अन्तःस्रावी तन्त्र: Difference between revisions

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==अंतः स्त्रावी तंत्र की कार्यप्रणाली==
==अंतः स्त्रावी तंत्र की कार्यप्रणाली==
अंतःस्त्रावी तंत्र की सम्पूर्ण क्रियाविधि के निम्नलिखित तीन प्रमुख चरण होते हैं-
अंतःस्त्रावी तंत्र की सम्पूर्ण क्रियाविधि के निम्नलिखित तीन प्रमुख चरण होते हैं-
*शरीर की अंतःस्त्रावी ग्रंथियों की कोशिकाएँ हॉर्मोंस (hormones) नामक पदार्थों का संश्लेषण करके इन्हें ऊतक द्रव्य में स्त्रावित करती रहती हैं। ये हॉर्मोंस संकेत सूचनाओं का वहन करते हैं। ऊतक द्रव्य से ये हार्मोंस [[रुधिर]] में चले जाते हैं।  
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*ये हॉर्मोंस रुधिर के माध्यम से सम्पूर्ण शरीर में संचारित होते रहते हैं।  
*ये हॉर्मोंस रुधिर के माध्यम से सम्पूर्ण शरीर में संचारित होते रहते हैं।  
*कुछ हॉर्मोंस को शरीर की समस्त कोशिकाएँ रुधिर से ग्रहण कर सकती हैं।  
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Revision as of 04:46, 10 January 2011

(अंग्रेज़ी:Endocrine System) अन्तःस्रावी तन्त्र अधिकांश जीव जंतुओं के शरीर का आवश्यक अंग हैं। यह लेख मानव शरीर से संबंधित है। प्राणियों के शरीर में स्थित विशेष अंगों या अन्तःस्रावी ग्रन्थियों से स्रावित हॉर्मोन्स रासायनिक संदेशवाहकों के रूप में कार्य करके विभिन्न भागों में पहुँचाकर उपापचयी क्रियाओं में समन्वयन करते हैं। यह बहुत ही धीमी गति से होने वाली क्रिया है। यह पौधों व जन्तुओं दोनों में पाई जाती है।

अंतः स्त्रावी तंत्र की कार्यप्रणाली

अंतःस्त्रावी तंत्र की सम्पूर्ण क्रियाविधि के निम्नलिखित तीन प्रमुख चरण होते हैं-

  • शरीर की अंतःस्त्रावी ग्रंथियों की कोशिकाएँ हॉर्मोंस (hormones) नामक पदार्थों का संश्लेषण करके इन्हें ऊतक द्रव्य में स्त्रावित करती रहती हैं। ये हॉर्मोंस संकेत सूचनाओं का वहन करते हैं। ऊतक द्रव्य से ये हार्मोंस रुधिर में चले जाते हैं।
  • ये हॉर्मोंस रुधिर के माध्यम से सम्पूर्ण शरीर में संचारित होते रहते हैं।
  • कुछ हॉर्मोंस को शरीर की समस्त कोशिकाएँ रुधिर से ग्रहण कर सकती हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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