देवबरनार्क: Difference between revisions
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*अभिलेख 'गोमतीकोट्टक' नामक दुर्ग से प्रचलित किया गया था, जो कि तिथिहीन है। | *अभिलेख 'गोमतीकोट्टक' नामक दुर्ग से प्रचलित किया गया था, जो कि तिथिहीन है। |
Latest revision as of 08:35, 4 August 2014
देवबरनार्क आरा ज़िला, बिहार का एक छोटा ग्राम है, जो ऐतिहासिक दृष्टि से काफ़ी महत्त्वपूर्ण है। इस ग्राम से मगध के गुप्त नरेश जीवितगुप्त द्वितीय के समय का एक महत्त्वपूर्ण अभिलेख प्राप्त हुआ है।
- अभिलेख 'गोमतीकोट्टक' नामक दुर्ग से प्रचलित किया गया था, जो कि तिथिहीन है।
- इसमें वरुणिक ग्राम[1] का 'वरुणवासिन' अथवा 'सूर्य मंदिर' के लिए दान में दिये जाने का उल्लेख है।
- अभिलेख में गुप्त नरेशों की वंशावलि दी गई है, जिससे कई परवर्ती गुप्त राजाओं तथा उनसे सम्बद्ध मौखरि नरेशों के नाम मिलते हैं, जिनमें ये प्रमुख हैं-
- देवगुप्त - जिसके सम्बन्ध में वाकाटक राजाओं के काल निर्णय में सरलता होती है।
- बालादित्य - जिसका वृत्तान्त युवानच्वांग के यात्रा वर्णन से भी ज्ञात होता है और जिसने हूण राजा मिहिरकुल से युद्ध किया था।
- मौखरि नरेश सर्ववर्मन - (-)
- अवंतिवर्मन - अवंतिवर्मन का उल्लेख बाण के हर्षचरित में हर्ष की भगिनी राज्यश्री के पति गृहवर्मन के पिता के रूप में है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 448 |
- ↑ देवबरनार्क का मूल प्राचीन नाम