भर्तृहरि का मन्दिर: Difference between revisions
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Revision as of 13:03, 2 September 2013
[[चित्र:Bharthari.jpg|thumb|250px|राजस्थान के अलवर मे भर्तृहरि का मन्दिर]] thumb|left|250px|भर्तृहरि गुफा thumb|right|250px|भर्तृहरि समाधि राजस्थान के अलवर मे भर्तृहरि का मन्दिर है जिसे भारतीय पुरातत्व विभाग ने संरक्षित स्मारक घोषित किया है, इसे भर्तृहरि धाम भी कहा जाता है। उनकी समाधि अलवर राज्य के एक सघन वन में विद्यमान है। उसके सातवें दरवाजे पर एक अखण्ड दीपक जलता रहता है। उसे भर्तृहरि की ज्योति स्वीकार किया जाता है।
- यह अलवर शहर से 32 किमी दूर जयपुर अलवर मार्ग पर स्थित है ।
- राजा भर्तृहरि अपने भाई विक्रमादित्य को स्थापित कर अमर हो गए जिनके नाम पर विक्रम संवत की स्थापना हुई, जिसका शुभारंभ आज भी चैत्रमास के नवरात्र से आरंभ होता है।
- यहाँ भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की सप्तमी और अष्टमी को मेला लगता है ।
- नाथपंथ की अलख जगाने वाले कनफडे नाथ साधुओं के लिए इस तीर्थ की विशेष मान्यता है।
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
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