समाचार: Difference between revisions

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नवीनतम घटनाओं और समसामयिक विषयों पर अद्यतन (अपडेट) सूचनाओं को '''समाचार''' कहते हैं, जिन्हें [[समाचार पत्र]], समाचार टी.वी. चैनल, अंतर्जाल (इंटरनेट) या अन्य माध्यमों की सहायता से पाठकों, दर्शकों और श्रोताओं तक पहुंचाया जाता है।  
नवीनतम घटनाओं और समसामयिक विषयों पर अद्यतन (अपडेट) सूचनाओं को '''समाचार''' कहते हैं, जिन्हें [[समाचार पत्र]], समाचार टी.वी. चैनल, अंतर्जाल (इंटरनेट) या अन्य माध्यमों की सहायता से पाठकों, दर्शकों और श्रोताओं तक पहुंचाया जाता है।  
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;हाल ही के कुछ प्रमुख राष्ट्रीय समाचार निम्नलिखित हैं-
;हाल ही के कुछ प्रमुख राष्ट्रीय समाचार निम्नलिखित हैं-
==यशस्वी साहित्यकार अमरकांत का देहांत==
==यशस्वी साहित्यकार अमरकांत का देहांत==

Revision as of 07:33, 20 February 2014

नवीनतम घटनाओं और समसामयिक विषयों पर अद्यतन (अपडेट) सूचनाओं को समाचार कहते हैं, जिन्हें समाचार पत्र, समाचार टी.वी. चैनल, अंतर्जाल (इंटरनेट) या अन्य माध्यमों की सहायता से पाठकों, दर्शकों और श्रोताओं तक पहुंचाया जाता है।

  1. REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
हाल ही के कुछ प्रमुख राष्ट्रीय समाचार निम्नलिखित हैं-

यशस्वी साहित्यकार अमरकांत का देहांत

[[चित्र:Amarkant.jpg|thumb|अमरकांत]]

17 फ़रवरी 2014, सोमवार

हिन्दी के यशस्वी कथाकार और प्रेमचंद की परंपरा के महान रचनाकार अमरकांत का सोमवार 17 फ़रवरी, 2014 को सुबह दस बजे निधन हो गया। अशोक नगर स्थित पंचपुष्प अपार्टमेंट के अपने आवास में स्नान करते वक्त फिसलने के तुरंत बाद उनकी सांसें थम गईं। वह 88 वर्ष के थे। उनका अंतिम संस्कार मंगलवार अपराह्न 11 बजे रसूलाबाद घाट पर किया गया। वह अपने पीछे बेटे-बेटियों और और नाती-पोतों का भरा पूरा परिवार छोड़कर गए हैं। अमरकांत के निधन से साहित्य, कला और संस्कृति से जुड़े लोग स्तब्ध रह गए। हिन्दी साहित्यकार असग़र वजाहत ने अमरकांत के निधन पर शोक जताते हुए कहा, "अमरकांत अपनी पीढ़ी के एक ऐसे कहानीकार थे जिनसे उस समय के युवा कहानीकारों ने बहुत सीखा। वो कहानीकारों में इस रूप में विशेष माने जाएंगे कि एक पूरी पीढ़ी को उन्होंने सिखाया-बताया।" अमरकांत को साल 2007 में साहित्य अकादमी और साल 2009 में ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला था।

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भारत के सत्या नडेला बने माइक्रोसॉफ़्ट के सीईओ

[[चित्र:Satya-Nadella.gif|thumb|सत्या नडेला]]

