विषाद मठ -रांगेय राघव: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
Line 1: Line 1:
{{सूचना बक्सा पुस्तक
{{सूचना बक्सा पुस्तक
|चित्र=
|चित्र=Vishaad-Madh.jpg
|चित्र का नाम='विषाद मठ' उपन्यास का आवरण पृष्ठ
|चित्र का नाम='विषाद मठ' उपन्यास का आवरण पृष्ठ
| लेखक=[[रांगेय राघव]]
| लेखक=[[रांगेय राघव]]
Line 26: Line 26:
*इसमें एक भी अत्युक्ति नहीं, कहीं भी ज़बर्दस्ती अकाल की भीषणता को गढ़ने के लिए कोई मनगढ़ंत कहानी नहीं। जो कुछ है, यदि सामान्य रुप से दिमाग में, बहुत अमानुषिक होने के कारण, आसानी से नहीं बैठता, तब भी अविश्वास की निर्बलता दिखाकर ही इतिहास को भी तो फुसलाया नहीं जा सकता।  
*इसमें एक भी अत्युक्ति नहीं, कहीं भी ज़बर्दस्ती अकाल की भीषणता को गढ़ने के लिए कोई मनगढ़ंत कहानी नहीं। जो कुछ है, यदि सामान्य रुप से दिमाग में, बहुत अमानुषिक होने के कारण, आसानी से नहीं बैठता, तब भी अविश्वास की निर्बलता दिखाकर ही इतिहास को भी तो फुसलाया नहीं जा सकता।  
*‘विषाद मठ’ हमारे [[हिंदी साहित्य|भारतीय साहित्य]] की महान परंपरा की एक छोटी-सी कड़ी है। जीवन अपार है, अपार वेदना भी है, किंतु यह श्रृंखला भी अपना स्थायी महत्त्व रखती है।<ref>{{cite web |url=http://pustak.org/home.php?bookid=3374 |title=विषाद मठ |accessmonthday=23 जनवरी |accessyear=2013 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिंदी }}</ref>
*‘विषाद मठ’ हमारे [[हिंदी साहित्य|भारतीय साहित्य]] की महान परंपरा की एक छोटी-सी कड़ी है। जीवन अपार है, अपार वेदना भी है, किंतु यह श्रृंखला भी अपना स्थायी महत्त्व रखती है।<ref>{{cite web |url=http://pustak.org/home.php?bookid=3374 |title=विषाद मठ |accessmonthday=23 जनवरी |accessyear=2013 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिंदी }}</ref>


{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>
==बाहरी कड़ियाँ==
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{रांगेय राघव की कृतियाँ}}
{{रांगेय राघव की कृतियाँ}}
[[Category:उपन्यास ]][[Category:रांगेय राघव]][[Category:गद्य साहित्य]][[Category:साहित्य कोश]]
[[Category:उपन्यास]][[Category:रांगेय राघव]][[Category:गद्य साहित्य]][[Category:साहित्य कोश]]
__INDEX__
__INDEX__
__NOTOC__
__NOTOC__

Revision as of 05:34, 24 January 2013

विषाद मठ -रांगेय राघव
लेखक रांगेय राघव
प्रकाशक किताबघर प्रकाशन
प्रकाशन तिथि 1 जनवरी, 2006
ISBN 81-7016-609-8
देश भारत
भाषा हिन्दी
प्रकार उपन्यास
टिप्पणी पुस्तक क्रं = 3374

'विषाद मठ' प्रसिद्ध साहित्यकार, कहानीकार और उपन्यासकार रांगेय राघव द्वारा लिखा गया उपन्यास है। यह उपन्यास 1 जनवरी, 2006 को प्रकाशित हुआ था, और इसे 'किताबघर प्रकाशन' द्वारा प्रकाशित किया गया था। रांगेय राघव के अनुसार - 'जब मुगलों का राज्य समाप्त होने को आया था तब बंगाल की हरी-भरी धरती पर अकाल पड़ा था। उस पर बंकिमचंद्र चटर्जी ने ‘आनंद मठ’ लिखा था। जब अँग्रेजों का राज्य समाप्त होने पर आया तब फिर बंगाल की हरी-भरी धरती पर अकाल पड़ा। उसका वर्णन करते हुए मैंने इसलिए इस पुस्तक को ‘विषाद मठ’ नाम दिया।'[1]

  • प्रस्तुत उपन्यास तत्कालीन जनता का सच्चा इतिहास है।
  • इसमें एक भी अत्युक्ति नहीं, कहीं भी ज़बर्दस्ती अकाल की भीषणता को गढ़ने के लिए कोई मनगढ़ंत कहानी नहीं। जो कुछ है, यदि सामान्य रुप से दिमाग में, बहुत अमानुषिक होने के कारण, आसानी से नहीं बैठता, तब भी अविश्वास की निर्बलता दिखाकर ही इतिहास को भी तो फुसलाया नहीं जा सकता।
  • ‘विषाद मठ’ हमारे भारतीय साहित्य की महान परंपरा की एक छोटी-सी कड़ी है। जीवन अपार है, अपार वेदना भी है, किंतु यह श्रृंखला भी अपना स्थायी महत्त्व रखती है।[2]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. विषाद मठ (हिंदी)। । अभिगमन तिथि: 23 जनवरी, 2013।
  2. विषाद मठ (हिंदी)। । अभिगमन तिथि: 23 जनवरी, 2013।

संबंधित लेख