महाभारत सामान्य ज्ञान 42: Difference between revisions
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||[[महाभारत]] का भयंकर युद्ध चल रहा था। लड़ते-लड़ते [[अर्जुन]] रणक्षेत्र से दूर चले गए थे। अर्जुन की अनुपस्थिति में [[पाण्डव|पाण्डवों]] को पराजित करने के लिए [[द्रोणाचार्य]] ने [[चक्रव्यूह]] की रचना की। अर्जुन-पुत्र [[अभिमन्यु]] चक्रव्यूह भेदने के लिए उसमें घुस गया। उसने कुशलतापूर्वक चक्रव्यूह के | ||[[महाभारत]] का भयंकर युद्ध चल रहा था। लड़ते-लड़ते [[अर्जुन]] रणक्षेत्र से दूर चले गए थे। अर्जुन की अनुपस्थिति में [[पाण्डव|पाण्डवों]] को पराजित करने के लिए [[द्रोणाचार्य]] ने [[चक्रव्यूह]] की रचना की। अर्जुन-पुत्र [[अभिमन्यु]] चक्रव्यूह भेदने के लिए उसमें घुस गया। उसने कुशलतापूर्वक चक्रव्यूह के छह चरण भेद लिए, लेकिन सातवें चरण में उसे [[दुर्योधन]], [[जयद्रथ]] आदि सात महारथियों ने घेर लिया और उस पर टूट पड़े। जयद्रथ ने पीछे से निहत्थे अभिमन्यु पर ज़ोरदार प्रहार किया। वह वार इतना तीव्र था कि अभिमन्यु उसे सहन नहीं कर सका और वीरगति को प्राप्त हो गया। अभिमन्यु की मृत्यु का समाचार सुनकर अर्जुन क्रोध से पागल हो उठा। उसने प्रतिज्ञा की कि यदि अगले दिन सूर्यास्त से पहले उसने जयद्रथ का वध नहीं किया तो वह आत्मदाह कर लेगा।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[जयद्रथ]] | ||
{[[कर्ण]] को अमोघ शक्ति किसने प्रदान की थी? | {[[कर्ण]] को अमोघ शक्ति किसने प्रदान की थी? |
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