राष्ट्रीय मैथिलीशरण गुप्त सम्मान: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
गोविन्द राम (talk | contribs) No edit summary |
No edit summary |
||
Line 21: | Line 21: | ||
| 2. || [[नागार्जुन]] || 1988-89 | | 2. || [[नागार्जुन]] || 1988-89 | ||
|- | |- | ||
| 3. || त्रिलोचन शास्त्री || 1989-90 | | 3. || [[त्रिलोचन शास्त्री]] || 1989-90 | ||
|- | |- | ||
| 4. || [[केदारनाथ अग्रवाल]] || 1990-91 | | 4. || [[केदारनाथ अग्रवाल]] || 1990-91 |
Latest revision as of 11:31, 22 January 2014
मध्य प्रदेश शासन द्वारा साहित्य और कलाओं को प्रोत्साहन देने के लिए अनेक राष्ट्रीय और राज्य स्तर के सम्मानों की स्थापना की गयी है। हिन्दी साहित्य के क्षेत्र में 'वार्षिक सम्मान' का नाम खड़ी बोली के शीर्ष कवि श्री मैथिलीशरण गुप्त की स्मृति में रखा गया है। यह सम्मान वर्ष 1987-88 से प्रारम्भ किया गया।
पुरस्कार राशि
इस सम्मान के अन्तर्गत एक लाख रुपये की राशि तथा प्रशस्ति पट्टिका भेंट की जाती है।
उद्देश्य
राष्ट्रीय मैथिलीशरण गुप्त सम्मान का उद्देश्य हिन्दी साहित्य में श्रेष्ठ लेखक, कवि को सम्मानित करना है। सम्मान के लिए रचनात्मकता, उत्कृष्टता और दीर्घ साहित्य साधना के मानदण्ड रखे गये हैं। सम्मान के लिये चुने जाने के समय रचनाकार का सक्रिय होना अनिवार्य है।
निर्णायक समिति
मध्यप्रदेश शासन ने यह नीतिगत निर्णय लिया है कि वह निर्णायक समिति की अनुशंसा को स्वीकार करेगा और अनुशंसा उसके लिए बंधनकारी होगी। यह सम्मान केवल सृजनात्मक कार्य के लिए है, शोध अथवा अकादमिक कार्य के लिए नहीं। कवि के समूचे कृतित्व के आधार पर ही सम्मान देय है ना कि किसी एक अथवा विशिष्ट कृति के आधार पर।
चयन प्रक्रिया
निर्धारित चयन प्रक्रिया के अनुसार राज्य शासन भारत देश के काव्य प्रेमियों, कवियों, आलोचकों और संस्थानों आदि से नामांकन आमंत्रित करता है। प्राप्त नामांकन को ज्यूरी के समक्ष अन्तिम निर्णय के लिए प्रस्तुत किया जाता है। चयन समिति में राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त साहित्यकार और विशेषज्ञ होते हैं। चयन समिति को यह स्वतंत्रता होती है कि यदि कोई नाम छूट गया हो तो उसे अपनी तरफ से उसे जोड़ ले।
टीका टिप्पणी और संदर्भबाहरी कड़ियाँसंबंधित लेख
|