जल महल जयपुर: Difference between revisions

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*इसकी उपरी मंजिल की चारों कोनों पर बुर्जो की छतरीयां व बीच की बरादरिया, संगमरमर के स्‍तम्‍भों पर आधारित हैं।  
*इसकी उपरी मंजिल की चारों कोनों पर बुर्जो की छतरीयां व बीच की बरादरिया, संगमरमर के स्‍तम्‍भों पर आधारित हैं।  
*जलमहल अब पक्षी अभ्‍यारण के रूप में भी विकसित हो रहा है।
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Revision as of 05:18, 3 October 2010

[[चित्र:Jal-Mahal-Jaipur.jpg|thumb|250px|जल महल, जयपुर
Jal Mahal, Jaipur]]

  • जयपुर आमेर मार्ग पर मानसागर झील के मध्‍य स्थित इस महल का निर्माण सवाई जयसिंह ने अश्वमेध यज्ञ के बाद अपनी रानियों और पंडित के साथ अवभ्रत स्‍नान के लिए करवाया था।
  • इससे पूर्व जयसिंह ने जयपुर की जलापूर्ति हेतु गर्भावती नदी पर बांध बनवाकर मानसागर झील का निर्माण करवाया।
  • जलमहल मध्‍यकालीन महलों की तरह मेहराबों, बुर्जो, छतरियों एवं सीढीदार जीनों से युक्‍त दुमंजिला और वर्गाकार रूप में निर्मित भवन है।
  • इसकी उपरी मंजिल की चारों कोनों पर बुर्जो की छतरीयां व बीच की बरादरिया, संगमरमर के स्‍तम्‍भों पर आधारित हैं।
  • जलमहल अब पक्षी अभ्‍यारण के रूप में भी विकसित हो रहा है।
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