4 फ़रवरी, 2014 मंगलवार

माइक्रोसॉफ़्ट कार्पोरेशन के निदेशक मंडल ने भारतीय मूल के सत्या नडेला को माइक्रोसॉफ़्ट के नए सीईओ (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) के रूप में चुन लिया है। नडेला माइक्रोसॉफ़्ट के मौजूदा सीईओ स्टीव बॉमर की जगह लेंगे। इससे पहले हैदराबाद में जन्म लेने वाले नडेला माइक्रोसॉफ़्ट के क्लाउड एण्ड एंटरप्राइज़ ग्रुप के कार्यकारी उपाध्यक्ष रहे हैं। यह जानकारी माइक्रोसॉफ़्ट कार्पोरेशन द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में दी गई है। यह नियुक्ति तत्काल प्रभावी है। सत्य नडेला को माइक्रोसॉफ़्ट के निदेशक मंडल में शामिल किया जाएगा। गौरतलब है कि माइक्रोसॉफ़्ट के सीईओ के लिए पिछले पांच महीने से खोज चल रही थी जब स्टीव बॉमर ने अपने पद से इस्तीफ़ा देने संबंधी अपना इरादा ज़ाहिर किया था। सत्य नडेला सन् 1992 में माइक्रोसॉफ़्ट कार्पोरेशन में शामिल हो गए थे। माइक्रोसॉफ़्ट कार्पोरेशन के संस्थापक बिल गेट्स भी माइक्रोसॉफ़्ट के निदेशक मंडल के अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा दे रहे हैं और अब वह कंपनी के तकनीकी सलाहकार का पद संभालेंगे। निदेशक मंडल के नए अध्यक्ष का पद एक स्वतंत्र निदेशक जॉन थॉम्पसन संभालेंगे।

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प्रसिद्ध फ़िल्म निर्माता-अभिनेता ए. नागेश्वर राव का निधन

[[चित्र:Nageshwar-rao.jpg|thumb|150px|ए. नागेश्वर राव]]

22 जनवरी, 2014

भारतीय फ़िल्मोद्योग के सबसे बड़े दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित दिग्गज तेलुगू निर्माता-अभिनेता अक्कीनेनी नागेश्वर राव का बुधवार तड़के 22 जनवरी, 2014 को हैदराबाद में निधन हो गया। 91 वर्षीय नागेश्वर राव पिछले कई सालों से कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे। प्यार से 'एएनआर' कहकर पुकारे जाने वाले नागेश्वर राव के बेटे और अभिनेता नागार्जुन ने कहा कि श्री राव का निधन नींद में ही हो गया। नागेश्वर राव को 'तेनालीराम कृष्णा', 'देवदास', 'माया बाजार' और 'मिस्साम्मा' जैसी हिट फ़िल्मों में अभिनय के लिए याद किया जाता है। नागेश्वर राव के परिवार में तीन बेटियां और दो बेटे हैं। उनके पुत्र नागार्जुन को हिन्दी फ़िल्मों के दर्शक भी अच्छी तरह जानते हैं, और नागार्जुन की पत्नी अमला भी हिन्दी फ़िल्मों में अभिनय कर चुकी हैं। नागेश्वर राव के कई पौत्र भी अभिनेता के रूप में स्थापित हो चुके हैं। सात दशक से भी अधिक समय तक चले अपने लंबे करियर में नागेश्वर राव ने लगभग 250 तेलुगू और कई तमिल फ़िल्मों में काम किया, और फिलहाल वह 'मनम' शीर्षक से बनाई जा रही फ़िल्म में अभिनय कर रहे थे, जिसमें उनके परिवार की तीनों पीढ़ियों के अभिनेता काम कर रहे थे।

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राजस्थानी साहित्यकार अन्नाराम सुदामा का निधन

[[चित्र:Annaram sudama.JPG|thumb|150px|अन्नाराम सुदामा]]

2 जनवरी, 2014, गुरुवार

राजस्थानी साहित्यकार अन्नाराम सुदामा का गुरुवार 2 जनवरी, 2014 को निधन हो गया। वे 90 वर्ष के थे। सुदामा का जन्म 23 मई, 1923 को हुआ था। उन्होंने कई उपन्यास, कहानियां, नाटक, निबंध आदि की पुस्तकें लिखी थी। सुदामा का राजस्थानी उपन्यास जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर और महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय अजमेर में एम.ए. और बी.ए. के पाठ्यक्रम में शामिल रहा। केन्द्रीय साहित्य अकादमी से 'मेवै रां रूंख' उपन्यास अंग्रेज़ी एवं हिन्दी अनुवाद प्रकाशित हुआ। सुदामा के निधन पर ज़िला कलेक्टर आरती डोगरा ने शोक जताया है। कलेक्टर की ओर से सुदामा के पार्थिव देह पर पुष्पांजलि अर्पित की।[1]


समाचार लेख सूची
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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. साहित्य के सुदामा नहीं रहे (हिंदी) प्रेसनोट। अभिगमन तिथि: 4 जनवरी, 2014।