह |
एस.टी.डी. कोड | 0141 |
ए.टी.एम | लगभग सभी |
चित्र:Map-icon.gif | गूगल मानचित्र |
संबंधित लेख | सिटी पैलेस, आमेर का क़िला, हवा महल, सांभर झील, अम्बर क़िला
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अन्य जानकारी | इसकी उपरी मंजिल की चारों कोनों पर बुर्जो की छतरियाँ व बीच की बरादरिया, संगमरमर के स्तम्भों पर आधारित हैं। जलमहल अब पक्षी अभ्यारण के रूप में भी विकसित हो रहा है। |
जलमहल जयपुर के मानसागर झील के मध्य स्थित अरावली पहाडिय़ों के गर्भ में बसा सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र है। झील के बीचों बीच होने से इसे आई बॉल भी कहा जाता है। वैसे इसे रोमांटिक महल के नाम से जाना जाता था। अभी जहाँ झील है, वहाँ कभी डाउन स्ट्रीम क्षेत्र हुआ करता था।
निर्माण
1596 ई. में गंभीर अकाल पडऩे पर तत्कालीन अजमेर के शासक ने पानी की कमी को दूर करने के लिए बांध का निर्माण करवाया था। ताकि पानी को जमा किया जा सके। बाँध को बाद में 17वीं सदी में एक पत्थर की चिनाई संरचना में परिवर्तित किया था। यूं तो जल महल का निर्माण 1799 में हुआ था। इसके निर्माण के लिए राजपूत शैली से तैयार की गई नौकाओं की मदद ली गई थी। लेकिन इस महल का जीर्णोद्धार महाराजा जयसिंह ने करवाया था। यहाँ के राजा इस महल को अपने रानी के साथ खास वक्त बिताने के लिए इस्तेमाल करते थे। चांदनी रात में इस महल का खूबसूरत नजारा झील के पानी में देखा जा सकता है। यूं तो राजा इसका इस्तेमाल रॉयल पार्टी देने के लिए भी करते थे, लेकिन यह कभी जयपुर स्टेट के राजा का घर भी हुआ करता था।[1]
विशेषता
महल की खासियत यह है कि यहाँ गर्मी नहीं लगती, क्योंकि इसके कई तल पानी के अंदर बनाए गए हैं। यहाँ से पहाड़ और झील का खूबसूरत नज़ारा भी देखा जा सकता है।
- जयपुर आमेर मार्ग पर मानसागर झील के मध्य स्थित इस महल का निर्माण सवाई जयसिंह ने अश्वमेध यज्ञ के बाद अपनी रानियों और पंडित के साथ स्नान के लिए करवाया था।
- इससे पूर्व जयसिंह ने जयपुर की जलापूर्ति हेतु गर्भावती नदी पर बांध बनवाकर मानसागर झील का निर्माण करवाया।
- जलमहल मध्यकालीन महलों की तरह मेहराबों, बुर्जो, छतरियों एवं सीढीदार जीनों से युक्त दुमंजिला और वर्गाकार रूप में निर्मित भवन है।
- इसकी उपरी मंजिल की चारों कोनों पर बुर्जो की छतरियाँ व बीच की बरादरिया, संगमरमर के स्तम्भों पर आधारित हैं।
- जलमहल अब पक्षी अभ्यारण के रूप में भी विकसित हो रहा है।
नर्सरी में 1 लाख से अधिक वृक्ष
जल महल के नर्सरी में 1 लाख से ज्यादा वृक्ष लगे हुए हैं। ये वृक्ष यहां के वादियों को प्रदूषण मुक्त बनाते हैं। जल महल न सिर्फ आपकी थकान मिटाता है बल्कि यह आपके उम्र में इजाफा भी करता है। यूं तो जल महल का नर्सरी काफी पुराना है लेकिन दिन रात 40 माली पेड़ पौधों की देखभाल में लगे रहते हैं। यहां आप अरावली प्लांट, ऑरनामेंटल प्लांट, शर्ब, हेज और क्रिपर की हजारों विभिन्नताएँ देख सकते हैं। यहां की नर्सरी की खासियत यह है कि यहां बहुत से पेड़ जो 150 साल पुराने हैं उन्हें ट्रांसप्लांट कर नया जीवन दिया गया है।[2]
सबसे उंचे वृक्षों वाला नर्सरी
जल महल के इस नर्सरी का विकास महल की खूबसूरती को बढ़ाने के लिए किया गया है। यह नर्सरी राजस्थान का सबसे उंचे पेड़ों वाला नर्सरी है। यहां पेड़ों की संख्या 1 लाख से ज्यादा है। जल महल रिसोर्ट के सूचना अधिकारी का कहना है कि हर साल यहां डेट पाम, चाइना पाम और बुगनबेलिया जैसे शो प्लांट को ट्रांसप्लांट किया जाता है।[2]
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वीथिका
संबंधित लेख
- ↑ रोमांटिक महल कहा जाता था जल महल को (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल) दैनिक भास्कर। अभिगमन तिथि: 8 नवंबर, 2011।
- ↑ 2.0 2.1 रोमांस और प्रकृति का अद्भुत संगम है जलमहल (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल) दैनिक भास्कर। अभिगमन तिथि: 8 नवंबर, 2011।