ज़ोरामथंगा: Difference between revisions
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*विद्रोह के दौरान [[भारतीय सेना]] ने उन्हें गिरफ्तार किया और असम राइफल्स के क्वार्टर गार्ड में बंदी बनाकर रखा। | *विद्रोह के दौरान [[भारतीय सेना]] ने उन्हें गिरफ्तार किया और असम राइफल्स के क्वार्टर गार्ड में बंदी बनाकर रखा। | ||
*25 वर्षों के संघर्ष के बाद मिज़ो नेशनल फ्रण्ट ने [[30 जून]], [[1986]] को ऐतिहासिक मिज़ो शांति समझौते पर हस्ताक्षर किया और [[1987]] में [[मिज़ोरम]] को पूर्ण राज्य का दर्जा मिल गया। इस समझौते के बाद ज़ोरामथंगा राजनीति में आये और अपने पहले ही चुनाव में चंफई से पहली बार विधायक बने। | *25 वर्षों के संघर्ष के बाद मिज़ो नेशनल फ्रण्ट ने [[30 जून]], [[1986]] को ऐतिहासिक मिज़ो शांति समझौते पर हस्ताक्षर किया और [[1987]] में [[मिज़ोरम]] को पूर्ण राज्य का दर्जा मिल गया। इस समझौते के बाद ज़ोरामथंगा राजनीति में आये और अपने पहले ही चुनाव में चंफई से पहली बार विधायक बने। |
Revision as of 11:58, 4 January 2024
thumb|200px|ज़ोरामथंगा ज़ोरामथंगा (अंग्रेज़ी: Zoramthanga, जन्म- 13 जुलाई 1944) मिज़ोरम के पूर्व मुख्यमंत्री हैं। उन्हें भारतीय राज्य मिज़ोरम का मुख्यमंत्री बनने का गौरव दो बार प्राप्त हुआ है। सन 1998 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ज़ोरामथंगा ने मिज़ोरम पीपुल्स कॉन्फ्रेंस से गठजोड़ कर लिया था। इस सियासी गठजोड़ ने राज्य विधानसभा की 40 सीटों में से 33 जीत ली थीं। तब वह पहली बार मिज़ोरम के मुख्यमंत्री बने थे।
- ज़ोरामथंगा पहली बार 3 दिसम्बर, 1998 को राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। इस पद पर वह 11 दिसम्बर, 2008 तक रहे।
- वह दूसरी बार 15 दिसम्बर, 2018 को मुख्यमंत्री बने और 7 दिसम्बर, 2023 तक इस पद पर रहे।
- वह राजनीतिक दल 'मिज़ो नेशनल फ्रंट' के राजनीतिज्ञ हैं।
- सन 1966 में ज़ोरामथंगा 'मिज़ो नेशनल फ्रंट' के 'मिज़ो फ्रीडम मूवमेंट' के अंतर्गत अंडरग्राउंड मूवमेंट एक आंदोलन में शामिल हो गये और शहर छोड़कर जंगलों में रहने लगे। जंगलों में रहकर उन्होंने आंदोलन की तमाम गतिविधियों को अंजाम दिया।
- उन्होंने रन बंग इलाके के सचिव के रूप में तीन साल तक अपनी सेवाएं दीं।
- आगे चलकर ज़ोरामथंगा एमएनएफ के प्रमुख लालडेंगा के सचिव बन गये और पूर्वी पाकिस्तान (जो अब [[बांग्ला देश]] है) चले गये।
- विद्रोह के दौरान भारतीय सेना ने उन्हें गिरफ्तार किया और असम राइफल्स के क्वार्टर गार्ड में बंदी बनाकर रखा।
- 25 वर्षों के संघर्ष के बाद मिज़ो नेशनल फ्रण्ट ने 30 जून, 1986 को ऐतिहासिक मिज़ो शांति समझौते पर हस्ताक्षर किया और 1987 में मिज़ोरम को पूर्ण राज्य का दर्जा मिल गया। इस समझौते के बाद ज़ोरामथंगा राजनीति में आये और अपने पहले ही चुनाव में चंफई से पहली बार विधायक बने।
- सन 1998 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ज़ोरामथंगा ने मिज़ोरम पीपुल्स कॉन्फ्रेंस से गठजोड़ कर लिया। इस सियासी गठजोड़ ने राज्य विधानसभा की 40 सीटों में से 33 जीत ली थीं। तब वह पहली बार मिज़ोरम के मुख्यमंत्री बने थे।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
क्रमांक | राज्य | मुख्यमंत्री | तस्वीर | पार्टी | पदभार ग्रहण |